शिमला: हिमालच में आई आपदा के बाद हर तरफ तबाही का मंजर है. प्रदेश में भारी बारिश से अस्त व्यस्त जनजीवन को पटरी पर लाने के लिए प्रयास जारी है. प्रशासन सड़कों और पेयजल परियोजनाओं को बहाल करने में जुटा हुआ है. बावजूद इसके अभी भी प्रदेश में सड़कें और पानी की परियोजनाएं बहाल नहीं हो पा रही है. प्रदेश में अभी भी 900 से ज्यादा पेयजल परियोजनाएं ठप हैं. जबकि 1,139 सड़कें अभी भी बाधित हैं. इससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
प्रदेश की 1189 सड़कें अभी भी बंद: प्रदेश में मूसलाधार बारिश से जानमाल को भारी नुकसान हो रहा है. प्रदेश में मानसून की बारिश में सड़कों, पानी की परियोजनाओं, निजी संपत्तियों को अब तक 1,312 करोड़ का नुकसान हो चुका है. मानसून शुरू होने से अब तक अकेले लोक निर्माण विभाग 710 करोड़ की क्षति हुई है. भारी बारिश से प्रदेश में सड़कें बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं और कई जगह पुल भी टूट गए हैं. प्रदेश भर में 1189 सड़कें अभी भी बंद हैं. इनमें सबसे अधिक 749 सड़कें लोक निर्माण विभाग शिमला जोन के तहत बंद हैं. जबकि मंडी जोन तहत भी 295 सड़कें बंद हैं. हमीरपुर जोन के तहत 35 सड़कें और कांगड़ा जोन के तहत 107 सड़कें बंद पड़ी हैं. लोक निर्माण विभाग सड़कों को बहाल करने के काम में जुटा है. प्रदेश में 884 मशीनें सड़कों को बहाल करने के काम में लगाई गई है.
पानी की 937 परियोजनाएं ठप: भारी बारिश से जल शक्ति विभाग की पानी की परियोजनाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. जल शक्ति विभाग को अभी तक 501 करोड़ से अधिक नुकसान अभी तक आंका गया है. मानसून में अब तक कुल 4842 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. जिनमें 3737 पेयजल परियोजनाएं हैं. भारी बारिश के बाद पानी की परियोजनाओं में गाद भरी हुई हैं, जिसको साफ करना का काम किया जा रहा है. इसके अलावा कई जगह पानी की लाइनें ही टूट गई हैं, जिनको बहाल किया जा रहा है. विभाग ने अभी तक 2800 पेयजल परियोजनाओं को बहाल कर दिया हैं. जबकि 937 परियोजनाओं से अभी भी पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही. इससे प्रदेश में कई जगह पानी की किल्लत हो गई है. पेयजल के अलावा जल शक्ति विभाग की 994 सिंचाई परियोजनाएं, 59 सीवरेज व 52 अन्य परियोजनाएं भी बारिश से क्षतिग्रस्त हैं. इनको बहाल करने में अभी समय लगने की संभावना है.
प्रदेश में कई जगह बिजली गुल: बिजली बोर्ड को इस बारिश ने करीब 103 करोड़ की चपत लगाई है. बारिश के बाद प्रदेश में कई जगह बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं और कई जगह बिजली के खंभे भी टूट गए हैं. इसको बहाल करने का काम जारी है, इसके बावजूद सैकड़ों ट्रांसफार्मर अभी भी बंद पड़े हुए हैं. प्रदेश में बागवानी को भी 75 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचा है. शहरों और नगर निकायों में करीब 3.15 करोड़ का नुकसान अभी तक आंका गया है.
बरसात में अब तक 88 लोगों की मौत: भारी बारिश से प्रदेश में भारी जानी नुकसान हुआ है. बीते तीन दिनों में ही करीब दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हुई है. इसके साथ ही मानसून में अब तक प्रदेश में 88 जानें जा चुकी हैं. शिमला जिला में 24 लोगों और कुल्लू जिला में 27 लोगों की मौत हुई है. चंबा में 10 लोगों की मौत हुई है. सोलन में 7 लोगों की जबकि हमीरपुर में 5 लोगों की और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है. बिलासपुर और किन्नौर जिला में 3-3 लोगों की मौत बरसात में हुई है. ऊना और मंडी 2-2 लोगों और कांगड़ा में एक की मौत हुई हैं. इसके अलावा बरसात में होने वाले हादसों की वजह से एक सौर लोग भी जख्मी हुए हैं.
भारी बारिश से 764 लोगों का आशियाना ढहा: भारी बारिश के बाद भूस्खलन और बाढ़ से प्रदेश के कई हिस्सों में रियाहशी आवासों, दुकानों और गौशालाओं को भी क्षति पहुंची है. प्रदेश में बरसात शुरू होने से अब तक 764 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 170 घर पूरी तरह से तबाह हो गए, जबकि 594 मकानों को आंशिक तौर पर क्षति पहुंची है. इनके अलावा 8 दुकानों को भी बारिश से क्षति हुई है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 492 गौशालाएं भी भारी बारिश में ढह गई हैं जबकि 492 पशुओं की जानें भी बरसात में हुई हैं.
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