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15 जुलाई से IIAS में अंतरराष्ट्रीय विचार-गोष्ठी, भारतीय इतिहास पर होगी आलोचनात्मक समीक्षा - Shimla latest news

भारतीय इतिहास को लेकर भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान ओहियो की शॉनी स्टेट यूनिवर्सिटी के सहयोग से 15-16 जुलाई को 'हिस्ट्री ऑफ इंडिया- थ्योरी, मेथड व प्रैक्टिस' विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा.

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Published : Jul 14, 2021, 4:09 PM IST

Updated : Jul 14, 2021, 6:56 PM IST

शिमलाः भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (Indian Institute of Advanced Studies) की ओर से ओहियो की शॉनी स्टेट यूनिवर्सिटी के सहयोग से 15-16 जुलाई को 'हिस्ट्री ऑफ इंडिया (History of India)- थ्योरी, मेथड व प्रैक्टिस' विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. संगोष्ठी का आयोजन वर्चुअल माध्यम से होगा. संगोष्ठी में भारतीय इतिहास (Indian History) के सिद्धांतों, विधियों और उसके व्यावहारिक पहलुओं पर चर्चा की जाएगी. इसके अलावा साम्राज्यवादी इतिहास से पूर्व भारतीय इतिहास की खामियों पर भी प्रकाश डाला जाएगा. इस संगोष्टी में प्रारंभिक, द्वितीय सहस्राब्दी, कला, मानवशास्त्रीय और भारत-इस्लामिक इतिहास पर केंद्रित होगी.

बता दें कि भारतीय इतिहास लेखन की नींव औपनिवेशिक काल के दौरान रखी गई, जो आजादी के बाद भी भारत के इतिहास पर हावी रही. भारत आजादी के 75 वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है,ऐसे में भारतीय इतिहास की आलोचनात्मक समीक्षा करना आवश्यक है. इसी उद्देश्य से संस्थान वर्चुअल संगोष्ठी का आयोजन करेगा.

भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी अखिलेश पाठक ने बताया कि संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मकरंद आर. परांजपे कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. इस संगोष्ठी में प्रोफेसर वेंकटा आर. डॉक्टर नलिनी राव, डॉक्टर डी. पटेल, डॉक्टर आंद्रे विंक, प्रोफेसर पंकज जैन, डॉक्टर एस. मुखर्जी और डॉक्टर सोनालिका कॉल जैसे बड़े विद्वान संगोष्ठी में भाग लेंगे.

ये भी पढ़ें:सैन ब्रदर्स की जोड़ी टूटी! मनमीत सिंह की करेरी में मौत, धर्मशाला आए थे घूमने

शिमलाः भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (Indian Institute of Advanced Studies) की ओर से ओहियो की शॉनी स्टेट यूनिवर्सिटी के सहयोग से 15-16 जुलाई को 'हिस्ट्री ऑफ इंडिया (History of India)- थ्योरी, मेथड व प्रैक्टिस' विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. संगोष्ठी का आयोजन वर्चुअल माध्यम से होगा. संगोष्ठी में भारतीय इतिहास (Indian History) के सिद्धांतों, विधियों और उसके व्यावहारिक पहलुओं पर चर्चा की जाएगी. इसके अलावा साम्राज्यवादी इतिहास से पूर्व भारतीय इतिहास की खामियों पर भी प्रकाश डाला जाएगा. इस संगोष्टी में प्रारंभिक, द्वितीय सहस्राब्दी, कला, मानवशास्त्रीय और भारत-इस्लामिक इतिहास पर केंद्रित होगी.

बता दें कि भारतीय इतिहास लेखन की नींव औपनिवेशिक काल के दौरान रखी गई, जो आजादी के बाद भी भारत के इतिहास पर हावी रही. भारत आजादी के 75 वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है,ऐसे में भारतीय इतिहास की आलोचनात्मक समीक्षा करना आवश्यक है. इसी उद्देश्य से संस्थान वर्चुअल संगोष्ठी का आयोजन करेगा.

भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी अखिलेश पाठक ने बताया कि संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मकरंद आर. परांजपे कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे. इस संगोष्ठी में प्रोफेसर वेंकटा आर. डॉक्टर नलिनी राव, डॉक्टर डी. पटेल, डॉक्टर आंद्रे विंक, प्रोफेसर पंकज जैन, डॉक्टर एस. मुखर्जी और डॉक्टर सोनालिका कॉल जैसे बड़े विद्वान संगोष्ठी में भाग लेंगे.

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Last Updated : Jul 14, 2021, 6:56 PM IST
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