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हिमाचल में छल व प्रलोभन से धर्म परिवर्तन पर होगी दो से सात साल सजा, सीएम ने सदन में पेश किया विधेयक - प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन

प्रदेश में किसी तरह का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करने पर अब रोक लगेगी. साथ ही दो से सात साल तक की सजा का भी प्रावधान रहेगा. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरूवार को सदन में विधेयक प्रस्तुत किया है.

सदन में सीएम
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Published : Aug 29, 2019, 9:22 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में छल करके अथवा किसी तरह का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करने पर रोक लगेगी. साथ ही दो से सात साल तक की सजा का भी प्रावधान रहेगा. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरूवार को सदन में विधेयक प्रस्तुत किया. मंत्री ने हिमाचल प्रदेश की धर्म की स्वतंत्रता विधेयक को सदन में रखा, जिसके अनुसार छल-कपट करके अथवा लालच देकर किसी का धर्म परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा. इस विधेयक पर सदन में चर्चा होगी. विधेयक के मुताबिक किसी पर भी मनोवैज्ञानिक दबाव डाल कर धर्म परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा. साथ ही शारीरिक बल का प्रयोग करके किसी को धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा. ऐसी स्थितियों में दोषी को दो से सात साल की सजा का प्रावधान विधेयक में रखा गया है.


विधेयक लागू होने की सूरत में नाबालिगों के धर्म परिवर्तन पर भी रोक लगेगी. किसी भी एक धर्म के व्यक्ति के दूसरे धर्म में विवाह करने की स्थिति में उसे एक माह पहले मजिस्टे्रट को सूचित करना होगा. अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करने वाले को भी सूचना देनी होगी. विवाह अथवा इसी तरह के धार्मिक अनुष्ठान करने वाले पंडितों को भी मजिस्टे्रट को सूचना देनी होगी. विधेयक के अनुसार हिमाचल प्रदेश में कपटपूर्ण तरीकों से धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ रहे हैं. इससे समाज में अव्यवस्था पैदा होगी. समय रहते इस प्रवृति पर नियंत्रण करने की जरूरत बताई गई है. चर्चा के बाद सदन में विधेयक के पारित होने पर ये कानून की शक्ल लेगा.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में छल करके अथवा किसी तरह का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करने पर रोक लगेगी. साथ ही दो से सात साल तक की सजा का भी प्रावधान रहेगा. इस संदर्भ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरूवार को सदन में विधेयक प्रस्तुत किया. मंत्री ने हिमाचल प्रदेश की धर्म की स्वतंत्रता विधेयक को सदन में रखा, जिसके अनुसार छल-कपट करके अथवा लालच देकर किसी का धर्म परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा. इस विधेयक पर सदन में चर्चा होगी. विधेयक के मुताबिक किसी पर भी मनोवैज्ञानिक दबाव डाल कर धर्म परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा. साथ ही शारीरिक बल का प्रयोग करके किसी को धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा. ऐसी स्थितियों में दोषी को दो से सात साल की सजा का प्रावधान विधेयक में रखा गया है.


विधेयक लागू होने की सूरत में नाबालिगों के धर्म परिवर्तन पर भी रोक लगेगी. किसी भी एक धर्म के व्यक्ति के दूसरे धर्म में विवाह करने की स्थिति में उसे एक माह पहले मजिस्टे्रट को सूचित करना होगा. अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करने वाले को भी सूचना देनी होगी. विवाह अथवा इसी तरह के धार्मिक अनुष्ठान करने वाले पंडितों को भी मजिस्टे्रट को सूचना देनी होगी. विधेयक के अनुसार हिमाचल प्रदेश में कपटपूर्ण तरीकों से धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ रहे हैं. इससे समाज में अव्यवस्था पैदा होगी. समय रहते इस प्रवृति पर नियंत्रण करने की जरूरत बताई गई है. चर्चा के बाद सदन में विधेयक के पारित होने पर ये कानून की शक्ल लेगा.

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हिमाचल में छल व प्रलोभन से धर्म परिवर्तन पर होगी दो से सात साल सजा, सीएम ने सदन में पेश किया विधेयक
शिमला। हिमाचल प्रदेश में छल करके अथवा किसी तरह का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करने पर रोक लगेगी। साथ ही दो से सात साल तक की सजा का भी प्रावधान रहेगा। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरूवार को सदन में विधेयक प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश की धर्म की स्वतंत्रता विधेयक को सदन में रखा, जिसके अनुसार छल-कपट करके अथवा लालच देकर किसी का धर्म परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। इस विधेयक पर सदन में चर्चा होगी। विधेयक के मुताबिक किसी पर भी मनोवैज्ञानिक दबाव डाल कर धर्म परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। साथ ही शारीरिक बल का प्रयोग करके किसी को धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा। ऐसी स्थितियों में दोषी को दो से सात साल की सजा का प्रावधान विधेयक में रखा गया है। विधेयक लागू होने की सूरत में नाबालिगों के धर्म परिवर्तन पर भी रोक लगेगी। किसी भी एक धर्म के व्यक्ति के दूसरे धर्म में विवाह करने की स्थिति में उसे एक माह पहले मजिस्टे्रट को सूचित करना होगा। अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करने वाले को भी सूचना देनी होगी। विवाह अथवा इसी तरह के धार्मिक अनुष्ठान करने वाले पंडितों को भी मजिस्टे्रट को सूचना देनी होगी। विधेयक के अनुसार हिमाचल प्रदेश में कपटपूर्ण तरीकों से धर्म परिवर्तन के मामले बढ़ रहे हैं। इससे समाज में अव्यवस्था पैदा होगी। समय रहते इस प्रवृति पर नियंत्रण करने की जरूरत बताई गई है। चर्चा के बाद सदन में विधेयक के पारित होने पर ये कानून की शक्ल लेगा। 
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