कुल्लू: शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार भूमिहीन व आवासहीन लोगों को जमीन व आश्रय की सुविधा प्रदान करने को लेकर संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि समाज में सभी को सम्मानजनक ढंग से रोटी, कपड़ा व मकान की सुविधा हो, इसके लिये सरकार हमेशा प्रयास करती है. वह अटल सदन कुल्लू में भूमिहीन कल्याण संघ द्वारा(Landless Welfare Association in Kullu) आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे.
27 परिवारों को भूमि आंवटन: उन्होंने कहा कि जिले में 27 परिवारों को आवास निर्माण के लिये भूमि का आंवटन किया जा चुका, जबकि 33 मामलों की प्रक्रिया जारी और इनमें से अधिकांश मामलों में भूमि का जल्द ही आवंटन किया जाएगा.उन्होंने कहा बेशक आज की बैठक का मुद्दा उन लोगों से जुड़ा है जिनके पास भूमि नहीं. ऐसे लोगों की किस प्रकार मदद की जाए, इसके लिये उन्होंने जिला प्रशासन को कहा.
सरकार लोगों की सहायता करेगी: गोविंद ठाकुर ने कहा कि प्रदेश का 67 प्रतिशत परिक्षेत्र वन भूमि और वन भूमि पर किसी को भी आवास के निर्माण की इजाजत नहीं दी सकती हालांकि, वन भूमि में विभिन्न 13 प्रकार के विकास कार्यों को अनुमति का प्रावधान है. जिसमें सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य भवन, सामुदायिक भवन इत्यादि शामिल है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जो प्रदेश में भूमिहीन व आवासहीन लोगों को राहत प्रदान करने के मामले देखेगी. उन्होंने कहा हालांकि इस प्रकार के मामले न्यायालयों में हैं, लेकिन सरकार लोगों की हर संभव सहायता करेगी.
900 लोगों के पास न भूमि न आवास:अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रशांत सरकैक ने कहा कि वन भूमि पर छोटे-छोटे अतिक्रमण के मामले जिनकों बैठक में नियमित करने की बात की जा रही है. उन्होंने कहा कि भूमिहीन व आवासहीन लोगों को 2 या 3 बिस्वा भूमि प्रदान की जा रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्ष 2006 तक 75 साल पहले जो वन भूमि पर कब्जे थे, वहां पर छूट दी गई है. जिला भूमिहीन कल्याण संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि वन अधिकार नियम 2006 को को लागू करवाने के प्रयास किये जा रहे है. इस नियम को केवल जनजातीय क्षेत्रों में लागू किया गया. उन्होंने कहा कि जिले में 900 ऐसे लोग जिनके पास न भूमि न आवास है.
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