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फर्जी डिग्री मामला: MBU की सभी 36 हजार डिग्रीयों की जांच करेगा विनियामक आयोग

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Published : Apr 7, 2021, 6:29 PM IST

Updated : Apr 7, 2021, 7:28 PM IST

राज्यपाल के आदेशों के बाद अब निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग फर्जी डिग्री मामले में फसी मानव भारती विश्वविद्यालय की डिग्रियों को भी जांचेगा. सही डिग्रियों की जांच कर पात्र विद्यार्थियों को राहत देने के लिए आयोग ने यह फैसला लिया है. डिग्रियों की जांच करने के लिए आयोग उच्च स्तरीय कमेटी गठित करेगा.

फर्जी डिग्री मामला
फर्जी डिग्री मामला

शिमला: राज्यपाल के आदेशों के बाद अब निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग फर्जी डिग्री मामले में फंसी मानव भारती विश्वविद्यालय की डिग्रियों को भी जांचेगा. सही डिग्रियों की जांच कर पात्र विद्यार्थियों को राहत देने के लिए आयोग ने यह फैसला लिया है. डिग्रियों की जांच करने के लिए आयोग उच्च स्तरीय कमेटी गठित करेगा.

36 हजार डिग्रियों पर संदेह

फर्जी डिग्रियों की जांच के चलते कई विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है. विवि की करीब 36 हजार डिग्रियां संदेह के घेरे में हैं. मात्र पांच हजार डिग्रियों को सही बताया जा रहा है. इन डिग्रियों की जांच के लिए निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने कमेटी गठित करने का फैसला लिया है. जांच कमेटी में शिक्षा विभाग सहित अन्य अधिकारियों को शामिल किया जाएगा. डिग्रियों के सही पाए जाने पर विद्यार्थियों को नौकरी प्राप्त करने में आसानी हो जाएगी.

राज्यपाल ने दिए थे आदेश

बीते दिनों राज्यपाल ने भी स्वास्थ्य सचिव के साथ हुई बैठक में मानव भारती विवि से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित करने के आदेश दिए थे. इसके अलावा विश्वविद्यालय के कई विद्यार्थी भी राज्यपाल से मिले थे. आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि डिग्रियों की जांच करने के लिए जल्द ही उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाएगी. पात्र विद्यार्थियों के साथ नाइंसाफी न हो, इसके लिए डिग्रियों की जांच करने का फैसला लिया गया है.

पढ़ें: शिमलाः IGMC ने UK स्ट्रेन को लेकर जारी किया अलर्ट

शिमला: राज्यपाल के आदेशों के बाद अब निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग फर्जी डिग्री मामले में फंसी मानव भारती विश्वविद्यालय की डिग्रियों को भी जांचेगा. सही डिग्रियों की जांच कर पात्र विद्यार्थियों को राहत देने के लिए आयोग ने यह फैसला लिया है. डिग्रियों की जांच करने के लिए आयोग उच्च स्तरीय कमेटी गठित करेगा.

36 हजार डिग्रियों पर संदेह

फर्जी डिग्रियों की जांच के चलते कई विद्यार्थियों का भविष्य अधर में है. विवि की करीब 36 हजार डिग्रियां संदेह के घेरे में हैं. मात्र पांच हजार डिग्रियों को सही बताया जा रहा है. इन डिग्रियों की जांच के लिए निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने कमेटी गठित करने का फैसला लिया है. जांच कमेटी में शिक्षा विभाग सहित अन्य अधिकारियों को शामिल किया जाएगा. डिग्रियों के सही पाए जाने पर विद्यार्थियों को नौकरी प्राप्त करने में आसानी हो जाएगी.

राज्यपाल ने दिए थे आदेश

बीते दिनों राज्यपाल ने भी स्वास्थ्य सचिव के साथ हुई बैठक में मानव भारती विवि से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित करने के आदेश दिए थे. इसके अलावा विश्वविद्यालय के कई विद्यार्थी भी राज्यपाल से मिले थे. आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि डिग्रियों की जांच करने के लिए जल्द ही उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाएगी. पात्र विद्यार्थियों के साथ नाइंसाफी न हो, इसके लिए डिग्रियों की जांच करने का फैसला लिया गया है.

पढ़ें: शिमलाः IGMC ने UK स्ट्रेन को लेकर जारी किया अलर्ट

Last Updated : Apr 7, 2021, 7:28 PM IST
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