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एचपीयू कर्मचारी वर्ग ने सीएम जयराम से की मुलाकात, स्वायत्तता बहाली के लिए की 28(1) हटाने की मांग - सीएम जयराम

कर्मचारियों का कहना है कि कांग्रेस सरकार के समय में एचपीयू की वितीय स्वयत्ता को छीनने का लिए 28(1) को लागू किया गया. इसके बाद से वित्त से जुड़े किसी भी मामलों का फैसला लेने की स्वतंत्रता ही एचपीयू कुलपति से छीन गई.

एचपीयू कर्मचारी वर्ग की CM जयराम से मुलाकात
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Published : Jun 3, 2019, 8:29 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वयत्तता बहाली की मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री से की जा रही है. अपनी इसी मांग को लेकर सोमवार को एचपीयू के अधिकारी और कर्मचारी वर्ग ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात की और उनके सामने अपनी इस मांग को रखा. कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से यह आग्रह किया है कि एचपीयू जो कि एक संस्था है उसे वित्तीय स्वयत्तता भी प्रदान होनी चाहिए.

hpu non teaching staff meeting
एचपीयू कर्मचारी वर्ग की CM जयराम से मुलाकात


इस स्वयत्तता को बहाल करने के लिए कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से 28(1) को हटाने की मांग की. कर्मचारियों ने कहा कि अगर इसे हटा दिया जाता है तो एचपीयू के कुलपति को एचपीयू में विकास कार्य करने की स्वतंत्रता मिलेगी जिससे विश्वविद्यालय का विकास हो सकेगा.

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कर्मचारियों का कहना है कि कांग्रेस सरकार के समय में एचपीयू की वितीय स्वयत्ता को छीनने का लिए 28(1) को लागू किया गया. इसके बाद से वित्त से जुड़े किसी भी मामलों का फैसला लेने की स्वतंत्रता ही एचपीयू कुलपति से छीन गई. इतना ही नहीं 28(1) के लागू होने से पहले भी 35(ए) लगाकर एचपीयू के कुलपति की वितीय शक्तियों पर लगाम लगाने की कोशिश की गई थी जिसे भाजपा सरकार ने ही समाप्त किया था.

ये भी पढ़ें: मंडी में गर्भवती महिला ने लगाया फंदा, प्रताड़ना के आरोप में पति व सास गिरफ्तार


कर्मचारियों को आशा है कि मुख्यमंत्री उनकी मांग को पूरा करेंगे और 28(1) को हटा कर एचपीयू को वितीय स्वयत्ता प्रदान की जाएगी जिससे कि एचपीयू का विकास हो सके.

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एचपीयू कर्मचारी वर्ग की CM जयराम से मुलाकात
इसके साथ ही एचपीयू में स्वीपर पद पर कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने की भी मांग की. कर्मचारियों ने कहा कि रिपन अस्पताल में एक स्वीपर को 13 हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है जबकि एचपीयू में यह मात्र 6 हजार रुपये है. वहीं, मुख्यमंत्री ने भी एचपीयू के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से उनके समक्ष रखी गयी सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है.

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वयत्तता बहाली की मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री से की जा रही है. अपनी इसी मांग को लेकर सोमवार को एचपीयू के अधिकारी और कर्मचारी वर्ग ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात की और उनके सामने अपनी इस मांग को रखा. कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से यह आग्रह किया है कि एचपीयू जो कि एक संस्था है उसे वित्तीय स्वयत्तता भी प्रदान होनी चाहिए.

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एचपीयू कर्मचारी वर्ग की CM जयराम से मुलाकात


इस स्वयत्तता को बहाल करने के लिए कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से 28(1) को हटाने की मांग की. कर्मचारियों ने कहा कि अगर इसे हटा दिया जाता है तो एचपीयू के कुलपति को एचपीयू में विकास कार्य करने की स्वतंत्रता मिलेगी जिससे विश्वविद्यालय का विकास हो सकेगा.

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कर्मचारियों का कहना है कि कांग्रेस सरकार के समय में एचपीयू की वितीय स्वयत्ता को छीनने का लिए 28(1) को लागू किया गया. इसके बाद से वित्त से जुड़े किसी भी मामलों का फैसला लेने की स्वतंत्रता ही एचपीयू कुलपति से छीन गई. इतना ही नहीं 28(1) के लागू होने से पहले भी 35(ए) लगाकर एचपीयू के कुलपति की वितीय शक्तियों पर लगाम लगाने की कोशिश की गई थी जिसे भाजपा सरकार ने ही समाप्त किया था.

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कर्मचारियों को आशा है कि मुख्यमंत्री उनकी मांग को पूरा करेंगे और 28(1) को हटा कर एचपीयू को वितीय स्वयत्ता प्रदान की जाएगी जिससे कि एचपीयू का विकास हो सके.

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एचपीयू कर्मचारी वर्ग की CM जयराम से मुलाकात
इसके साथ ही एचपीयू में स्वीपर पद पर कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने की भी मांग की. कर्मचारियों ने कहा कि रिपन अस्पताल में एक स्वीपर को 13 हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है जबकि एचपीयू में यह मात्र 6 हजार रुपये है. वहीं, मुख्यमंत्री ने भी एचपीयू के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से उनके समक्ष रखी गयी सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है.
Intro:हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वयत्ता बहाली की मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री से की जा रही है। अपनी इसी मांग को लेकर सोमवार को एचपीयू के अधिकारी और कर्मचारी वर्ग ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात की ओर उनके सामने अपनी इस मांग को रखा। कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से यह आग्रह किया है कि एचपीयू जो कि एक संस्था है उसे वितीय स्वयत्ता भी प्रदान होनी चाहिए। ऐसे में इस स्वयत्ता को बहाल करने के लिए कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री से 28(1) को हटाने की मांग की। कर्मचारियों ने कहा कि अगर इसे हटा दिया जाता है तो एचपीयू के कुलपति को एचपीयू में विकास कार्य करने की स्वतंत्रता मिलेगी जिससे विश्वविद्यालय का विकास हो सकेगा।


Body:कर्मचारियों का कहना है कि कांग्रेस सरकार के समय में एचपीयू की वितीय स्वयत्ता को छीनने का लिए 28(1) को लागू किया गया। इसके बाद से वित्त से जुड़े किसी भी तरह के मामलों का फ़ैसला लेने की स्वतंत्रता ही एचपीयू कुलपति से छीन गई। इतना ही नहीं 28(1) के लागू होने से पहले भी 35(ए) लगाकर एचपीयू के कुलपति की वितीय शक्तियों पर लगाम लगाने की कोशिश की गई थी जिसे भाजपा सरकार ने ही समाप्त किया था। ऐसे के कर्मचारियों को इस बार भी यह आश है कि मुख्यमंत्री उनकी इस जायज मांग को भी पूरा करेंगे और 28(1) को हटा कर एचपीयू को वितीय स्वयत्ता प्रदान की जाएगी जिससे कि एचपीयू का विकास हो सके।


Conclusion:एचपीयू अधिकारी और कर्मचारी वर्ग में मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी अन्य मांगों को भी रखा जिसमें एचपीयू में लोकल ऑडिट जो कि एचपीयू के विकास कार्यों में बाधा बन रहा है उसे हटाया जाए। इसके साथ ही एचपीयू में स्वीपर पद पर कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने की मांग भी मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गई। कर्मचारियों ने कहा कि रिपन अस्पताल में एक स्वीपर को 13 हजार रुपए मानदेय दिया जा रहा है जबकि एचपीयू में यह मात्र 6 हजार रूपए है। उन्होंने मांग उठाई है कि एचपीयू के स्वीपर पद पर कार्य कर रहे कर्मचारियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की जाए। वहीं मुख्यमंत्री ने भी एचपीयू के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से उनके समक्ष रखी गयी सभी मांगो को पूरा करने का आश्वासन दिया है।

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