शिमला : हिमाचल में साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं और ठगी के फ्रॉड कॉल्स इशारा करते हैं कि हिमाचल देश भर के साइबर ठगों के निशाने पर है. हाल फिलहाल में डेढ़ महीने के अंतराल में साइबर ठगों ने हिमाचल की जनता से 2.68 करोड़ रुपए की ठगी की है. देशभर के राज्यों से साइबर ठग हिमाचल की जनता को लूटने में लगे हैं. एक साल का आंकड़ा देखें तो साइबर लुटेरों ने हिमाचल की जनता को ठगी की 798 कॉल्स की हैं. सबसे ज्यादा फ्रॉड की फोन कॉल्स पश्चिम बंगाल से आ रही हैं. हैरानी की बात है कि देश भर के कई राज्यों में फैले साइबर ठग हिमाचल के लोगों को निशाना बना रहे हैं. हिमाचल पुलिस का साइबर सैल समय-समय पर लोगों को जागरुक करता है, लेकिन फिर भी ठगी के मामले कम नहीं हो रहे हैं.
शिमला स्थित साइबर सेल की मानें तो हिमाचल में साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं. फोन कॉल पर साइबर ठग लोगों को तरह-तरह के पैंतरे आजमाकर ठगने की कोशिश करते हैं. पश्चिमी बंगाल से सबसे अधिक कॉल्स आ रही हैं. इसके अलावा दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, राजस्थान, झारखंड, ओडीशा, मध्यप्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र व तमिलनाडू से भी कॉल्स आ रही हैं. पूर्व के राज्य हों या पश्चिमी भारत के राज्य या फिर देश के तमिलनाडू जैसे दक्षिणी राज्य, हिमाचल की जनता वहां के साइबर ठगों के निशाने पर है. दक्षिणी राज्यों में से कर्नाटक, आंध्र प्रदेश से भी ठग फोन कर लूट मचा रहे हैं. जाली सिम कार्ड का प्रयोग किया जा रहा है. इन ठगों के पास राज्य की कुछ योजनाओं का भी डाटा रहता है. वो इन योजनाओं के सहारे शातिराना अंदाज से लोगों को फांसते हैं.
पश्चिमी बंगाल के साइबर ठग सबसे अधिक सक्रिय हैं. अकेले पश्चिमी बंगाल से एक साल में हिमाचल में 231 कॉल्स ठगी के लिए आई. इसके बाद ओडीशा से अभी तक एक साल में 107 फर्जी फोन कॉल्स आई हैं. इसी तरह उत्तर प्रदेश से 64, दिल्ली से 61, बिहार व असम से 42-42, राजस्थान से 36, झारखंड से 29, एमपी से 27, हरियाणा से 18, गुजरात से 17, पंजाब से 16 व महाराष्ट्र से 15 फर्जी कॉल्स आई हैं. इसी तरह छत्तीसगढ़ से 11, तमिलनाडू से 8, कर्नाटक से भी 8 व आंध्र प्रदेश से साइबर ठगों की एक साल में सात फोन कॉल्स आई. हाल ही में आईटीबीपी के एक जवान ने ढाई करोड़ की लॉटरी के लालच में 72 लाख रुपए गंवा दिए.
कई लोग तो ठगे जाने के बाद शर्म के मारे न तो सामने आते हैं और न ही पुलिस में शिकायत दर्ज करवाते हैं. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग की एक कर्मचारी ने 85 लाख रुपए लुटा दिए, लेकिन शर्म के मारे पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं की. डेढ़ माह में 2.68 करोड़ रुपए की ठगी के ये वो मामले हैं, जिनमें पुलिस के पास शिकायत दर्ज हुई है. साइबर क्राइम के एएसपी भूपेंद्र नेगी का कहना है कि जनता को फेक कॉल्स की पहचान करना जरूरी है. किसी भी कीमत पर किसी तरह के लालच में नहीं आना चाहिए.
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