शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून की बारिश ने कहर बरपाया है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार भारी बारिश ने हिमाचल को करीब 8600 करोड़ रुपये की चपत लगाई है. सड़कों, पानी व अन्य परियोजनाओं के अलावा निजी संपत्तियों को भी बारिश ने भारी क्षति पहुंचाई है. प्रदेश में क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और पानी की परियोजनाओं को बहाल करने का काम जारी है, मगर अभी भी काफी संख्या में सड़कें बंद हैं. कई पानी की परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हैं. प्रदेश में 488 सड़कें अभी भी बंद पड़ी हुई हैं. इस बार बारिश ने 376 लोगों की जान भी ली है.
मानसून से तबाही: हिमाचल प्रदेश में मानसून में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हो रही है. अब तक करीब 8600 करोड़ का नुकसान बारिश से प्रदेश में आंका गया है. जानकारी के अनुसार जिसमें पीडब्ल्यूडी को 2913 करोड़ की क्षति आंकी गई है. लैंडस्लाइड से सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. वहीं, 97 पुलों को नुकसान पहुंचा है. जबकि 19 पुल बाढ़ के सैलाब की भेंट चढ़ कर बह गए हैं.
हिमाचल में सैकड़ों सड़कें बंद: हिमाचल प्रदेश में बारिश के बाद लैंडस्लाइड से सड़कें बंद हो रही हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 488 सड़कें बंद हैं. इनमें पीडब्ल्यूडी मंडी जोन के तहत 223 और शिमला जोन के तहत 119 सड़कें बंद हैं. इसी तरह हमीरपुर जोन में 82 और कांगड़ा जोन में 62 सड़कें बंद हैं. पीडब्ल्यूडी सड़कों की बहाली के काम में जुटा हुआ है.
पानी की 154 परियोजनाएं बंद: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद लैंडस्लाइड और सिल्ट से बड़ी संख्या में पानी व अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मिली जानकारी के मुताबिक मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 19,515 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 11,037 पेयजल परियोजनाएं हैं. हालांकि इनमें से करीब 10,883 परियोजनाएं अस्थाई तौर पर बहाल कर दी गई हैं. मगर अभी भी 154 परियोजनाएं बंद हैं. इससे कई इलाकों में पानी की दिक्कत लोगों को आ रही हैं. पेयजल के अलावा सिंचाई की 2686 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 168 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 2115 करोड़ का नुकसान हो चुका है.
विभिन्न विभागों में करोड़ों का नुकसान: राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1738 करोड़, कृषि को करीब 335 करोड़ और बागवानी विभाग को करीब 173 करोड़ की क्षति आंकी गई है. इसके अलावा ग्रामीण विकास विभाग को 369 करोड़ और शिक्षा विभाग को 118 करोड़ का नुकसान बरसात की वजह से हुआ है. भारी बारिश के चलते स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ की क्षति और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ का नुकसान हुआ है. जबकि प्रदेश के अन्य विभागों को 121 करोड़ के नुकसान का आकलन किया गया है.
आपदा की भेंट चढ़े हजारों आशियाने: वहीं, प्रदेश में लैंडस्लाइड और बाढ़ की चपेट में बड़ी संख्या में रिहायशी व अन्य मकान भी आए हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 12,949 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिनमें 2445 मकान पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. जबकि 10,504 मकानों को क्षति पहुंची है. प्रदेश में 306 दुकानों व व्यापारिक संस्थानों के अलावा 5384 गौशालाएं भी लैंडस्लाइड और बारिश में ढह गईं. इस बरसात में बड़ी संख्या में लोगों की जानें भी गई हैं. बारिश में होने वाले हादसों में 376 जानें गई हैं जबकि 349 लोग जख्मी हुए हैं.
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