मुंबई: महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए आज शनिवार 23 नवंबर को मतगणना होनी है, लेकिन सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) दोनों में इस बात को लेकर मतभेद उभर कर सामने आ रहे हैं कि अगली सरकार का नेतृत्व कौन करेगा.
दोनों खेमों के नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावा कर रहे हैं, जिससे आंतरिक कलह उजागर हो रही है. इस बीच बुधवार को समाप्त हुए मतदान ने जोरदार मुकाबले के लिए मंच तैयार कर दिया है, क्योंकि दोनों गठबंधनों को जनादेश हासिल करने का भरोसा है.
MVA का मुख्यमंत्री पद पर टकराव
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने एमवीए के भीतर विवाद को जन्म देते हुए कहा कि अगर गठबंधन सरकार बनती है तो उसका नेतृत्व कांग्रेस करेगी. पटोले ने दावा किया, "मतदान के रुझान बताते हैं कि कांग्रेस सबसे ज़्यादा सीटें जीतेगी."
उनकी टिप्पणी पर एमवीए सहयोगी शिवसेना (UBT) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. मामले में वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि सीएम के चेहरे पर फैसला सभी गठबंधन सहयोगियों द्वारा संयुक्त रूप से लिया जाएगा. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने संजय राउत के हवाले से कहा, "अगर कांग्रेस आलाकमान ने पटोले को चुना है, तो मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी या राहुल गांधी जैसे वरिष्ठ नेताओं को इसकी घोषणा करनी चाहिए."
कांग्रेस, शिवसेना (UBT) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन एमवीए ने खुद को महायुति सरकार के खिलाफ एकजुट विपक्ष के रूप में पेश किया है. हालांकि, पटोले की टिप्पणियों ने ब्लॉक के भीतर संभावित टकराव को उजागर कर दिया है.
महायुति में भी सीएम पद की रेस
महायुति खेमे में शामिल शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने दोहराया कि चुनाव मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया और वह शीर्ष पद के लिए स्वाभाविक पसंद हैं. हालांकि, भाजपा नेता प्रवीण दारेककर ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का समर्थन किया, जबकि एनसीपी नेता अमोल मिटकरी ने अपनी पार्टी के प्रमुख अजित पवार को यह पद सौंपने के लिए जोर दिया.
इस बीच दारेककर ने एमवीए की सरकार बनाने की संभावनाओं को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कांग्रेस सांसद प्रणीति शिंदे द्वारा सोलापुर में शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार के खिलाफ एक स्वतंत्र उम्मीदवार का समर्थन करने जैसी घटनाओं की ओर इशारा करते हुए विपक्ष की आंतरिक दरार की आलोचना की.
एग्जिट पोल और आरोप
ज्यादातर एग्जिट पोल महायुति की जीत की भविष्यवाणी कर रहे हैं, जबकि कुछ एमवीए के पक्ष में हैं. दारकर ने एग्जिट पोल को खारिज करते हुए इस बात पर जोर दिया कि निर्दलीय विजेता सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन करेंगे.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले और कांग्रेस के नाना पटोले सहित एमवीए नेता अवैध गतिविधियों में शामिल थे, जिसमें चुनावों के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करना भी शामिल है -दोनों नेताओं ने इन आरोपों से इनकार किया है.
मतदान में उछाल और महिलाओं का समर्थन
महाराष्ट्र में 2019 के चुनाव में 61.1 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो इस बार बढ़कर 66.05 फीसदी पहुंच गया. दारकर ने जमीनी स्तर पर मतदाताओं को संगठित करने का श्रेय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को दिया. उन्होंने महिला वोटर्स के बीच महायुति की लोकप्रियता का क्रेडिट सरकार की लड़की बहन योजना को भी दिया.
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