शिमला: कोरोना संकटकाल में लंबे समय के बाद जयराम सरकार का पसंदीदा कार्यक्रम जनमंच को रोना संकट के बाद फिर शुरू होने जा रहा है. 8 नवंबर को होने वाले जनमंच कार्यक्रम के लिए मंत्रियों की ड्यूटी लगा दी गई है. इस बार के जनमत कार्यक्रम से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी का नाम लिस्ट से गायब है.
यह प्रदेश सरकार का 21वां जनमंच होगा जिसमें 10 मंत्रियों सहित विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष प्रदेश के सभी 12 जिलों में कार्यक्रम का आयोजन करेंगे और लोगों की शिकायतें सुनेंगे लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि इस लिस्ट से प्रवीण चौधरी का नाम गायब है और ना ही रमेश धावाला को जनमंच कार्यक्रम में जगह दी गई है.
ऐसे में कांगड़ा जिला में सियासी बवाल खड़ा हो गया है दोनों ही ओबीसी नेता को जनमंच कार्यक्रम में जगह नहीं मिलने से राजनीतिक अटकलें लगना भी शुरू हो गई है. शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर के पॉजिटिव आने के बाद उम्मीद लगाई जा रही थी की कुल्लू में सरवीण चौधरी की ड्यूटी जनमंच के लिए लगाई जा सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ कुल्लू में फिलहाल गोविंद सिंह ठाकुर का नाम ही लिस्ट में शामिल किया गया है लेकिन अगर वह स्वस्थ नहीं होते हैं तो ऐसे में किसी और को वह भेजना पड़ेगा.
जनमंच कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार शिमला जिला के ठियोग में लोगों की समस्याएं सुनेंगे. जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर चंबा जिला के पांगी. तकनीकी शिक्षा मंत्री रामलाल मारकंडा लाहौल स्पीति जिला के काजा में, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर मंडी जिला के पद्धर में, उद्योग मंत्री विक्रम सिंह उना जिला के हरोली में, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर कुल्लू जिला के कुल्लू में, स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल किन्नौर में, ऊर्जा मंत्री सुखराम सोलन जिला के अर्की में, वन मंत्री राकेश पठानिया कांगड़ा जिला के बैजनाथ में, खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग हमीरपुर जिला के बड़सर में इसके अलावा विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज बिलासपुर में जनमंच कार्यक्रम के माध्यम से लोगों की समस्याएं सुनेंगे और उनका निदान करेंगे.
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