शिमला: प्रदेश विश्वविद्यालय में रविवार को हुए दो राजनितिक संगठनों में खूनी संघर्ष के बाद मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार दोपहर बाद 3 बजकर 50 मिनट पर जब एसएफआई के कार्यकर्ता बालूगंज में निजी बस में थे तभी एबीवीपी के कार्यकर्ता भी बस में चढ़ गए और दोनों गुटों में फिर जमकर मारपीट हुई. उसके बाद गुस्साए एसएफआई के कार्यकर्ता ने बालूगंज थाने में जाकर वहां जमकर नारेबाजी कर थाने का घेराव किया. एसएफआई ने लगाया कि उनके कार्यकर्ताओं पर एबीवीपी के कार्यकर्ता ने बस में हमला किया है जबकि एबीवीपी आरोप लगा रही है कि उनके कार्यकर्ता आईजीएमसी में घायलों को देखने जा रहे थे. तभी एसएफआई के कार्यकर्ता ने उनके ऊपर हमला किया जिसमें एक कार्यकर्ता घायल हो गया है.
बता दें कि कैंपस में सोमवार सुबह एबीपीवी ने पहले एचपीयू के छात्रावास में पुलिस के साथ धक्कामुक्की की और उसके बाद मामले में एसएफआई के कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की मांग को लेकर कुलपति की गाड़ी को भी एचपीयू के मेन गेट पर रोका. गाड़ी को रोकने के लिए एबीपीवी के कार्यकर्ता कुलपति की गाड़ी के ऊपर चढ़ गए और रास्ते में बैठ गए. इसके बाद एचपीयू कुलपति ने गाड़ी से उतरकर छात्रों से बात की और मामले में जांच के लिए तीन दिन का समय मांगा.
वहीं, एसएफआई ने भी एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध रैली निकाली और एचपीयू प्रशासन से मामले में एबीवीपी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की. एचपीयू में रविवार की घटना के बाद से ही माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. छात्र सगठनों के बीच फिर से कोई खूनी संघर्ष ना हो और परिसर का माहौल तनावपूर्ण ना रहे इसके लिए भारी संख्या में पुलिस दल एचपीयू कैंपस में तैनात किया गया है. एचपीयू में पहले एसएफआई ने आटर्स ब्लॉक में नारेबाजी की. इसके बाद पुलिस बल ने एसएफआई कार्यकर्ताओं को वहीं रोक के रखा जिसके बाद उन्हें एचपीयू कैंपस में जाने की अनुमति दी गई. एसएफआई ने वीसी कार्यालय के बाहर जमकर नारेबाजी की और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
बता दें कि रविवार को आरएसएस और एसएफआई के कार्यकताओं के बीच हुई खूनी झड़प के बाद पुलिस ने एसएफआई के कार्यकर्ताओं को ही गिरफ्तार किया है. ऐसे में एसएफआई जहां एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लेने की मांग कर रहे हैं. वहीं, एबीवीपी के कार्यकर्ता एसएफआई के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं. एचपीयू ने हॉस्टल्स के साथ ही कैंपस में भी पुलिस बल तैनात किया है जिससे कि माहौल पर नियंत्रण रहे और कोई बड़ी घटना कैंपस में ना घटे.
एसएफआई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर माकपा का प्रदर्शन
वहीं, दूसरी ओर एसएफआई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर सीपीआईएम भी विरोध में उतर आई है. सीपीआईएम ने सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरएसएस और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को बचाने और विवि में गुण्डागर्दी कायम करने के आरोप लागाए. सीपीआईएम ने शिमला उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर गिरफ्तार किए एसएफआई कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की और शिमला के एसपी पर सरकार के एजेंट के रूप में काम करने के आरोप लगाए.
सीपीआईएम शिमला के सचिव बलबीर पराशर ने कहा कि प्रदेश सरकार आरएसएस और एबीवीपी की सरकार गुंडागर्दी छुपाने की कोशिश कर रहा है. छात्र जहां पढ़ाई करते हैं, वहां संघ की शाखा लगाई जा रही है और जो विरोध करते हैं, उन्हें जेल में डाला जा रहा है. सुबह 5 बजे पुलिस ने निर्दोष छात्रों को हॉस्टल्स से गिरफ्तार किया. देश भर में संघ के कई नेता आतंकवादी घटनाओं में अंदर हो चुके हैं और यहां पर भी अब अशांति का माहौल बनाया जा रहा है जिसे माकपा कभी भी सफल नहीं होने देगा.
नाहन में एबीवीपी ने जलाया एसएफआई का बैनर
एचपीयू में छात्र संगठनों के बीच हुई खूनी झड़प को लेकर पीजी कॉलेज नाहन की एबीवीपी इकाई ने भी जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्र कार्यकर्ताओं ने एसएफआई के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और बैनर फूंका. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री सिरमौर पंकज, विभाग संयोजक अमित, कैंपस अध्यक्ष अंकित व सचिव सचिन ने कहा कि रविवार सुबह विश्वविद्यालय शिमला में एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने एबीवीपी और आरएसएस पर अचानक हमला बोल दिया. इस झड़प में एबीवीपी के एक दर्जन कार्यकर्ता घायल हुए हैं. उन्होंने इस हमले की कड़ी निंदा की. उन्होंने गुंडा तत्वों के खिलाफ सरकार व पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग भी उठाई.