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विभिन्न राज्यों में फंसे 5000 हिमाचलियों तक पहुंची सरकार, प्रदेश में फंसे 13,209 प्रवासियों की हुई सहायता

राजस्व-आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने देश के विभिन्न राज्यों में फंसे लोगों से घर वापस आने के लिए ऑनलाइन या हेल्पलाइन नंबरों पर निकटतम संपर्क कार्यालयों से संपर्क करने का आग्रह किया है. इस दौरान उन्होंने बताया कि इन हेल्पलाइन नंबरों की मदद से देश के विभिन्न राज्यों में प्रदेश के सभी जिलों से फंसे अनेकों व्यक्तियों को घर वापस लाया गया हैं.

Himachal government
देश के विभिन्न राज्यों में फंसे 5000 से अधिक हिमाचल वासियों को जयराम सरकार ने पंहुचाया घर.
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Published : Apr 28, 2020, 11:09 PM IST

शिमला : राजस्व-आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने कहा कि हिमाचल वापिस आने वाले व्यक्तियों को ऑनलाइन आवेदन या हेल्पलाइन नंबरों पर निकटतम संपर्क कार्यालयों से संपर्क करना होगा. प्रदेश सरकार ने हेल्पलाइन नंबरों और ई-मेल के माध्यम से सहायता मांगने वाले 5000 से अधिक लोगों को सहायता की है.

राज्य आपात संचालन केंद्र में हेल्पलाइन नंबरों पर 1,618 कॉल्स दर्ज की गई. इन कॉल्स के माध्यम से सहायता की आवश्यकता वाले व्यक्तियों की संख्या 7000 से अधिक थी, जिनमें बिलासपुर के 517, चंबा के 590, हमीरपुर के 661, कांगड़ा के 1,532, किन्नौर के 90, कुल्लू के 201, लाहौल स्पीति के 80, मंडी के 828, शिमला का 787, सिरमौर के 148, सोलन के 647 और ऊना जिले के 188 व्यक्ति शामिल थे.

ओंकार शर्मा ने बताया कि बाहरी राज्यों में जरूरतमंद प्रदेशवासियों से प्राप्त कॉल्स के आधार पर आंध्र प्रदेश में 29 लोग, असम में 2, बिहार में 205, छत्तीसगढ़ में 10, गोवा में 600, गुजरात में 129, हरियाणा में 780, झारखंड में 5, कर्नाटक में 442, केरल में 7, मध्य प्रदेश में 151, महाराष्ट्र में 365 और नागालैंड में 1 व्यक्ति को भोजन, धन, चिकित्सा सहायता, आश्रय आदि के रूप में सहायता की आवश्यकता थी. इसके अलावा ओडिशा में 2 व्यक्ति, पंजाब में 1297, राजस्थान में 458, तमिलनाडु में 132, तेलंगाना में 22, चंडीगढ़ में 412, जम्मू-कश्मीर में 238, पुड्डूचेरी में 7, दिल्ली में 621, उत्तर प्रदेश में 342, उत्तराखंड में 166 और पश्चिम बंगाल में लगभग 500 व्यक्तियों को संबंधित राज्य सरकार के साथ समन्वय की ओर से आवश्यक सहायता प्रदान की गई.

प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार दिल्ली और चंडीगढ़ में अपने अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं और बाहर फंसे लोगों से प्राप्त कॉल और ई-मेल के आधार पर राहत कार्यों की निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखे हैं, जहां अधिक संख्या में हिमाचलवासी फंसे हुए हैं, जिससे उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके. राज्य नियंत्रण कक्ष के अधिकारी संबंधित राज्य सरकारों से लगातार संपर्क में हैं, जिससे हिमाचल के लोगों के भोजन, आश्रय और अन्य आवश्यकताओं को हल किया जा सके.

विभिन्न राज्यों में फंसे हिमाचलवासियों कि समस्याओं का हल:

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे विभिन्न राज्यों के 13,209 व्यक्तियों की शिकायतों का निवारण कर दिया गया है. इनमें बिहार राज्य के 8,808 व्यक्तियों, पश्चिम बंगाल के 948, उत्तर प्रदेश के 604, उत्तराखंड के 15, जम्मू और कश्मीर के 2,208, अरुणाचल प्रदेश के 103, दिल्ली के 34, झारखंड के 99, मध्य प्रदेश का 1, ओडिशा के 220, छत्तीसगढ़ के 163 और राजस्थान के 2 व्यक्तियों की समस्याओं का निवारण किया गया है. भारत सरकार के गृह और विदेश मंत्रालय के 2 व्यक्तियों की शिकायतों का निवारण भी किया गया है.

शिमला : राजस्व-आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने कहा कि हिमाचल वापिस आने वाले व्यक्तियों को ऑनलाइन आवेदन या हेल्पलाइन नंबरों पर निकटतम संपर्क कार्यालयों से संपर्क करना होगा. प्रदेश सरकार ने हेल्पलाइन नंबरों और ई-मेल के माध्यम से सहायता मांगने वाले 5000 से अधिक लोगों को सहायता की है.

राज्य आपात संचालन केंद्र में हेल्पलाइन नंबरों पर 1,618 कॉल्स दर्ज की गई. इन कॉल्स के माध्यम से सहायता की आवश्यकता वाले व्यक्तियों की संख्या 7000 से अधिक थी, जिनमें बिलासपुर के 517, चंबा के 590, हमीरपुर के 661, कांगड़ा के 1,532, किन्नौर के 90, कुल्लू के 201, लाहौल स्पीति के 80, मंडी के 828, शिमला का 787, सिरमौर के 148, सोलन के 647 और ऊना जिले के 188 व्यक्ति शामिल थे.

ओंकार शर्मा ने बताया कि बाहरी राज्यों में जरूरतमंद प्रदेशवासियों से प्राप्त कॉल्स के आधार पर आंध्र प्रदेश में 29 लोग, असम में 2, बिहार में 205, छत्तीसगढ़ में 10, गोवा में 600, गुजरात में 129, हरियाणा में 780, झारखंड में 5, कर्नाटक में 442, केरल में 7, मध्य प्रदेश में 151, महाराष्ट्र में 365 और नागालैंड में 1 व्यक्ति को भोजन, धन, चिकित्सा सहायता, आश्रय आदि के रूप में सहायता की आवश्यकता थी. इसके अलावा ओडिशा में 2 व्यक्ति, पंजाब में 1297, राजस्थान में 458, तमिलनाडु में 132, तेलंगाना में 22, चंडीगढ़ में 412, जम्मू-कश्मीर में 238, पुड्डूचेरी में 7, दिल्ली में 621, उत्तर प्रदेश में 342, उत्तराखंड में 166 और पश्चिम बंगाल में लगभग 500 व्यक्तियों को संबंधित राज्य सरकार के साथ समन्वय की ओर से आवश्यक सहायता प्रदान की गई.

प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार दिल्ली और चंडीगढ़ में अपने अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में हैं और बाहर फंसे लोगों से प्राप्त कॉल और ई-मेल के आधार पर राहत कार्यों की निगरानी की जा रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी पत्र लिखे हैं, जहां अधिक संख्या में हिमाचलवासी फंसे हुए हैं, जिससे उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके. राज्य नियंत्रण कक्ष के अधिकारी संबंधित राज्य सरकारों से लगातार संपर्क में हैं, जिससे हिमाचल के लोगों के भोजन, आश्रय और अन्य आवश्यकताओं को हल किया जा सके.

विभिन्न राज्यों में फंसे हिमाचलवासियों कि समस्याओं का हल:

हिमाचल प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में फंसे विभिन्न राज्यों के 13,209 व्यक्तियों की शिकायतों का निवारण कर दिया गया है. इनमें बिहार राज्य के 8,808 व्यक्तियों, पश्चिम बंगाल के 948, उत्तर प्रदेश के 604, उत्तराखंड के 15, जम्मू और कश्मीर के 2,208, अरुणाचल प्रदेश के 103, दिल्ली के 34, झारखंड के 99, मध्य प्रदेश का 1, ओडिशा के 220, छत्तीसगढ़ के 163 और राजस्थान के 2 व्यक्तियों की समस्याओं का निवारण किया गया है. भारत सरकार के गृह और विदेश मंत्रालय के 2 व्यक्तियों की शिकायतों का निवारण भी किया गया है.

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