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AAP का राष्ट्रीय पार्टी बनने का सपना होगा पूरा! हिमाचल और गुजरात पर टिकी नजर - ETV BHARAT

आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए जोर आजमाइश कर रही है. माना जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप का कद बढ़ेगा. राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए चुनाव आयोग द्वारा जो मानक रखे गये हैं, क्या उसपर आप खरा उतर पाएगी जानिए के लिए पढ़ें पूरी खबर..

aap aims to become national party
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Published : Nov 29, 2022, 2:51 PM IST

Updated : Nov 29, 2022, 5:26 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव और गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम चाहे जो भी हो लेकिन इन दोनों चुनाव के परिणाम का प्रभाव आम आदमी पार्टी पर पड़ना तय माना जा रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इन राज्यों के चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी निर्वाचन आयोग की ओर से राष्ट्रीय पार्टी होने की पात्रता पूरा करने में सक्षम हो सकती है. हालांकि आप पार्टी की क्या स्थिति बनती है और क्या वह इस साल ही नेशनल पार्टी के लिए दावा करती है या नहीं इसके लिए 8 दिसंबर का इंतजार करना होगा. (himachal elections 2022) (aap aims to become national party) (Gujarat elections 2022 )

देश में राष्ट्रीय पार्टियों की संख्या: चुनाव आयोग ने किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए कुछ मापदंड तय किए हैं. भारत में राष्ट्रीय पार्टियों की संख्या 8 है. जबकि, राज्य स्तरीय पार्टियों की संख्या 35 और क्षेत्रीय दलों की संख्या 329 है. चुनाव आयोग के अनुसार अभी तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और नेशनल पीपुल्स पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. (himachal assembly election 2022)

aap aims to become national party
राष्ट्रीय पार्टी बनने की ये हैं शर्तें

राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए चुनाव आयोग की शर्त: विशेषज्ञों के अनुसार राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए चुनाव आयोग ने जो शर्ते रखी है वह इस प्रकार से है- कोई दल तीन अलग- अलग राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 2 फीसदी सीटें जीतती है. यानी कम से कम 11 सीटें जीतना जरूरी होता है लेकिन यह 11 सीटें किसी एक राज्य से न होकर तीन अलग- अलग राज्यों से होनी चाहिए. कोई भी दल जिसे चार राज्यों में प्रादेशिक (क्षेत्रीय दल) का दर्जा प्राप्त है उस दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल होता है. कोई पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6 फीसदी वोट हासिल करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है.

हिमाचल और गुजरात पर आप की नजर: वरिष्ठ पत्रकार उदय पठानिया के मुताबिक आम आदमी पार्टी हिमाचल में जड़ें जमाने के लिए आई थी. क्योंकि पड़ोसी राज्य पंजाब के साथ-साथ दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी की सरकार है. दोनों राज्यों में हिमाचल के कई लोग रहते हैं, लेकिन हिमाचल छोटा राज्य है जहां सिर्फ 68 सीटें हैं. यहां तीसरी पार्टी के लिए कभी जगह नहीं बन पाई है. कई दलों के हाथ इस कोशिश में मायूसी ही लगी है.

हिमाचल से AAP का राष्ट्रीय पार्टी का मिशन: वरिष्ठ पत्रकार उदय पठानिया का कहना है कि आम आदमी पार्टी के 67 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे लेकिन शायद उन्हें भी ये अंदाजा हो गया कि वो फिलहाल इस स्थिति में नहीं है कि अपनी जड़ें जमा सके. अगर पार्टी को कुछ सफलता मिलती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी बनने में जरूरी मत प्रतिशत के क्राइटीरिया में कुछ मदद मिल सकती है. इस मामले में भी ज्यादा कुछ फिलहाल आप के हाथ लगता नहीं दिख रहा है. पार्टी के थिंकटैंक को भी लग गया था कि यहां फिलहाल कामयाबी नहीं मिलेगी इसलिए प्रचार भी उस स्तर पर नहीं हुआ और मतदान के दिन केंद्रों के बाहर भी पोलिंग एजेंट लगभग ना के बराबर रहे.

राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे से चंद कदमों की दूरी: दिल्ली, पंजाब में सत्ता हासिल करने और गोवा विधानसभा में दो विधायक जीतने के बाद अब गुजरात और हिमाचल प्रदेश में मिले मत प्रतिशत आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा दिला सकता है. गोवा में AAP ने 6.77 फीसदी वोट शेयर के साथ दो सीटें हासिल की हैं. कुछ अन्य राज्यों में भी आम आदमी पार्टी की हिस्सेदारी और वोट शेयर हैं, इसलिए अब यह चर्चा होने लगी है कि AAP बहुत जल्द राष्ट्रीय पार्टी बनने जा रही है.


राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने पर फायदे: देश में फिलहाल 8 पार्टियों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. इसके अलावा राज्य स्तरीय पार्टियों की संख्या 35 है. वहीं, क्षेत्रीय पार्टियों की संख्या 320 से ज्यादा हैं. राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग से कई तरह की सुविधा मिलती है. एक तो चुनाव चिन्ह मिल जाता है. जो पूरे देश में मान्य होता है. दूसरा निर्वाचन सूची भी मिलती है और रेडियो टीवी पर प्रसारण करने की भी सुविधा मिलती है.

पढ़ें- आप उम्मीदवार ने गुजरात चुनाव से नाम लिया वापस, बीजेपी में शामिल

शिमला: हिमाचल विधानसभा चुनाव और गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम चाहे जो भी हो लेकिन इन दोनों चुनाव के परिणाम का प्रभाव आम आदमी पार्टी पर पड़ना तय माना जा रहा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि इन राज्यों के चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी निर्वाचन आयोग की ओर से राष्ट्रीय पार्टी होने की पात्रता पूरा करने में सक्षम हो सकती है. हालांकि आप पार्टी की क्या स्थिति बनती है और क्या वह इस साल ही नेशनल पार्टी के लिए दावा करती है या नहीं इसके लिए 8 दिसंबर का इंतजार करना होगा. (himachal elections 2022) (aap aims to become national party) (Gujarat elections 2022 )

देश में राष्ट्रीय पार्टियों की संख्या: चुनाव आयोग ने किसी भी पार्टी को राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए कुछ मापदंड तय किए हैं. भारत में राष्ट्रीय पार्टियों की संख्या 8 है. जबकि, राज्य स्तरीय पार्टियों की संख्या 35 और क्षेत्रीय दलों की संख्या 329 है. चुनाव आयोग के अनुसार अभी तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और नेशनल पीपुल्स पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. (himachal assembly election 2022)

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राष्ट्रीय पार्टी बनने की ये हैं शर्तें

राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए चुनाव आयोग की शर्त: विशेषज्ञों के अनुसार राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा प्राप्त करने के लिए चुनाव आयोग ने जो शर्ते रखी है वह इस प्रकार से है- कोई दल तीन अलग- अलग राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 2 फीसदी सीटें जीतती है. यानी कम से कम 11 सीटें जीतना जरूरी होता है लेकिन यह 11 सीटें किसी एक राज्य से न होकर तीन अलग- अलग राज्यों से होनी चाहिए. कोई भी दल जिसे चार राज्यों में प्रादेशिक (क्षेत्रीय दल) का दर्जा प्राप्त है उस दल को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल होता है. कोई पार्टी 4 लोकसभा सीटों के अलावा लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6 फीसदी वोट हासिल करती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल सकता है.

हिमाचल और गुजरात पर आप की नजर: वरिष्ठ पत्रकार उदय पठानिया के मुताबिक आम आदमी पार्टी हिमाचल में जड़ें जमाने के लिए आई थी. क्योंकि पड़ोसी राज्य पंजाब के साथ-साथ दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी की सरकार है. दोनों राज्यों में हिमाचल के कई लोग रहते हैं, लेकिन हिमाचल छोटा राज्य है जहां सिर्फ 68 सीटें हैं. यहां तीसरी पार्टी के लिए कभी जगह नहीं बन पाई है. कई दलों के हाथ इस कोशिश में मायूसी ही लगी है.

हिमाचल से AAP का राष्ट्रीय पार्टी का मिशन: वरिष्ठ पत्रकार उदय पठानिया का कहना है कि आम आदमी पार्टी के 67 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे लेकिन शायद उन्हें भी ये अंदाजा हो गया कि वो फिलहाल इस स्थिति में नहीं है कि अपनी जड़ें जमा सके. अगर पार्टी को कुछ सफलता मिलती है तो उसे राष्ट्रीय पार्टी बनने में जरूरी मत प्रतिशत के क्राइटीरिया में कुछ मदद मिल सकती है. इस मामले में भी ज्यादा कुछ फिलहाल आप के हाथ लगता नहीं दिख रहा है. पार्टी के थिंकटैंक को भी लग गया था कि यहां फिलहाल कामयाबी नहीं मिलेगी इसलिए प्रचार भी उस स्तर पर नहीं हुआ और मतदान के दिन केंद्रों के बाहर भी पोलिंग एजेंट लगभग ना के बराबर रहे.

राष्ट्रीय पार्टी के दर्जे से चंद कदमों की दूरी: दिल्ली, पंजाब में सत्ता हासिल करने और गोवा विधानसभा में दो विधायक जीतने के बाद अब गुजरात और हिमाचल प्रदेश में मिले मत प्रतिशत आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा दिला सकता है. गोवा में AAP ने 6.77 फीसदी वोट शेयर के साथ दो सीटें हासिल की हैं. कुछ अन्य राज्यों में भी आम आदमी पार्टी की हिस्सेदारी और वोट शेयर हैं, इसलिए अब यह चर्चा होने लगी है कि AAP बहुत जल्द राष्ट्रीय पार्टी बनने जा रही है.


राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने पर फायदे: देश में फिलहाल 8 पार्टियों को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है. इसके अलावा राज्य स्तरीय पार्टियों की संख्या 35 है. वहीं, क्षेत्रीय पार्टियों की संख्या 320 से ज्यादा हैं. राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद भारत निर्वाचन आयोग से कई तरह की सुविधा मिलती है. एक तो चुनाव चिन्ह मिल जाता है. जो पूरे देश में मान्य होता है. दूसरा निर्वाचन सूची भी मिलती है और रेडियो टीवी पर प्रसारण करने की भी सुविधा मिलती है.

पढ़ें- आप उम्मीदवार ने गुजरात चुनाव से नाम लिया वापस, बीजेपी में शामिल

Last Updated : Nov 29, 2022, 5:26 PM IST
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