शिमला: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एवं कैबिनेट मंत्रियों महेन्द्र सिंह ठाकुर, रामलाल मारकंडा और गोविन्द सिंह ठाकुर ने अनिल शर्मा से मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद विधानसभा से भी इस्तीफा देने की मांग की है.
संयुक्त बयान में तीनों मंत्रियों ने अनिल शर्मा को चुनौती दी है कि उनमें दम है तो वे दोबारा चुनाव मैदान में उतरें. उन्होंने कहा कि सदर मंडी की जनता ने भाजपा पर भरोसा करके उन्हें जिताया था. मंत्रियों ने अनिल शर्मा को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के खिलाफ भद्दी बयानबाजी जल्द बंद करने की नसीहत दी है.
आईपीएच और बागवानी मंत्री महेंन्द्र सिंह ठाकुर, कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि अनिल शर्मा में नैतिकता नहीं बची है. उन्हें नैतिकता के आधार पर विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि मंडी की जनता ने भाजपा की वजह से उनपर विश्वास जताया था, लेकिन अनिल शर्मा ने परिवारवाद में फंस करजनता से विश्वासघात किया.
जयराम सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने आरोप लगाया कि अनिल शर्मा मंत्री रहते हुए मंडी के विकास में रूचि लेने के बजाय अपने परिवार के विकास में जुट गये. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आश्रय शर्मा को टिकट देकर भाजपा की जीत आसान कर दी है. भाजपा के बलबुते चुनाव जीतकर मंत्री बने अनिल शर्मा को अब विधायक रहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्हें दोबारा चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है इसलिए वे विधायक पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं.
भाजपा नेताओं ने कहा कि प्रदेश की जनता से ज्यादा अपने परिवार के प्रति निष्ठा रखने वाले अनिल शर्मा को मंडी की जनता कभी माफ नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ अनिल शर्मा की टिप्पणियां बेबुनियाद है और मंडी की जनता को सारी सच्चाई पता है. उन्होंने यह भी कहा कि अनिल शर्मा के इस्तीफे से भाजपा को लोकसभा चुनाव में कोई नुकसान नहीं है बल्कि फायदा है.