शिमला: मैकेनिकल इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर हाथ मे तिरंगा लिए 25 वर्षीय युवक लोगों को ग्लोबल वार्मिंग का संदेश देने के लिए देश भर में 13,000 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर निकला है. हरियाणा के फरीदाबाद जिले के रहने वाले अरुण मित्तल ने जम्मू से अपनी पैदल यात्रा शुरू की थी और चार सौ किलोमीटर का पैदल सफर तय कर रविवार को अरुण शिमला पहुंचे.
शिमला के रिज मैदान पर लोगों को 'सेव द प्लेनेट अर्थ' ग्लोबल वार्मिंग को लेकर लोगों को जागरूक करते नजर आए और लोगों को एकजुट रहने का संदेश दिया. अरुण मित्तल ने कहा कि 13 सितंबर को जम्मू में पौधे लगाने के बाद उन्होंने अपनी यह यात्रा शुरू की थी.
मित्तल का कहना कि वह देश के प्रमुख शहरों में जा कर लोंगो को ग्लोबल वार्मिंग, राष्टीय एकता और नशे से दूर रह कर फिट रहने का संदेश दे रहे है. उन्होंने कहा कि आज के समय में ग्लोबल वार्मिंग बहुत बड़ी समस्या बन कर सामने आ रही है.
बीते कुछ वर्षों से पर्यावरण में काफी बदलाव आ गया है. जिससे आने वाले समय मे यह और भी गंभीर समस्या बन कर सामने आने वाली है और इससे निपटने के लिए सबको आगे आना चाहिए.
मित्तल ने कहा कि वह इस 13000 किलोमीटर की यात्रा को दिल्ली में समापन करेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें डेढ़ वर्ष का समय लगेगा. यात्रा के दौरान वह सभी शहरों में जा कर लोगों से मिल कर उन्हें ग्लोबल वार्मिंग के बारे में जागरूक कर रहे हैं.
इस यात्रा के दौरान वो सभी राज्यों के राजधानी में जा रहे हैं, जहां वह पौधे लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक कि यात्रा में उन्हें लोगों का भरपूर सहयोग मिला है और उम्मीद है कि आगे भी उन्हें लोगों का समर्थन मिलता रहेगा. मित्तल रविवार को शिमला से पैदल चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए जहां से वह देहरादून के लिए जाएंगे.
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