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कोरोना कर्फ्यू से कम हुआ संक्रमण, लेकिन मौत के बढ़ते आंकड़े चिंताजनक: सीएम

कोरोना के कारण हो रही मौतों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चिंता व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को कोरोना संक्रमण से होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के आदेश दिए.

CM Jairam Thakur news, सीएम जयराम ठाकुर न्यूज
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Published : May 25, 2021, 10:19 PM IST

शिमला: कोरोना कर्फ्यू से प्रदेश में संक्रमण रोकने में मदद मिली है, लेकिन कोरोना के कारण हो रही मौतों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चिंता व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को कोरोना संक्रमण से होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के आदेश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न अस्पतालों में भर्ती होने के 24 घंटे के भीतर करीब 38 प्रतिशत मृत्यु हुई हैं. इसी प्रकार होम आइसोलेशन में 7.7 प्रतिशत मृत्यु हुई हैं और 4.1 प्रतिशत मरीजों को अस्पताल में मृत लाया गया है. उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को मरीजों की स्थिति पर लगातार निगरानी रखनी चाहिए ताकि मरीजों की स्थिति खराब होने पर उन्हें अस्पताल में स्थानान्तरित किया जा सके.

वीडियो.

आशा कार्यकर्ताओं को जरूरी सामान देने के निर्देश

आशा कार्यकर्ताओं को पर्याप्त संख्या में मास्क, सैनिटाइजर और दस्तानें उपलब्ध करवाने के भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिए. उन्होंने कहा कि इससे वे अपने कर्तव्यों का पालन बेहतर तरीके से और निडर होकर कर सकेंगी. उन्होंने कहा कि बॉडी बैग और वेस्ट बैग के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के स्तर पर पर्याप्त संख्या में पीपीई किट उपलब्ध करवाई जानी चाहिए, ताकि प्रोटोकॉल के अनुसार कोविड-19 मृतक का अंतिम संस्कार किया जा सके.

ऑक्सीजन कोटा बढ़ाकर 40 मीट्रिक टन

मुख्यमंत्री ने दवाओं, ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी प्रदेश का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाकर 40 मीट्रिक टन कर दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ऑक्सीजन की भंडारण क्षमता में 25 मीट्रिक टन की वृद्धि की है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2500 डी टाइप के सिलेंडर थे, जिन्हें अब बढ़ाकर 6500 कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में ब्लैक फंगस के पांच मामले सामने आए हैं, जिनमें से चार का ऑपरेशन किया जा चुका है.

22.88 लाख वैक्सीन की खुराकें लगाई जा चुकी हैं

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में टीकाकरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है. उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश की जनता को लगभग 22.88 लाख वैक्सीन की खुराकें लगाई जा चुकी हैं.

उन्होंने कहा कि यद्यपि भारत सरकार ने 18-44 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए ऑन-साइट पंजीकरण और अप्वाइंटमेंट की सिफारिश की है, लेकिन भारत सरकार ने स्थानीय आधार पर ऑन-साइट पंजीकरण करने का निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ दिया है. उन्होंने टीकाकरण स्थलों पर भीड़ और असुविधा से बचने के लिए युवाओं से आग्रह किया कि वे कोविन ऐप पर अपना पंजीकरण करवाएं.

प्रभावी तंत्र भी विकसित किया जाना चाहिए

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी प्रकार के आईएलआई लक्षण वाले कोविड-19 मरीजों की पहचान करने के अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी तंत्र भी विकसित किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इससे न केवल कोविड रोगियों का समय पर पता लगाने में मदद मिलेगी बल्कि इस संक्रमण को फैलने से भी रोका जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने में विधायकों एवं अन्य निर्वाचित पंचायती राज संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना का कहर: एक साल पहले मई महीने में कुल मौतें थी 4, इस साल मई में अब तक 1389 मौतें

शिमला: कोरोना कर्फ्यू से प्रदेश में संक्रमण रोकने में मदद मिली है, लेकिन कोरोना के कारण हो रही मौतों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चिंता व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को कोरोना संक्रमण से होने वाली मृत्यु को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाने के आदेश दिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न अस्पतालों में भर्ती होने के 24 घंटे के भीतर करीब 38 प्रतिशत मृत्यु हुई हैं. इसी प्रकार होम आइसोलेशन में 7.7 प्रतिशत मृत्यु हुई हैं और 4.1 प्रतिशत मरीजों को अस्पताल में मृत लाया गया है. उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को मरीजों की स्थिति पर लगातार निगरानी रखनी चाहिए ताकि मरीजों की स्थिति खराब होने पर उन्हें अस्पताल में स्थानान्तरित किया जा सके.

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आशा कार्यकर्ताओं को जरूरी सामान देने के निर्देश

आशा कार्यकर्ताओं को पर्याप्त संख्या में मास्क, सैनिटाइजर और दस्तानें उपलब्ध करवाने के भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आदेश दिए. उन्होंने कहा कि इससे वे अपने कर्तव्यों का पालन बेहतर तरीके से और निडर होकर कर सकेंगी. उन्होंने कहा कि बॉडी बैग और वेस्ट बैग के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के स्तर पर पर्याप्त संख्या में पीपीई किट उपलब्ध करवाई जानी चाहिए, ताकि प्रोटोकॉल के अनुसार कोविड-19 मृतक का अंतिम संस्कार किया जा सके.

ऑक्सीजन कोटा बढ़ाकर 40 मीट्रिक टन

मुख्यमंत्री ने दवाओं, ऑक्सीजन कन्संट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी प्रदेश का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाकर 40 मीट्रिक टन कर दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ऑक्सीजन की भंडारण क्षमता में 25 मीट्रिक टन की वृद्धि की है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2500 डी टाइप के सिलेंडर थे, जिन्हें अब बढ़ाकर 6500 कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में ब्लैक फंगस के पांच मामले सामने आए हैं, जिनमें से चार का ऑपरेशन किया जा चुका है.

22.88 लाख वैक्सीन की खुराकें लगाई जा चुकी हैं

मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में टीकाकरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है. उन्होंने कहा कि अब तक प्रदेश की जनता को लगभग 22.88 लाख वैक्सीन की खुराकें लगाई जा चुकी हैं.

उन्होंने कहा कि यद्यपि भारत सरकार ने 18-44 वर्ष आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए ऑन-साइट पंजीकरण और अप्वाइंटमेंट की सिफारिश की है, लेकिन भारत सरकार ने स्थानीय आधार पर ऑन-साइट पंजीकरण करने का निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ दिया है. उन्होंने टीकाकरण स्थलों पर भीड़ और असुविधा से बचने के लिए युवाओं से आग्रह किया कि वे कोविन ऐप पर अपना पंजीकरण करवाएं.

प्रभावी तंत्र भी विकसित किया जाना चाहिए

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी प्रकार के आईएलआई लक्षण वाले कोविड-19 मरीजों की पहचान करने के अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी तंत्र भी विकसित किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि इससे न केवल कोविड रोगियों का समय पर पता लगाने में मदद मिलेगी बल्कि इस संक्रमण को फैलने से भी रोका जा सकेगा. उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने में विधायकों एवं अन्य निर्वाचित पंचायती राज संस्थाओं तथा शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

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