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छात्र राजनीति ने प्रदेश को दिए कई बड़े नेता, बहाल किए जाएं छात्र संघ चुनाव- कुलदीप राठौर - कांग्रेस

हिमाचल के कॉलेजों में बढ़ती हिंसा की वजह से 2014 (वीरभद्र सरकार के समय) में छात्र संघ चुनावों पर रोक लगा दी गई थी. अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष छात्र संघ चुनाव करवाए जाने के पक्ष में उतर आए हैं.

कुलदीप राठौर
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Published : Jun 22, 2019, 4:27 PM IST

शिमलाः हिमाचल में पिछले 5 सालों से छात्र संघ चुनावों पर लगे प्रतिबंध को हटाने के पक्ष में कांग्रेस उतर आई है और सरकार से छात्र संघ बहाल करने की मांग की है. कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि वे खुद छात्र राजनीति से निकले है और छात्र राजनीति ने प्रदेश को बड़े बड़े नेता दिए है जो राष्टीय स्तर पर आज विभिन दलों में बड़े पदों पर पहुचे है.

कुलदीप राठौर ने कहा है कि सरकार को छात्र संघ चुनाव बहाल करने चाहिए और हिंसक घटनाओं से निपटने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए, न कि हिसंक घटनाओं के चलते चनावो पर ही प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. शैक्षणिक संस्थान हिंसा का केंद्र न बने इस पर सरकार को गम्भीरता से सोचना चाहिए.

कुलदीप राठौर, प्रदेश अध्यक्ष, हिमाचल कांग्रेस

राठौर ने कहा कि प्रदेश में एनएसयूआई काफी कमजोर हो गई है और उसे मजबूत करने के वे प्रयास करेंगे. इसको लेकर जल्द ही वे पूर्व एनएसयूआई अध्यक्षों की बैठक बुलाकर प्रदेश में एनएसयूआई को कैसे मजबूत किया जाए इस पर चर्चा की जाएगी.

बता दें हिमाचल में हिंसक घटनाओं के चलते 2014 (वीरभद्र सरकार के समय) में छात्र संघ चुनावों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया था. छात्र संगठन लंबे समय से छात्र संघ चुनावो की बहाली को लेकर आंदोलन करते रहे हैं, लेकिन न तो कांग्रेस सरकार के समय और न ही अब बीजेपी सरकार में छात्र संघ चुनावो की बहाली हो पाई है. हालांकि बीजेपी सरकार से छात्रों को चुनावो की बहाली की उम्मीद थी, लेकिन जयराम सरकार ने भी छात्र संघ चुनावो से प्रतिबंध नही हटाया है. इस बार भी छात्र संघ चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से करवाए जा रहे हैं.

शिमलाः हिमाचल में पिछले 5 सालों से छात्र संघ चुनावों पर लगे प्रतिबंध को हटाने के पक्ष में कांग्रेस उतर आई है और सरकार से छात्र संघ बहाल करने की मांग की है. कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि वे खुद छात्र राजनीति से निकले है और छात्र राजनीति ने प्रदेश को बड़े बड़े नेता दिए है जो राष्टीय स्तर पर आज विभिन दलों में बड़े पदों पर पहुचे है.

कुलदीप राठौर ने कहा है कि सरकार को छात्र संघ चुनाव बहाल करने चाहिए और हिंसक घटनाओं से निपटने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए, न कि हिसंक घटनाओं के चलते चनावो पर ही प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. शैक्षणिक संस्थान हिंसा का केंद्र न बने इस पर सरकार को गम्भीरता से सोचना चाहिए.

कुलदीप राठौर, प्रदेश अध्यक्ष, हिमाचल कांग्रेस

राठौर ने कहा कि प्रदेश में एनएसयूआई काफी कमजोर हो गई है और उसे मजबूत करने के वे प्रयास करेंगे. इसको लेकर जल्द ही वे पूर्व एनएसयूआई अध्यक्षों की बैठक बुलाकर प्रदेश में एनएसयूआई को कैसे मजबूत किया जाए इस पर चर्चा की जाएगी.

बता दें हिमाचल में हिंसक घटनाओं के चलते 2014 (वीरभद्र सरकार के समय) में छात्र संघ चुनावों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया था. छात्र संगठन लंबे समय से छात्र संघ चुनावो की बहाली को लेकर आंदोलन करते रहे हैं, लेकिन न तो कांग्रेस सरकार के समय और न ही अब बीजेपी सरकार में छात्र संघ चुनावो की बहाली हो पाई है. हालांकि बीजेपी सरकार से छात्रों को चुनावो की बहाली की उम्मीद थी, लेकिन जयराम सरकार ने भी छात्र संघ चुनावो से प्रतिबंध नही हटाया है. इस बार भी छात्र संघ चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से करवाए जा रहे हैं.

Intro:प्रदेश में पिछले 5 सालों से छात्र संघ चुनावो पर लगे प्रतिबंध को हटाने के पक्ष में कांग्रेस उतर आई है और सरकार से छात्र संघ बहाल करने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि वे खुद छात्र राजनीति से निकले है और छात्र राजनीति ने प्रदेश को बड़े बड़े नेता दिए है जो राष्टीय स्तर पर आज विभिन दलों में बड़े पदों पर पहुचे है। सरकार को छात्र संघ चुनाव बहाल करने चाहिए और हिंसक घटनाओं से निपटने के लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए न कि हिसंक घटनाओं के चलते चनावो पर ही प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। सरकार को चाहिए कि शैक्षणिक केंद्र हिंसा का केंद्र न बने इस पर सरकार को गम्भीरता से सोचना चाहिए।


Body:राठौर ने कहा कि प्रदेश में एनएसयूआई काफी कमजोर हो गई है और उसे मजबूत करने के वे प्रयास करेगे। इसको लेकर जल्द ही वे पूर्व एनएसयूआई अध्यक्षो की बैठक बुलाकर प्रदेश में एनएसयूआई को कैसे मजबूत किया जाए इस पर चर्चा की जाएगी।


Conclusion:बता दे हिमाचल में हिंसक घटनाओं के चलते 2014 में छात्र संघ चुनावो पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। छात्र संगठन लंबे समय से छात्र संघ चुनावो की बहाली को लेकर आंदोलन करते रहे है लेकिन न तो कांग्रेस सरकार के समय और न ही अब बीजेपी सरकार में छात्र संघ चुनावो की बहाली हो पाई है। हालांकि बीजेपी सरकार से छात्रों को चुनावो की बहाली की उम्मीद थी लेकिन जयराम सरकार ने भी छात्र संघ चुनावो से प्रतिबंध नही हटाया है। इस बार भी छात्र संघ चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से करवाए जा रहे है।
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