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अब स्कूल्स में भी होगा समेस्टर सिस्टम, न्यू एजुकेशन पॉलिसी के लिए ड्राफ्ट तैयार - केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से नई शिक्षा नीति तैयार की गई है. इसके तहत अब प्रदेश में स्कूली शिक्षा समेस्टर सिस्टम में तब्दील होगी जिसे लेकर ड्राफ्ट तैयार किया गया है.

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Published : Jun 3, 2019, 11:55 AM IST

शिमला: प्रदेश में नई शिक्षा नीति को लेकर ड्राफ्ट तैयार हो गया है. इस ड्राफ्ट में शिक्षा को लेकर कई नए और आवश्यक बदलाव शामिल गए हैं जिसके आधार पर स्कूली शिक्षा को भी समेस्टर में तब्दील करने का एक बड़ा बदलाव किया जा रहा है.

नई शिक्षा नीति को लेकर तैयार ड्राफ्ट में स्कूली शिक्षा को भी कॉलेज और विश्वविद्यालय के स्तर पर ही समेस्टर के तहत लाने का प्लान तैयार किया गया है. ड्राफ्ट में स्कूल में कक्षा नौंवी से लेकर 12वीं तक के छात्रों को आगामी समय में समेस्टर सिस्टम के तहत पढ़ाई करने के लिए तैयार रहना होगा.

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से तैयार की गई नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट के आधार पर स्टेट ने भी अपनी ड्राफ्ट नीति में इसे शामिल किया है. इसके तहत नौंवी से 12वीं कक्षा तक के आठ समेस्टर शामिल किए गए हैं.

जानकारी के आधार पर ड्राफ्ट में प्री नर्सरी से लेकर हायर एजुकेशन को लेकर कई तरह के प्रावधान किए गए हैं. इसके आधार पर प्री नर्सरी और नर्सरी कक्षाओं को भी राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत लाया जाएगा. स्कूल में ही बच्चों को मिड-डे मील के साथ ही सुबह का नाश्ता भी उपलब्ध करवाया जाएगा.

इसके अलावा एक अहम कदम इस ड्राफ्ट में लिए गया है, वो प्रदेश में हायर और सेकेंडरी शिक्षा को भी एक साथ ही मर्ज कर दिया जाएगा. यहां तक कि स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्तियां भी नए ड्राफ्ट में तय नियमों के तहत होंगी. वहीं, छठी कक्षा से छात्रों की भाषा पर पकड़ सही बने इसके लिए तीन भाषा विषय सिलेबस में शामिल किए जाएंगे. इन भाषाओं में संस्कृत के साथ ही अंग्रेजी और भारतीय भाषाओं को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा. छोटी कक्षाओं से ही बच्चों को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान देना अनिवार्य होगा.

नई नीति को लागू करने के लिए प्रदेश सरकार को निर्देश लागू हो चुके हैं. इस नई नीति में शिक्षा की गुणवत्ता के हर पहलू को शामिल किया गया है. छात्रों के साथ ही शिक्षकों के स्तर में भी सुधार के लिए चार वर्षीय बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू करने के साथ ही वोकेशनल कोर्स स्कूलों में चलाए जाएंगे.

ये भी पढ़ें - सैलानियों के लिए खुशखबरी, अब सुबह 10 बजे तक कर सकेंगे रोहतांग का दीदार

शिमला: प्रदेश में नई शिक्षा नीति को लेकर ड्राफ्ट तैयार हो गया है. इस ड्राफ्ट में शिक्षा को लेकर कई नए और आवश्यक बदलाव शामिल गए हैं जिसके आधार पर स्कूली शिक्षा को भी समेस्टर में तब्दील करने का एक बड़ा बदलाव किया जा रहा है.

नई शिक्षा नीति को लेकर तैयार ड्राफ्ट में स्कूली शिक्षा को भी कॉलेज और विश्वविद्यालय के स्तर पर ही समेस्टर के तहत लाने का प्लान तैयार किया गया है. ड्राफ्ट में स्कूल में कक्षा नौंवी से लेकर 12वीं तक के छात्रों को आगामी समय में समेस्टर सिस्टम के तहत पढ़ाई करने के लिए तैयार रहना होगा.

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से तैयार की गई नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट के आधार पर स्टेट ने भी अपनी ड्राफ्ट नीति में इसे शामिल किया है. इसके तहत नौंवी से 12वीं कक्षा तक के आठ समेस्टर शामिल किए गए हैं.

जानकारी के आधार पर ड्राफ्ट में प्री नर्सरी से लेकर हायर एजुकेशन को लेकर कई तरह के प्रावधान किए गए हैं. इसके आधार पर प्री नर्सरी और नर्सरी कक्षाओं को भी राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत लाया जाएगा. स्कूल में ही बच्चों को मिड-डे मील के साथ ही सुबह का नाश्ता भी उपलब्ध करवाया जाएगा.

इसके अलावा एक अहम कदम इस ड्राफ्ट में लिए गया है, वो प्रदेश में हायर और सेकेंडरी शिक्षा को भी एक साथ ही मर्ज कर दिया जाएगा. यहां तक कि स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्तियां भी नए ड्राफ्ट में तय नियमों के तहत होंगी. वहीं, छठी कक्षा से छात्रों की भाषा पर पकड़ सही बने इसके लिए तीन भाषा विषय सिलेबस में शामिल किए जाएंगे. इन भाषाओं में संस्कृत के साथ ही अंग्रेजी और भारतीय भाषाओं को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा. छोटी कक्षाओं से ही बच्चों को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान देना अनिवार्य होगा.

नई नीति को लागू करने के लिए प्रदेश सरकार को निर्देश लागू हो चुके हैं. इस नई नीति में शिक्षा की गुणवत्ता के हर पहलू को शामिल किया गया है. छात्रों के साथ ही शिक्षकों के स्तर में भी सुधार के लिए चार वर्षीय बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू करने के साथ ही वोकेशनल कोर्स स्कूलों में चलाए जाएंगे.

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Intro:प्रदेश में नई शिक्षा नीति को लेकर ड्राफ्ट तैयार हो गया है। इस ड्राफ्ट में शिक्षा को लेकर कई नए ओर आवश्यक बदलाव शामिल गए है जिसके आधार पर एक बड़ा बदलाव स्कूली शिक्षा को भी समेस्टर में तब्दील करने को लेकर किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति को लेकर जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है उसमें स्कूली शिक्षा को भी कॉलेज और विश्वविद्यालय के स्तर पर ही समेस्टर के तहत लाने का प्लान तैयार किया गया है। ड्राफ्ट में स्कूल में कक्षा नौंवी से लेकर 12वी तक के छात्रों को आगामी समय में समेस्टर सिस्टम के तहत पढ़ाई करने के लिए तैयार रहना होगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से तैयार की गई नई शिक्षा नीति का जो ड्राफ्ट है उसी के आधार पर स्टेट ने भी अपनी ड्राफ्ट नीति में इसे शामिल किया है। इस ड्राफ्ट में नौंवी से 12वी कक्षा तक के आठ समेस्टर शामिल किए गए है।


Body:नई शिक्षा नीति को लेकर जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है जानकारी के आधार पर उस ड्राफ्ट में प्री नर्सरी से लेकर हायर एजुकेशन को लेकर कई तरह के प्रावधान किए गए है। इसके आधार पर प्री नर्सरी ओर नर्सरी कक्षाओं को भी राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत लाया जाएगा। स्कूल में ही बच्चों को मिड डे मील के साथ ही सुबह का नाश्ता भी उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके अलावा एक जो अहम कदम इस ड्राफ्ट में लिए गया है वो है प्रदेश में हायर ओर सेकंडरी शिक्षा को भी एक साथ ही मर्ज कर दिया जाएगा। यहां तक कि स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्तियां भी नए ड्राफ्ट में तय नियमों के तहत होंगी वहीं छठी कक्षा से छात्रों की भाषा पर पकड़ सही बने इसके लिए तीन भाषा विषय सिलेबस में शामिल किए जाएंगे। दन भाषाओं में संस्कृत के साथ ही अंग्रेजी और भारतीय भाषाओं को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा। छोटी कक्षाओं से ही बच्चों को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान देना अनिवार्य होगा।


Conclusion:अब नई शिक्षा नीति को लेकर जो ड्राफ्ट तैयार किया गया है उसी के अनुरूप नई नीति को लागू करने के निर्देश प्रदेश सरकार को हुए है। नई शिक्षा नीति में शिक्षा की गुणवत्ता के हर पहलू को शामिल किया गया है । छात्रों के साथ ही शिक्षकों के स्तर में भी सुधार के लिए चार वर्षीय बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू करने के साथ ही वोकेशनल कोर्स स्कूलों में चलाए जाएंगे। बता नई शिक्षा नीति मव यूजीसी को हटा कर नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी ऑथोरिटी के हाथों में कमान होगी।
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