अमेरिका: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा फैसला लेने की पेशकश की, जिसने देश और दुनिया भर में हलचल मचा दी. उन्होंने जन्मसिद्ध नागरिकता के नियम में बदलाव करने की बात कही. इसके लिए उन्होंने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने की बात कही, जिसके तहत अमेरिका में पैदा होने वाले हर बच्चे को जन्मजात नागरिकता नहीं मिलेगी. इस फैसले के बाद से ही लोगों में खलबली मच गई और अस्पतालों के बाहर वक्त से पहले बच्चों की डिलीवरी कराने के लिए लंबी कतारें लग गईं.
डोनाल्ड ट्रंप का यह आदेश कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के 30 दिनों के बाद लागू होगा. इसका मतलब यह है कि 20 फरवरी के बाद पैदा होने वाले बच्चों को अमेरिका की जन्मजात नागरिकता नहीं मिलेगी. इसी के चलते कई परिवार चाहते हैं कि उनके बच्चे 20 फरवरी से पहले जन्म लें और बर्थराइट सिटिजनशिप हासिल करें.
डिलीवरी कराने के लिए लगी लंबी लाइन
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यू जर्सी के एक मैटरनिटी क्लिनिक में, डॉ. एसडी रामा ने बताया कि ट्रंप द्वारा 14वें संशोधन में बदलाव करने के कदम के चलते वक्त से पहले बच्चों की डिलीवरी कराने के लिए लंबी कतार लग गई है. महिलाओं ने उनसे बच्चों को ड्यू डेट से पहले डिलीवर करने का अनुरोध किया है. उनका प्रयास है कि 20 फरवरी से पहले डिलीवरी हो जाए और उनके बच्चों को जन्मजात अमेरिका की नागरिकता मिल जाए.
डॉक्टर रामा ने बताया कि उनके क्लिनिक के बाहर लंबी लाइन में खड़ी महिलाओं में सबसे अधिक भारतीय महिलाएं हैं जो 8 और 9 महीने की गर्भवती हैं. सभी महिलाएं 20 फरवरी से पहले सी-सेक्शन कराने की मांग कर रही हैं. डॉक्टर ने कहा कि एक महिला जो 7 महीने की गर्भवती है और जिनकी डिलीवरी मार्च में होनी है, अपने पति के साथ वक्त से पहले सी-सेक्शन कराने के लिए दस्तावेज पर हस्ताक्षर करके गई है.
समय से पहले डिलीवरी बन सकती है खतरा
अमेरिका में बर्थराइट सिटिजनशिप को हासिल करने की होड़ को देखते हुए, टेक्सास की एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, डॉ. एसजी मुक्कला ने कहा, "मैं सभी जोड़ों को यह समझाने की कोशिश कर रही हूं कि समय से पहले डिलीवरी कराना संभव है लेकिन यह बच्चे और मां दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है. यह दोनों के लिए एक चुनौती बन सकता है."
उन्होंने बताया कि समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों को फेफड़ों की समस्या हो सकती है, जन्म के समय वजन कम हो सकता है, और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं. डॉ. मुक्कला ने कहा, "पिछले दो दिनों में, मैंने 15 से 20 जोड़ों से इस बारे में बात की है."
बर्थराइट सिटिजनशिप लोगों के लिए क्यों जरूरी?
अमेरिका में रह रहे कई लोगों के लिए, बर्थराइट सिटिजनशिप एक वरदान की तरह है. यह भारतीयों के लिए भी सुरक्षा और देश में रहने का मार्ग प्रशस्त करता है. इस बारे में बात करते हुए, वरुण नाम के एक व्यक्ति ने कहा, "हम चाहते थे कि हमारा बच्चा यहीं पैदा हो." वरुण अपनी पत्नी के साथ पिछले आठ सालों से एच-1बी वीजा पर अमेरिका में रह रहे हैं.
कपल ने कहा, हम छह साल से अपने ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं. हमारे परिवार के लिए स्थिरता सुनिश्चित करने का एकमात्र रास्ता बर्थराइट सिटिजनशिप था, लेकिन अचानक जो बदलाव आए हैं हम इससे घबरा गए हैं. वरुण की पत्नी की उम्र 34 साल है और वो मार्च की शुरुआत में बच्चे को जन्म देने वाली है.
एक 28 वर्षीय फाइनेंस प्रोफेशनल ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यदि उनकी पत्नी 20 फरवरी के बाद बच्चे को जन्म देती हैं और इस बीच बर्थराइट सिटिजनशिप नियमों में बदलाव हो जाते हैं, तो उनकी देश में रहना और काम करना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अमेरिका आने के लिए बहुत त्याग किए हैं और अब उन्हें ऐसा लग रहा है कि उनके लिए रास्ते बंद हो रहे हैं.
अवैध इमिग्रेशन को राष्ट्रीय आपातकाल: ट्रंप
बर्थराइट सिटिजनशिप के मुद्दे के साथ-साथ, ट्रंप ने देश में अवैध आप्रवासियों के खिलाफ भी कड़े कदम उठाए हैं. उन्होंने अवैध इमिग्रेशन को राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया है और कहा है कि अवैध रूप से देश में रह रहे लोगों को बाहर निकाला जाएगा. कैलिफ़ोर्निया में रहने वाले एक भारतीय व्यक्ति, जो पिछले 8 वर्षों से अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं, ने बताया कि उनकी पत्नी गर्भवती हैं और उनके वकील ने सुझाव दिया था कि यदि उनके बच्चे को जन्मजात नागरिकता मिल जाती है तो उनके लिए यहां रहना आसान हो जाएगा.
डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को सत्ता में आने के बाद बर्थराइट पॉलिसी में बदलाव करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए. अब, संविधान के 14वें संशोधन के तहत, अमेरिका में पैदा हुए सभी बच्चे जन्मजात नागरिकता के हकदार नहीं होंगे. जन्मजात नागरिकता प्राप्त करने के लिए, बच्चे की मां या पिता में से किसी एक का अमेरिकी नागरिक होना आवश्यक है.
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