सरकाघाट/मंडी: नगर परिषद सरकाघाट में सालों से खड्ड का तटीकरण नहीं होने के चलते आज तक कई बीघा जमीन इसके कारण बह गई है. अब तक कई घर इसकी जद में आ चुके हैं. स्थानीय लोगों ने इसे नगर परिषद सरकाघाट की अनदेखी बताया और कहा कि तटीकरण न होने से जहां खड्ड के किनारे बने एक दर्जन घरों को खतरा बना हुआ है. वहीं 50 बीघा जमीन को खड्ड निगल चुकी है. सैकड़ों बीघा जमीन पर इस खड्ड की भेंट चढ़ने का खतरा बना हुआ है.
लाखों रुपए खर्च कर भी नहीं हुआ समस्या का समाधान
लोगों ने आक्रोश जताया कि नगर परिषद ने लाखों रुपए खर्च कर दिए लेकिन इस खड्ड का आज तक तटीकरण करवाना जरूरी नहीं समझा. यह एक बहुत बड़ी समस्या है, जिस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. लोगों का कहना है कि श्मशानघाट से लेकर सरकारी स्कूल तक करीब एक किलोमीटर नाले के किनारे सरकारी स्कूल सहित एक दर्जन घर जद में आ गए हैं और खतरा बना हुआ है.
रातभर डर के साए में जागने को मजबूर हैं स्थानीय लोग
स्व पूर्व सैनिक की पत्नी जुध्या देवी, रोशन लाल, रूपलाल , मदन लाल, रामचंद, महेंद्र सिंह, कांता देवी, सुंदर सिंह, ख्याली राम, मेघ सिंह, सुहडू राम, पवन कुमार, हरिया राम, बेसरी राम, अच्छर सिह, अच्छरू राम, राजींद्र कुमार आदि लोगों ने बताया कि पिछले 20 वर्षों से इस खड्ड के चैनेलाईजेशन की मांग कर रहे हैं, लेकिन किसी के कान में कोई जूं तक नहीं रेंग रही है और कई घरों के लिए खतरा बना हुआ है. खड्ड घरों के बिलकुल नजदीक पहुंच चुकी है. बरसात में लोग रात रातभर डर के साए में जागने को मजबूर हैं.
चुनावी समर्थन के लिए ग्रामीणों की दो टूक
इस बारे में ग्रामीणों ने चुनावी दंगल में उतरे उम्मीदवारों को दो टूक शब्दों में कहा है कि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर भाई-भतीजावाद और स्वार्थ छोड़ कर निःस्वार्थ भाव से जनहित में काम करते हुए श्मशानघाट से लेकर स्कूल तक खड्ड का चैनेलाइजेशन करने का जो भी लिखित में वादा करेगा उसको ही वोट और समर्थन दिया जाएगा.