शिमला: हिमाचल सरकार औद्योगिक और दवाओं इत्यादी के इस्तेमाल के लिए भांग की खेती शुरू करने पर विचार कर रही है. इसके लिए बागवान मंत्री जगत सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित का गठन किया गया है. कमेटी ने आज बागवान मंत्री जगत सिंह नेगी की अगुवाई में सेंटर फॉर एक्सीलेंस एरोमैटिक क्रॉप्स सेलाकुई देहरादून का दौरा किया. इस दौरान जगत सिंह नेगी ने कहा कि औद्योगिक और गैर-मादक उपयोग के लिए भांग की खेती शुरु करने को लेकरव हिमाचल प्रदेश सरकार सभी पहलुओं पर विचार कर रही है.
भांग की खेती के जाने विभिन्न पहलू: जगत सिंह नेगी ने बताया कि कमेटी ने इस सेंटर के दौरे के दौरान भांग की खेती शुरू करने को लेकर विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से जानकारी हासिल की है. इस दौरान विभिन्न विशेषज्ञों से भाग की खेती को लेकर तकनीकी जानकारी भी ली. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भांग की खेती से सिर्फ आजीविका ही नहीं बढ़ेगी अपितु उद्योग और दवाईयों के लिए भी भांग का बड़े स्तर पर उपयोग होता है.
2022 में औद्योगिक भांग का वैश्विक बाजार 5600 करोड़: इस दौरान सेंटर के निदेशक नृपेंद्र चौहान ने कमेटी को वर्चुअल प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न तकनीकी पहलुओं से अवगत करवाया. उन्होंने बताया कि साल 2022 में औद्योगिक भांग का वैश्विक बाजार तकरीबन 5600 करोड़ रुपये था, जो साल 2027 तक बढ़कर लगभग 15 हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया जा रहा है. वहीं कमेटी ने भी सेंटर में इससे पहले अत्याधुनिक पौध नर्सरी, औषधीय पौधों, सुगंधित फूलों की खेती से संबंधित तथ्यों की जानकारी प्राप्त की. साथ ही इनके उत्पादन का भी अवलोकन किया. देहरादून में एरोमैटिक क्रॉप्स सेंटर द्वारा भांग की वैध खेती के तैयार प्रारुप पर भी कमेटी ने विचार-विमर्श किया. वहीं अब कमेटी उत्तराखंड में भांग की खेती करने वाले किसानों से भी मिलकर उनके अनुभव जानेगी.
कमेटी में ये सदस्य रहे शामिल: कमेटी के सदस्य मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक डॉ. हंसराज, सुरेंद्र शौरी, केवल सिंह पठानिया, डॉ. जनकराज, पूर्ण चंद ठाकुर सहित एडवोकेट देवन, सहायक आयुक्त आबकारी डॉ. राजीव डोगरा, केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सुनील शाह, डॉ. ललित अग्रवाल और केंद्र के अन्य अधिकारी और कर्मचारी इस अवसर पर उपस्थित रहे.
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