मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए आज शनिवार 23 नवंबर बड़ा दिन है. राज्य की 288 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना हो रही है. चुनाव बाद सभी दलों ने अपनी सरकार बनने के दावे किए, लेकिन बाजी महायुति के हाथ लगी. 22 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव में इसने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. वहीं, महाविकास अघाड़ी की बुरी तरह हार हुई. वोटिंग खत्म होने के तुरंत बाद तमाम एक्जिट पोल में एनडीए महायुति की सरकार बनने की बात कही थी.
सरकार बनने के लिए सहयोगी दलों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. शिवसेना(यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी पार्टी सत्ता परिवर्तन चाहते हैं. वहीं, मुख्यमंत्री बनने को सभी लोग दावे कर रहे हैं, लेकिन नतीजे आने तक सांसों को थामना होगा.
भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी
राज्य में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ा दल है, लेकिन फिर भी मुख्यमंत्री की कुर्सी उसके हाथ में नहीं है. ढाई साल से ज्यादा का समय बीत चुका है उसे सत्ता से दूर हुए. वहीं, 5 साल से मुख्यमंत्री पद पाने की चाह है. इस बार भी उसने सबसे ज्यादा कैंडिडेट खड़े किए हैं, लेकिन अपने दम पर सरकार बनाने की बात नहीं कर रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 105 सीटें मिली थीं, लेकिन इस बार सीटें कम आईं तो एकबार फिर उसे दूसरे दलों पर निर्भर रहना होगा. वर्तमान सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार दोनों लोग एकदम तैयार बैठे हैं. सारा खेल सीटों पर निर्भर रहेगा.
निर्दलीय होंगे पहली पसंद
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में इस बार भी निर्दलियों का पलड़ा भारी रहने की संभावना है. अगर इन लोगों ने अधिक सीटें जीत लीं तो बीजेपी इनकी पहली पसंद रहेगी. बीजेपी सरकार बनाने के लिए कुछ भी कर सकती है. सीएम पद अपने पास रखकर कई विभाग उन्हें दे सकती है.
सीएम पद के लिए रस्साकसी
सबसे बड़ा सवाल कि सीएम पद किसके हाथ लगेगा. अगर निर्दलीय बीजेपी के साथ आते हैं तो पार्टी अपने नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आगे करेगी. इसके बाद एकनाथ शिंदे का नंबर आता है क्योंकि वे पिछले ढाई महीने से सत्ता संभाल रहे हैं.
एकनाथ शिंदे में कितना दम
राज्य का दोबारा सीएम बनने के लिए एकनाथ शिंदे को ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतनी होंगी. इसके साथ-साथ बीजेपी की 100 से कम सीटें आएं और अजित पवार और निर्दलीय भी कम हो.
कांग्रेस और उद्धव ठाकरे के पास मौका
कांग्रेस भी सत्ता पाने का कोई मौका चूकना नहीं चाहती. वह किसी भी कीमत पर चाहती है कि किंगमेकर बने. अगर जनता ने बदलाव चाहा तो कांग्रेस के पास सुनहरा मौका है. वहीं, बात उद्धव ठाकरे की करें तो वह भी अपनी ताकत दिखाना चाहते है.
कौन होगा मुखिया
सबसे महत्वपूर्ण बात अगर महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकारी बनती है तो सरकार का मुखिया कौन होगा. सबसे पहले इसी पर खींचतान शुरू होगी. उद्धव ठाकरे चाहते हैं कि वे राज्य के सीएम बनें, लेकिन यह दूर की कौड़ी है क्योंकि शरद पवार और कांग्रेस ने पहले ही साफ कर दिया है कि जिसके ज्यादा विधायक होंगे उस दल का नेता मुख्यमंत्री बनेगा.
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