सराज: सराज में लंबे अंतराल में इस बार जमकर बर्फबारी हुई है. अच्छी बर्फबारी के चलते किसान बागवान भी बहुत खुश हैं. सेब के पौधों के लिए ये बर्फबारी संजीवनी बन कर आई है. घाटी में अच्छी बर्फबारी होने से सेब के बगीचों में लंबे समय तक नमी बनी रहेगी. बगीचों में ज्यादा समय तक नमी बने रहने से सेब की पैदावार में अधिक वृद्धि होगी. वहीं, बर्फबारी के बाद मौसम साफ होते ही किसानों ने खेतों में काम शुरू कर दिया है. यही नहीं किसान खेतों में मटर की बिजाई कर रहे हैं.
पिछले दिनों हुई बर्फबारी होने से सेब की पैदावार में वृद्धि की संभावनाओं को देखते हुए सेब बागवानों के चेहरे खिल गए हैं. जिला मंडी में सराज घाटी, सेब उत्पादन के लिए काफी मशहूर है. जिले के अंतर्गत जंजैहली घाटी, एप्पल वैली, बगस्याड मिडल बैलेट भाटकीधार क्षेत्र के सेब प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध हैं. इन क्षेत्रों में प्रतिवर्ष हजारों टन सेब की पैदावार होती है और यहां का सेब देश की विभिन्न मंडियों में पहुंचता है.
लेकिन, पिछले कुछ सालों से सेब के बागानों के लिए अनुकूल मौसम नहीं होने के कारण सेब उत्पादन में गिरावट देखने को मिल रही थी. लेकिन इस बार भारी बर्फबारी होने से क्षेत्र के किसानों कि चेहरों में मुस्कान है. हो भी क्यों नहीं, इस बार करीब 6 वर्षों के अंतराल में जिले के सभी क्षेत्रों में मौसम मेहरबान रहा और खूब बर्फबारी हुई. बर्फबारी से सेब के बगीचे में लंबे समय तक नमी बनी रहेगी, जिससे सेब उत्पादन भी अच्छा होगा. साथ ही इस बार अधिक बर्फबारी होने से सेब के साथ-साथ अन्य फसलों के उत्पादन में भी वृद्धि देखने को मिल सकेगी. सराज के बागवानों का कहना है कि काफी लंबे समय बाद इस बार अच्छी बर्फबारी देखने को मिली है. इससे सेब उत्पादन एवं अन्य फसलों के उत्पादन में वृद्धि होने की किसानों में आस जगी है.
क्या कहते हैं उद्यान अधिकारी: सराज के एचओडी संजय कुमार का कहना है कि खेती के लिए बर्फबारी बहुत उपयोगी है और इस बार बहुत अच्छी बर्फबारी हुई है. जो सेब की फसल के लिए संजीवनी का काम करेगी. इससे बीते सालों की अपेक्षा इस साल सेब का अधिक उत्पादन होगा. सेब के साथ-साथ इस बर्फबारी से सभी प्रकार की फसलों का अच्छा उत्पादन देखने को मिलेगा. अच्छी बर्फबारी होने से जमीन में अधिक समय तक नमी बनी रहेगी और सेब के उत्पादन के लिए उपयोगी होने वाला न्यूनतम तापमान भी बना रहेगा. वहीं, एचडीओ संजय कुमार ने कहा कि बर्फबारी से अत्यधिक ठंड होने के कारण कई छोटे-मोटे कीट स्वयं ही मर जाते हैं और लंबे समय तक खेतों में और सेब के बगीचे में नमी रहती है.
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