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प्रशासनिक ट्रिब्यूनल भंग करने को EX CM वीरभद्र ने कहा दुर्भाग्यपूर्ण, फैसले को बताया कर्मचारी विरोधी

प्रदेश सरकार के प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. पूर्व सीएम ने कहा कि जयराम सरकार ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद कर अपना कर्मचारी विरोधी रवैया दिखा दिया है.

पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह (फाइल फोटो)
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Published : Jul 20, 2019, 2:42 AM IST

शिमला: प्रदेश की जयराम सरकार के प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. वीरभद्र सिंह ने कहा प्राधिकरण से कर्मचारियों को जल्द और कम खर्च पर न्याय मिलता था. सरकार को इसे सुदृढ़ करना चाहिए था और रिक्त पदों को भरना चाहिए था.

पूर्व सीएम ने कहा कि जयराम सरकार ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद कर अपना कर्मचारी विरोधी रवैया दिखा दिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को अपने हक लेने के लिए अब हाईकोर्ट जाना पड़ेगा, जहां अधिक कार्य होने की वजह से मामलों को निपटाने में काफी समय लगेगा.

वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल का सर्किट बेंच प्रदेश के धर्मशाला और मंडी जाकर मामलों का निपटारा करता था, जिससे अब तक लोगों के घर द्वार पर उनकी समस्याओं का निराकरण हो रहा था. वहीं, अब जयराम सरकार ने कर्मचारियों की हितों को दरकिनार कर ट्रिब्यूनल को ही बंद कर दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे में मजीठा हाउस में राज्य प्रशासनिक प्राधिकरण कार्यालय को स्थापित करने के लिए खर्च किए गए लाखों रुपये व्यर्थ हो जाएंगे.

ये भी पढे़ं-ट्रिब्यूनल भंग करने के फैसले से अराजपत्रित कर्मचारी खुश, बोले- सरकार का निर्णय सही

शिमला: प्रदेश की जयराम सरकार के प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने के फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. वीरभद्र सिंह ने कहा प्राधिकरण से कर्मचारियों को जल्द और कम खर्च पर न्याय मिलता था. सरकार को इसे सुदृढ़ करना चाहिए था और रिक्त पदों को भरना चाहिए था.

पूर्व सीएम ने कहा कि जयराम सरकार ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद कर अपना कर्मचारी विरोधी रवैया दिखा दिया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को अपने हक लेने के लिए अब हाईकोर्ट जाना पड़ेगा, जहां अधिक कार्य होने की वजह से मामलों को निपटाने में काफी समय लगेगा.

वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल का सर्किट बेंच प्रदेश के धर्मशाला और मंडी जाकर मामलों का निपटारा करता था, जिससे अब तक लोगों के घर द्वार पर उनकी समस्याओं का निराकरण हो रहा था. वहीं, अब जयराम सरकार ने कर्मचारियों की हितों को दरकिनार कर ट्रिब्यूनल को ही बंद कर दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसे में मजीठा हाउस में राज्य प्रशासनिक प्राधिकरण कार्यालय को स्थापित करने के लिए खर्च किए गए लाखों रुपये व्यर्थ हो जाएंगे.

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Intro:प्रदेश की जयराम सरकार के प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने फैसले को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। वीरभद्र सिंह ने कहा प्राधिकरण से कर्मचारियों को शीघ्र एवं कम खर्च पर न्याय मिलता था। सरकार को इसे सुदृढ़ करना चाहिए था और रिक्त पदों को भरना चाहिए था। लेकिन सरकार ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद कर दिया और इस फैसले से अपना कर्मचारी विरोधी रवैया दिखा दिया है। Body:वीरभद्र सिंह ने कहा प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को अपने हक को प्राप्त करने के लिए अब हाईकोर्ट जाना पड़ेगा, जहां अधिक कार्य होने की वजह से मामलों को निपटाने में काफी समय लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल का सर्किट बैंच प्रदेश के धर्मशाला और मंडी जाकर मामलों का निपटारा करता था, जिससे अब तक लोगों के घर द्वार पर उनकी समस्याओं का निराकरण हो रहा था ।लेकिन सरकार ने कर्मचारियों की हितो को दरकिनार कर ट्रिब्यूनल को ही बंद कर दिया है ! उन्होंने कहा कि ऐसे में मजीठा हाउस में राज्य प्रशासनिक प्राधिकरण कार्यालय को स्थापित करने के लिए खर्च किए गए लाखों रुपये व्यर्थ हो जाएंगे। Conclusion:null
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