ETV Bharat / state

1159 गैलेंटरी अवॉर्ड्स से दमक रही हिमाचल की तस्वीर, 1652 जवान देश सेवा में हुए शहीद

हिमाचल की धरती पर जन्मे कई वीर सपूतों ने देश के नाम शहादत प्राप्त की है. प्रदेश के कुल 1652 जवान देश की रक्षा में बलिदान हुए है. जिसकी जानकारी हाल ही में सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन में दी.

author img

By

Published : Mar 4, 2020, 4:02 PM IST

etv-indias-interview-with-mla-colonel-inder-singh
विधायक कर्नल इंदर सिंह से ईटीवी भारत की खास बातचीत,

शिमला: हिमाचल के 1652 जवान देश की रक्षा में बलिदान हुए हैं. प्रदेश में 1,18,642 पूर्व सैनिक हैं. इससे भी बढ़कर 1159 गैलेंटरी अवॉर्ड्स से हिमाचल की तस्वीर दमक रही है. जिनमें भारतीय सेना के सर्वोच्च सम्मान के तौर पर 4 परमवीर चक्र, 2 अशोक चक्र, 10 महवीर चक्र, 18 कीर्ति चक्र, 51 वीरचक्र, 89 शौर्य चक्र और 985 अन्य सेना मैडल शामिल हैं.

अगर आबादी के लिहाज से देखें तो भारतीय सेना को मिले शौर्य सम्मानों में से हर 10वां मेडल हिमाचल के जवान के सीने पर सजा है. लंबे समय तक सेना में सेवाएं दे चुके सरकाघाट से विधायक कर्नल इंदर सिंह ने कहा की अदम्य साहस की दृष्टि से देखें तो मेजर सोमनाथ शर्मा की बहादुरी ने देश के पहले परमवीर चक्र की गाथा लिखी. कबाइली हमले के दौरान मेजर सोमनाथ की दिलेरी किसी परिचय का मोहताज नहीं है.

विधायक कर्नल इंदर सिंह ने कहा कि 1962 की जंग में मेजर ध्यान सिंह थापा ने अपनी बहादुरी से सारी दुनिया को कायल किया था. करगिल की जंग में कैप्टन विक्रम बत्रा का खोफ पाकिस्तान की सेना पर इस कदर था कि वह उसे शेरशाह पुकारते थे.

वीडियो रिपोर्ट

कर्नल इंद्र सिंह ने कहा कि कैप्टन बत्रा ने अंतिम सांस युद्ध भूमि में ली. उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र दिया गया. करगिल जंग में ही राइफलमैन संजय कुमार का साहस अतुलनीय रहा. इसी तरह कण-कण में देवता और घर-घर में शूरवीर की परंपरा की तस्वीर लगातार दमक रही है.

कर्नल इंदर सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पूर्व सैनिकों विकलांग पूर्व सैनिकों और युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को रोजगार देने के लिए निर्देशक सैनिक कल्याण के नियंत्रण में विशेष रोजगार कक्ष की स्थापना की है. पूर्व सैनिक और आश्रित अपनी शैक्षणिक एवं तकनीकी योग्यता केवल 3 पदों के लिए अपने रोजगार कार्यालय में पंजीकर्ण करवा सकते हैं.

इंदर सिंह ने कहा कि रोजगार कार्यालय पंजीकरण के बाद 24 घंटे के अंदर उम्मीदवारों के अनुलिपि कार्ड पूर्व विशेष रोजगार कक्ष में भेजने के आदेश सरकार ने जारी किए हैं. उम्मीदवारों का पंजीकरण 3 साल के अंदर नवीनीकृत करना अनिवार्य है. अगर पंजीकरण को नवीनीकृत नहीं करवाया जाता है तो पंजीकरण रद्द हो जाता है.

इंदर सिंह ने बताया कि सभी सरकारी विभाग सीधी भर्ती में भरे जाने वाले पदों को भरते समय पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों को विशेष रोजगार कक्ष को मांग पत्र द्वारा अधिसूचित करते हैं. पद की शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के आधार जो पूर्व सैनिक अथवा उनके आश्रित योग्य होते हैं, उन्हें निश्चित दिन को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है.

इंदर सिंह ने बताया कि युद्ध विधवाओं को पुत्री की शादी के लिए 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है. युद्ध या फिर युद्ध जैसी परिस्थिति में शहीद सैनिक को 20,00,000 रुपये अनुग्रह राशि प्रदान की जाती है.

इसके अलावा बीमारी या किसी अन्य कारणों से मरने वाले सैनिक को 5,00,000 रुपये 50 फीसदी या इससे अधिक की अपंगता वाले सैनिक जो कि इस अपंगता के कारण सेवानिवृत्त हुए है उन्हें 2.50 लाख रुपये, 50 फीसदी से कम की अपंगता वाले सैनिक जो कि इस अपंगता के कारण सेवानिवृत्त हुए हो उन्हें 1,00,000 रुपये अनुग्रह राशि दी जाती है.

ये भी पढ़ें:नगर परिषद नाहन का स्वच्छता की दिशा में एक ओर कदम, डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रह हुआ शुरू

शिमला: हिमाचल के 1652 जवान देश की रक्षा में बलिदान हुए हैं. प्रदेश में 1,18,642 पूर्व सैनिक हैं. इससे भी बढ़कर 1159 गैलेंटरी अवॉर्ड्स से हिमाचल की तस्वीर दमक रही है. जिनमें भारतीय सेना के सर्वोच्च सम्मान के तौर पर 4 परमवीर चक्र, 2 अशोक चक्र, 10 महवीर चक्र, 18 कीर्ति चक्र, 51 वीरचक्र, 89 शौर्य चक्र और 985 अन्य सेना मैडल शामिल हैं.

अगर आबादी के लिहाज से देखें तो भारतीय सेना को मिले शौर्य सम्मानों में से हर 10वां मेडल हिमाचल के जवान के सीने पर सजा है. लंबे समय तक सेना में सेवाएं दे चुके सरकाघाट से विधायक कर्नल इंदर सिंह ने कहा की अदम्य साहस की दृष्टि से देखें तो मेजर सोमनाथ शर्मा की बहादुरी ने देश के पहले परमवीर चक्र की गाथा लिखी. कबाइली हमले के दौरान मेजर सोमनाथ की दिलेरी किसी परिचय का मोहताज नहीं है.

विधायक कर्नल इंदर सिंह ने कहा कि 1962 की जंग में मेजर ध्यान सिंह थापा ने अपनी बहादुरी से सारी दुनिया को कायल किया था. करगिल की जंग में कैप्टन विक्रम बत्रा का खोफ पाकिस्तान की सेना पर इस कदर था कि वह उसे शेरशाह पुकारते थे.

वीडियो रिपोर्ट

कर्नल इंद्र सिंह ने कहा कि कैप्टन बत्रा ने अंतिम सांस युद्ध भूमि में ली. उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र दिया गया. करगिल जंग में ही राइफलमैन संजय कुमार का साहस अतुलनीय रहा. इसी तरह कण-कण में देवता और घर-घर में शूरवीर की परंपरा की तस्वीर लगातार दमक रही है.

कर्नल इंदर सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पूर्व सैनिकों विकलांग पूर्व सैनिकों और युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों को रोजगार देने के लिए निर्देशक सैनिक कल्याण के नियंत्रण में विशेष रोजगार कक्ष की स्थापना की है. पूर्व सैनिक और आश्रित अपनी शैक्षणिक एवं तकनीकी योग्यता केवल 3 पदों के लिए अपने रोजगार कार्यालय में पंजीकर्ण करवा सकते हैं.

इंदर सिंह ने कहा कि रोजगार कार्यालय पंजीकरण के बाद 24 घंटे के अंदर उम्मीदवारों के अनुलिपि कार्ड पूर्व विशेष रोजगार कक्ष में भेजने के आदेश सरकार ने जारी किए हैं. उम्मीदवारों का पंजीकरण 3 साल के अंदर नवीनीकृत करना अनिवार्य है. अगर पंजीकरण को नवीनीकृत नहीं करवाया जाता है तो पंजीकरण रद्द हो जाता है.

इंदर सिंह ने बताया कि सभी सरकारी विभाग सीधी भर्ती में भरे जाने वाले पदों को भरते समय पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षित पदों को विशेष रोजगार कक्ष को मांग पत्र द्वारा अधिसूचित करते हैं. पद की शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के आधार जो पूर्व सैनिक अथवा उनके आश्रित योग्य होते हैं, उन्हें निश्चित दिन को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है.

इंदर सिंह ने बताया कि युद्ध विधवाओं को पुत्री की शादी के लिए 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है. युद्ध या फिर युद्ध जैसी परिस्थिति में शहीद सैनिक को 20,00,000 रुपये अनुग्रह राशि प्रदान की जाती है.

इसके अलावा बीमारी या किसी अन्य कारणों से मरने वाले सैनिक को 5,00,000 रुपये 50 फीसदी या इससे अधिक की अपंगता वाले सैनिक जो कि इस अपंगता के कारण सेवानिवृत्त हुए है उन्हें 2.50 लाख रुपये, 50 फीसदी से कम की अपंगता वाले सैनिक जो कि इस अपंगता के कारण सेवानिवृत्त हुए हो उन्हें 1,00,000 रुपये अनुग्रह राशि दी जाती है.

ये भी पढ़ें:नगर परिषद नाहन का स्वच्छता की दिशा में एक ओर कदम, डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रह हुआ शुरू

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.