कुल्लू: ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क की अब एक बार फिर से नए सिरे से रैकिंग की जाएगी. दिसंबर में रैंकिंग के लिए एक टीम भी यहां पर आएगी. ऐसे में आठ दिनों तक इस पार्क का सर्वे किया जाएगा और उसके बाद इसे फिर से नई रैंकिंग दी जाएगी. इससे पहले साल 2018 में हुई रैकिंग में इसे बेहतर पाया गया था और देशभर की सेंक्चुरी में इसे पहले स्थान दिया गया था. अब 4 साल के बाद वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से यह सर्वे करवाया जाएगा.
वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की मैनेजमेंट इफेक्टिवेनेस इवोल्यूशन की टीम दिसंबर माह में पार्क का दौरा करेगी. लगभग आठ दिन के सर्वे में टीम पिछले 4 साल में पार्क में क्या-क्या बदलाव आए और किस तरह से इस पार्क का रखरखाव किया जा रहा है? उस बात को जांच करेगी और उसके बाद इस पार्क को नई रैकिंग दी जाएगी.
साल 1984 में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क की स्थापना की गई थी और साल 2014 में से यूनेस्को के द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया था. ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क 905 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इस पार्क में पशु, पक्षी जानवर और पेड़-पौधों की अलग-अलग प्रजातियां पाई जाती है. साल 2018 में हुए सर्वे में इस देश भर की सेंक्चुरी में पहला स्थान दिया गया था. अब वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की टीम 3 से 10 दिसंबर तक नेशनल पार्क का दौरा करेगी.
सर्वे टीम द्वारा दौरे के दौरान इस बात को जांचा जाएगा की पहले पार्क में किस तरह की गतिविधियां हो रही थी और अब पार्क में किस तरह से पशु पक्षियों तथा अन्य प्रजातियों को संरक्षण दिया जा रहा है? इसके अलावा पार्क में कितना लोगों का आना-जाना है, इसकी भी जांच की जाएगी? यह पूरी रिपोर्ट वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को भेजी जाएगी. जहां से इसकी रैंकिंग तय की जाएगी.
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क के दौरे के लिए 3 दिसंबर को टीम कुल्लू पहुंचेगी और 4 दिसंबर को अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी. 5 से 8 दिसंबर तक तीर्थन तथा सैंज घाटी के विभिन्न इलाकों का द्वारा किया जाएगा. 9 दिसंबर को दोबारा अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी और 10 दिसंबर को यह टीम वापस लौट जाएगी. इस पार्क में कस्तूरी मृग, बर्फानी तेंदुआ, भूरा भालू समेत जानवरों की 31 प्रजातियां पाई जाती है. इसके अलावा जाजु राणा, मोनाल, चिहड, नीली चिड़िया समेत 209 प्रजाति की पक्षियां और तितलियों की 51 प्रजातियां यहां पाई जाती है. इसके अलावा ग्रेट हिमालय नेशनल पार्क के दायरे में 900 के करीब विभिन्न प्रजातियों के पौधे और 29 प्रकार की दुर्लभ जड़ी बूटियां भी पाई जाती है.
वही वन्य विभाग के वन्य प्राणी विंग शमशी की अरण्यपाल मीरा ने बताया कि दिसंबर माह में वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की टीम ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क का दौरा करेगी. पार्क में किस तरह से पर्यावरण संरक्षण को लेकर काम हो रहा है, इस बात की जांच की जाएगी और इसकी पूरी रिपोर्ट वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को सौंप जाएगी.