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अपने स्टोर्स को कोल्ड स्टोर में बदलेगा हिमफेड, इस साल खरीदा 27 हजार 968 मैट्रिक टन सेब

प्रदेश में हिमफैड के अलग-अलग स्थानों पर प्रयाप्त मात्रा में स्टोर हैं. इनमें से कुछ स्थानों को अगर कोल्ड स्टोर में बदल दिया जाए तो प्रदेश में कोल्ड स्टोर की कमी को दूर किया जा सकता है.

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Published : Nov 13, 2019, 9:37 PM IST

अपने स्टोर्स को कोल्ड स्टोर में बदलेगा हिमफेड, इस साल खरीदा 27 हजार 968 मैट्रिक टन सेब

शिमला: हिमफैड ने इस साल मंडियों से करीब 27 हजार 968 मैट्रिक टन सेब 22 करोड़ 37 लाख 49 हजार 400 में खरीदा था. औसत बिक्री करीब 81 करोड़ 22 लाख सात हजार 985 रुपये में की गई. इस हिसाब से सेब की औसतन बिक्री 2.95 रुपए प्रति किलो आई है. जबकि सरकार ने इस वर्ष 3.50 रुपए प्रति किलो बिक्री का अनुमान लगाया था.

गणेश दत्त ने कहा कि इस साल मंडी मध्यस्थता योजना की विशेषता यह रही कि हमारे 117 एकत्रिकरण केंद्रो में कहीं पर भी किसानों को एक भी बोरी सेब सड़ने की सूचना नहीं मिली है और कहीं से भी ट्रांसपोर्टेशन की शिकायत नहीं आई है.

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हिमफैड के चेयरमैन गणेश दत्त ने कहा कि इन्वेस्टर्स मीट में बागवानी और कृषि विभाग से कई एमओयू साइन हुए हैं. हिमफैड ने इस वर्ष मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सरकार की ओर से निर्धारित 8 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बागवानों को सेब का समर्थन मूल्य मिला है. सरकार की ओर से निर्धारित श्रेणी के सेब को मंडी मध्यस्थता योजना के तहत खरीदा जाता हैं. इसके बाद सेब एकत्रीकरण केंद्रों से यह सेब परवाणू मंडी में सरकारी संस्थाओं के सामने नीलाम किया जाता है.

गणेश दत्त ने ये भी कहा कि प्रदेश में हिमफैड (हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी विपणन एवं उपभोक्ता महासंघ) के अलग-अलग स्थानों पर प्रयाप्त मात्रा में स्टोर हैं. इनमें से कुछ स्थानों को अगर कोल्ड स्टोर में बदल दिया जाए तो प्रदेश में कोल्ड स्टोर की कमी को दूर किया जा सकता है. इससे घाटे में चल रहे हिमफैड की माली हालत में भी कुछ सुधार किया जा सकता है.

शिमला: हिमफैड ने इस साल मंडियों से करीब 27 हजार 968 मैट्रिक टन सेब 22 करोड़ 37 लाख 49 हजार 400 में खरीदा था. औसत बिक्री करीब 81 करोड़ 22 लाख सात हजार 985 रुपये में की गई. इस हिसाब से सेब की औसतन बिक्री 2.95 रुपए प्रति किलो आई है. जबकि सरकार ने इस वर्ष 3.50 रुपए प्रति किलो बिक्री का अनुमान लगाया था.

गणेश दत्त ने कहा कि इस साल मंडी मध्यस्थता योजना की विशेषता यह रही कि हमारे 117 एकत्रिकरण केंद्रो में कहीं पर भी किसानों को एक भी बोरी सेब सड़ने की सूचना नहीं मिली है और कहीं से भी ट्रांसपोर्टेशन की शिकायत नहीं आई है.

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हिमफैड के चेयरमैन गणेश दत्त ने कहा कि इन्वेस्टर्स मीट में बागवानी और कृषि विभाग से कई एमओयू साइन हुए हैं. हिमफैड ने इस वर्ष मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सरकार की ओर से निर्धारित 8 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बागवानों को सेब का समर्थन मूल्य मिला है. सरकार की ओर से निर्धारित श्रेणी के सेब को मंडी मध्यस्थता योजना के तहत खरीदा जाता हैं. इसके बाद सेब एकत्रीकरण केंद्रों से यह सेब परवाणू मंडी में सरकारी संस्थाओं के सामने नीलाम किया जाता है.

गणेश दत्त ने ये भी कहा कि प्रदेश में हिमफैड (हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी विपणन एवं उपभोक्ता महासंघ) के अलग-अलग स्थानों पर प्रयाप्त मात्रा में स्टोर हैं. इनमें से कुछ स्थानों को अगर कोल्ड स्टोर में बदल दिया जाए तो प्रदेश में कोल्ड स्टोर की कमी को दूर किया जा सकता है. इससे घाटे में चल रहे हिमफैड की माली हालत में भी कुछ सुधार किया जा सकता है.

Intro:Body:शिमला. हिमफैड के प्रदेश में अगल-अलग स्थानों पर प्रयाप्त मात्रा में स्टोर हैं अगर इनमें से कुछ को कोल्ड स्टोर में बदल दिया जाए तो प्रदेश में कोल्ड स्टोर की कमी दूर हो जाएगी. इसका दूसरा लाभ यह होगा की वर्षों से घाटे में चल रहे हिमफैड की माली हालत में भी कुछ सुधार किया जा सकता है यह बात हिमफैड के चेयरमैन गणेश दत्त ने कही. गणेश दत्त ने कहा कि इन्वेस्टर्स मीट में बागवानी और कृषि विभाग के अनेक एमओयू साइन हुए हैं अगर दोनों विभागों की तरफ से हिमफैड की प्रॉपर्टी को भी प्रयोग में लाया जाता है तो घाटे से उभरने में काफी मदद मिलेगी.

हिमफैड ने इस वर्ष मंडी मध्यस्तता योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित 8 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बागवानों को सेब का समर्थन मूल्य मिला है सरकार द्वारा निर्धारित श्रेणी के सेब को इस योजना के तहत खरीदा जाता है और सेब एकत्रीकरण केंद्रो से यह सेब परवाणू मंडी में सरकारी संस्थाओं के सामने नीलाम किया जाता है. हिमफैड ने इस वर्ष रिकार्ड तोड़ 27968.6750 मैट्रिक टन सेब की खरीद की है जिसमें मंडियों से 223749400 परक्योरमैंट कॉस्ट है औसत बिक्री 81227985 है 799105 बैग खरीदे गए सेब की औसतन बिक्री 2.95 रुपए प्रति किलो आई है. जबकि सरकार ने 3.50 रुपए प्रति किलो बिक्री का अनुमान लगाया है.

गणेश दत्त ने कहा कि इस साल मंडी मध्यस्तता योजना की विशेषता यह रही कि हमारे 117 एकत्रिकरण केंद्रो में कहीं पर भी किसानों को एक भी बोरी सेब सड़ने की सूचना नहीं है और कहीं से भी ट्रांसपोर्टेशन की शिकायत नहीं आई है

गणेश दत्त ने कहा कि इन्वेस्टर्स मीट में कृषि और बागवानी के क्षेत्र में जो भी निवेश होगा यदी सरकार चाहेगी तो हिमफैड मूल भूत ढांचा जिसमें स्टोर दोगाम और उपलब्ध स्थानों में सरकार को उपलब्ध करवाएंगे तथा विपणन के क्षेत्रों में जो भी कार्य हिमफैड को दिया जाएगा हम उसमें सरकार का सहयोग करने को तैयार हैं. Conclusion:
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