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मिड-डे मील वर्कर को मिलेगा 12 माह का वेतन, HC ने दिए ये आदेश

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Published : Nov 9, 2019, 10:39 AM IST

मीड-डे मील वर्करों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अब शिक्षा विभाग को मीड-डे मील वर्करों को पूरे साल का वेतन देना होगा.

हिमाचल में मिड डे मील वर्कर को मिलेगा 12 माह का वेतन

शिमला: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हजारों की संख्या में तैनात किए गए मिड-डे मील वर्कर को हाईकोर्ट ने दस माह के बजाए 12 महीने का वेतन दिए जाने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि वे मिड डे मील वर्कर को पूरे साल का वेतन दें. इससे पहले शिक्षा विभाग मिड-डे मील वर्कर को दस महीनों का वेतन देता था.

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मिड-डे मील वर्कर यूनियन की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने ये आदेश पारित किए हैं. प्रार्थी यूनियन ने अदालत से गुहार लगाईं थी कि मिड-डे मील वर्कर को बारह महीनों का वेतन दिया जाए. याचिका में आरोप लगाया गया था कि शिक्षा विभाग मीड-डे मील वर्कर के साथ भेदभाव कर रहा है. शिक्षा विभाग में कार्यरत गैर शिक्षक कर्मचारियो को भी पूरे साल का वेतन दिया जाता है, लेकिन उन्हें दस ही महीनों का वेतन दिया जा रहा है.

हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि शिक्षा विभाग मिड-डे मील वर्कर के साथ भेदभाव नहीं कर सकता इसलिए यह सविंधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुनाए गए निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि मिड डे मील वर्कर दस महीनों के बजाए बारह महीनों के वेतन के हकदार हैं.

शिमला: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में हजारों की संख्या में तैनात किए गए मिड-डे मील वर्कर को हाईकोर्ट ने दस माह के बजाए 12 महीने का वेतन दिए जाने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि वे मिड डे मील वर्कर को पूरे साल का वेतन दें. इससे पहले शिक्षा विभाग मिड-डे मील वर्कर को दस महीनों का वेतन देता था.

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मिड-डे मील वर्कर यूनियन की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने ये आदेश पारित किए हैं. प्रार्थी यूनियन ने अदालत से गुहार लगाईं थी कि मिड-डे मील वर्कर को बारह महीनों का वेतन दिया जाए. याचिका में आरोप लगाया गया था कि शिक्षा विभाग मीड-डे मील वर्कर के साथ भेदभाव कर रहा है. शिक्षा विभाग में कार्यरत गैर शिक्षक कर्मचारियो को भी पूरे साल का वेतन दिया जाता है, लेकिन उन्हें दस ही महीनों का वेतन दिया जा रहा है.

हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि शिक्षा विभाग मिड-डे मील वर्कर के साथ भेदभाव नहीं कर सकता इसलिए यह सविंधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुनाए गए निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि मिड डे मील वर्कर दस महीनों के बजाए बारह महीनों के वेतन के हकदार हैं.

प्रदेश के सरकारी  स्कूलों में हजारो की संख्या में तैनात किये गए “ मिड डे मील वर्कर” को हाई कोर्ट ने दस माह के बजाये बारह महीने का वेतन दिए जाने के आदेश दिए है/ न्यायाधीश अजय मोहन गोएल ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि वह “ मिड डे मील वर्कर” को पूरी साल का वेतन दें/ इससे पहले शिक्षा विभाग “ मिड डे मील वर्कर” को दस ही महीनो का वेतन देता था/  हिमाचल प्रदेश  मिड डे मील वर्कर यूनियन द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट ने उक्त आदेश पारित किये/ प्रार्थी यूनियन ने अदालत से गुहार लगाईं थी कि शिक्षा विभाग शिक्षा विभाग को आदेश दिए जाए कि “ मिड डे मील वर्कर”  को दस महीनो के बजाये बारह महीनो का वेतन दिया जाए/ याचिका में आरोप लगाया गया था कि शिक्षा विभाग प्रार्थी यूनियन के साथ भेदभाव कर रहा है/ शिक्षा विभाग में कार्यरत गैर शिक्षक कर्मचारियो को भी पूरी साल का वेतन दिया जाता है लेकिन उन्हें दस ही महीनो का वेतन दिया जा रहा है/

हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि शिक्षा विभाग “ मिड डे मील वर्कर” के साथ भेदभाव नहीं कर सकता इसलिए यह सविंधान के अनुच्छेद 14 का सरासर उल्लघन है/ हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाये गए निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि “ मिड डे मील वर्कर”  दस महिनो के बजाये बारह महीनो के वेतन के हकदार है/ अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि जब शिक्षा विभाग शिक्षक और गैर शिक्षक को भी हजारो रूपये पुरे साल अदा करता है तो उस स्थिति में सिक्षा विभाग “ मिड डे मील वर्कर” के साथ भेदभाव नहीं कर सकता/

अदालत ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि वह “ मिड डे मील वर्कर”  को भी दस महीनो के बजाये बारह महीनो का वेतन अदा करे/

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