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क्या आप भी हिमाचल आकर करते हैं पैराग्लाइडिंग और रिवर राफ्टिंग तो हो जाएं सावधान... - हिमाचल प्रदेश न्यूज़

हिमाचल प्रदेश में रिवर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग के दौरान पर्यटक हादसे का शिकार हो रहे हैं. पुलिस कई बार पर्यटकों को जागरूक करती है कि नदी नालों के पास ना जाएं, बावजूद इसके पर्यटक नहीं मानते. ऐसे में पर्यटकों को खासा ध्यान रखने की जरूरत है. पढ़ें पूरी खबर...

kullu tourist accident
फाइल फोटो.
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Published : Jun 19, 2023, 3:43 PM IST

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर इन दिनों सैलानियों की भीड़ लगातार बढ़ रही है. वहीं, जिला कुल्लू के पर्यटन स्थल भी सैलानियों से गुलजार हो रहे हैं. जिला कुल्लू में आने वाले सैलानी यहां पर सहायक गतिविधियों का भी खूब मजा ले रहे हैं, लेकिन आए दिन सैलानियों के साथ हादसे भी पेश आ रहे हैं. जिससे सैलानियों के दिलों में डर भी बैठ रहा है.

बीते दिनों ही उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी में एक महिला नदी में बह गई है. जिसका अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. अब बंजार पुलिस की टीम नदी किनारे महिला की तलाश में जुट गई है. ऐसे में जिला कुल्लू के नदी नालों का रोमांच अब पर्यटकों के लिए भारी पड़ रहा है. हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा नदी नालों के किनारे चेतावनी बोर्ड में लगाए गए हैं और पुलिस के द्वारा भी लोगों को जागरूक किया जाता है, लेकिन उसके बावजूद भी सैलानी नदी नाले किनारे जाने से नहीं मान रहे हैं और आए दिन उनके साथ हादसे भी पेश आ रहे हैं.

2014 से अब तक रिवर राफ्टिंग के दौरान कुल 12 टूरिस्ट की मौत, पैराग्लाइडिंग के दौरान 9 टूरिस्ट की मौत: जिला कुल्लू की अगर बात करें तो साल 2014 से अब तक रिवर राफ्टिंग के दौरान राफ्ट पलटने से 12 सैलानियों की मौत हो चुकी है. राफ्ट पलटने से कई गाइड और सैलानी भी घायल भी हुए हैं. 20 मई को भी राफ्ट पलटने से महाराष्ट्र की महिला की मौत हुई थी और 28 अप्रैल को भी राफ्ट पलटने से बबेली में महाराष्ट्र के पर्यटक की मौत हुई थी. पैराग्लाइडिंग की अगर बात करें तो साल 2018 के बाद अब तक 9 सैलानियों की मौत हो चुकी है.

kullu tourist accident
फाइल फोटो.

'महिला टूरिस्ट का अभी तक नहीं लगा कोई सुराग': बंजार की तीर्थन घाटी में बीते दिन पर्यटक महिला का नाम किरण बापना पत्नी दीपक बापना निवासी शोभा अल्टिमा कॉम्प्लेक्स बैंगलौर कर्नाटक उम्र 45 वर्ष नदी में बह गई. जिसका अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया हैं. बताया जा रहा है कि यह पर्यटक बिना लोकल गाइड के नेशनल पार्क प्रवेश द्वार तक घूमने गए थे जो घाटी के एक नामी कॉटेज में रुके हुए थे. ऐसे में अब महिला की बंजार पुलिस के द्वारा तलाश की जा रही है.

'चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं': ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क तीर्थन रेंज के वन परिक्षेत्र अधिकारी परमानंद का कहना है कि पार्क क्षेत्र के अंदर बिना परमिट और लोकल गाइड के प्रवेश वर्जित है, लेकिन प्रवेश द्वार के बाहर तक कोई भी व्यक्ति बिना लोकल गाइड के जा सकता है. पार्क क्षेत्र के बाहर पर्यटकों के लिए लोकल गाइड सर्विस देना स्थानीय पर्यटन कारोबारियों की जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया कि पर्यटकों की सुविधा के लिए गुशैनी, रोपा और चूली छो के पास दिशा निर्देश बोर्ड भी लगाए हैं जिसमें पार्क क्षेत्र में क्या करें और क्या न करें स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है.

kullu tourist accident
फाइल फोटो.

वहीं, जिला प्रशासन के द्वारा एक नया नियम बनाया गया है. जिसके तहत पैराग्लाइडिंग और राफ्टिंग करवाने वाले संचालकों को अपनी अपनी साइट पर लॉग बुक साथ रखनी होगी. डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने कहा कि सभी लोग अपनी-अपनी साइट पर लॉगबुक रखें व पर्यटकों की एन्ट्री करें. वहीं, पर्यटन विभाग द्वारा एक फ्लाइंग स्क्वॉड बनाया जाएगा जो साहसिक गतिविधियों के आयोजन स्थलों का दो-दो सप्ताह बाद औचक निरीक्षण करेगा और नियमों का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई कर उनका चालान किया जाएगा.

Read Also- Tourists Rescue in Kangra: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में नदी-नालों में उफान, पुलिस व SDRF के जवानों ने रेस्क्यू किए 40 पर्यटक

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर इन दिनों सैलानियों की भीड़ लगातार बढ़ रही है. वहीं, जिला कुल्लू के पर्यटन स्थल भी सैलानियों से गुलजार हो रहे हैं. जिला कुल्लू में आने वाले सैलानी यहां पर सहायक गतिविधियों का भी खूब मजा ले रहे हैं, लेकिन आए दिन सैलानियों के साथ हादसे भी पेश आ रहे हैं. जिससे सैलानियों के दिलों में डर भी बैठ रहा है.

बीते दिनों ही उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी में एक महिला नदी में बह गई है. जिसका अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. अब बंजार पुलिस की टीम नदी किनारे महिला की तलाश में जुट गई है. ऐसे में जिला कुल्लू के नदी नालों का रोमांच अब पर्यटकों के लिए भारी पड़ रहा है. हालांकि जिला प्रशासन के द्वारा नदी नालों के किनारे चेतावनी बोर्ड में लगाए गए हैं और पुलिस के द्वारा भी लोगों को जागरूक किया जाता है, लेकिन उसके बावजूद भी सैलानी नदी नाले किनारे जाने से नहीं मान रहे हैं और आए दिन उनके साथ हादसे भी पेश आ रहे हैं.

2014 से अब तक रिवर राफ्टिंग के दौरान कुल 12 टूरिस्ट की मौत, पैराग्लाइडिंग के दौरान 9 टूरिस्ट की मौत: जिला कुल्लू की अगर बात करें तो साल 2014 से अब तक रिवर राफ्टिंग के दौरान राफ्ट पलटने से 12 सैलानियों की मौत हो चुकी है. राफ्ट पलटने से कई गाइड और सैलानी भी घायल भी हुए हैं. 20 मई को भी राफ्ट पलटने से महाराष्ट्र की महिला की मौत हुई थी और 28 अप्रैल को भी राफ्ट पलटने से बबेली में महाराष्ट्र के पर्यटक की मौत हुई थी. पैराग्लाइडिंग की अगर बात करें तो साल 2018 के बाद अब तक 9 सैलानियों की मौत हो चुकी है.

kullu tourist accident
फाइल फोटो.

'महिला टूरिस्ट का अभी तक नहीं लगा कोई सुराग': बंजार की तीर्थन घाटी में बीते दिन पर्यटक महिला का नाम किरण बापना पत्नी दीपक बापना निवासी शोभा अल्टिमा कॉम्प्लेक्स बैंगलौर कर्नाटक उम्र 45 वर्ष नदी में बह गई. जिसका अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया हैं. बताया जा रहा है कि यह पर्यटक बिना लोकल गाइड के नेशनल पार्क प्रवेश द्वार तक घूमने गए थे जो घाटी के एक नामी कॉटेज में रुके हुए थे. ऐसे में अब महिला की बंजार पुलिस के द्वारा तलाश की जा रही है.

'चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं': ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क तीर्थन रेंज के वन परिक्षेत्र अधिकारी परमानंद का कहना है कि पार्क क्षेत्र के अंदर बिना परमिट और लोकल गाइड के प्रवेश वर्जित है, लेकिन प्रवेश द्वार के बाहर तक कोई भी व्यक्ति बिना लोकल गाइड के जा सकता है. पार्क क्षेत्र के बाहर पर्यटकों के लिए लोकल गाइड सर्विस देना स्थानीय पर्यटन कारोबारियों की जिम्मेदारी है. उन्होंने बताया कि पर्यटकों की सुविधा के लिए गुशैनी, रोपा और चूली छो के पास दिशा निर्देश बोर्ड भी लगाए हैं जिसमें पार्क क्षेत्र में क्या करें और क्या न करें स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है.

kullu tourist accident
फाइल फोटो.

वहीं, जिला प्रशासन के द्वारा एक नया नियम बनाया गया है. जिसके तहत पैराग्लाइडिंग और राफ्टिंग करवाने वाले संचालकों को अपनी अपनी साइट पर लॉग बुक साथ रखनी होगी. डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने कहा कि सभी लोग अपनी-अपनी साइट पर लॉगबुक रखें व पर्यटकों की एन्ट्री करें. वहीं, पर्यटन विभाग द्वारा एक फ्लाइंग स्क्वॉड बनाया जाएगा जो साहसिक गतिविधियों के आयोजन स्थलों का दो-दो सप्ताह बाद औचक निरीक्षण करेगा और नियमों का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई कर उनका चालान किया जाएगा.

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