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मलाणा गांव में धूमधाम से मनाया गया फागली उत्सव, ग्रामीणों ने निभाई अनूठी परंपरा - मलाणा गांव में फागली उत्सव

फागली उत्सव के दौरान ग्रामीण महिलाएं पुराने वस्त्र पहन कर ही देव नृत्य करती हैं. फागली उत्सव के दौरान महिलाओं ने देवता से पहले इजाजत मांगी और उसके बाद माता रेणुका के प्रांगण में देव नृत्य किया.

Fagli festival in Malana village
मलाणा गांव में फागली उत्सव की धूम
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Published : Feb 29, 2020, 4:03 PM IST

कुल्लू: जिला की मणिकर्ण घाटी के प्राचीनतम गांव मलाणा में देवता जमदग्नि ऋषि का फागली पर्व धूमधाम से मनाया गया. फागली समारोह को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग गांव पहुंचे और जमदग्नि ऋषि का आशीर्वाद प्राप्त किया.

वीडियो.

इस दौरान ग्रामीणों ने अपने कंधों पर जलती हुई मशाल लेकर गांव की परिक्रमा की. वहीं, देवता जमलू ऋषि के देव निशान भी मशाल के पीछे चलते रहे. इस फागली उत्सव के दौरान भक्तों ने अपनी अपनी मन्नतें पूरी होने पर जमलू ऋषि को सोने और चांदी के घोड़े भी भेंट में चढ़ाएं.

वहीं, स्थानीय महिलाओं ने भी माता रेणुका के प्रांगण में पारंपरिक नृत्य किया. हालांकि कुल्लू जिला की परंपराओं में समय के अनुसार काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं, लेकिन विश्वविख्यात पुरातन गांव मलाणा में अभी तक देव परंपरा का निर्वाहन पारंपरिक तरीके से ही किया जा रहा है.

फागली उत्सव के दौरान ग्रामीण महिलाएं पुराने वस्त्र पहन कर ही देव नृत्य करती हैं. फागली उत्सव के दौरान महिलाओं ने देवता से पहले इजाजत मांगी और उसके बाद माता रेणुका के प्रांगण में देव नृत्य किया. इस फागली उत्सव को देखने के लिए जिला कुल्लू के अन्य कई इलाकों से भी श्रद्धालु गांव में पहुंचे और उन्होंने दोपहर बाद देवता के भी दर्शन किए.

ये भी पढे़ं: हिमाचल में बदला मौसम का मिजाज, तापमान में गिरावट से बढ़ी ठंड

कुल्लू: जिला की मणिकर्ण घाटी के प्राचीनतम गांव मलाणा में देवता जमदग्नि ऋषि का फागली पर्व धूमधाम से मनाया गया. फागली समारोह को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग गांव पहुंचे और जमदग्नि ऋषि का आशीर्वाद प्राप्त किया.

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इस दौरान ग्रामीणों ने अपने कंधों पर जलती हुई मशाल लेकर गांव की परिक्रमा की. वहीं, देवता जमलू ऋषि के देव निशान भी मशाल के पीछे चलते रहे. इस फागली उत्सव के दौरान भक्तों ने अपनी अपनी मन्नतें पूरी होने पर जमलू ऋषि को सोने और चांदी के घोड़े भी भेंट में चढ़ाएं.

वहीं, स्थानीय महिलाओं ने भी माता रेणुका के प्रांगण में पारंपरिक नृत्य किया. हालांकि कुल्लू जिला की परंपराओं में समय के अनुसार काफी बदलाव देखने को मिल रहे हैं, लेकिन विश्वविख्यात पुरातन गांव मलाणा में अभी तक देव परंपरा का निर्वाहन पारंपरिक तरीके से ही किया जा रहा है.

फागली उत्सव के दौरान ग्रामीण महिलाएं पुराने वस्त्र पहन कर ही देव नृत्य करती हैं. फागली उत्सव के दौरान महिलाओं ने देवता से पहले इजाजत मांगी और उसके बाद माता रेणुका के प्रांगण में देव नृत्य किया. इस फागली उत्सव को देखने के लिए जिला कुल्लू के अन्य कई इलाकों से भी श्रद्धालु गांव में पहुंचे और उन्होंने दोपहर बाद देवता के भी दर्शन किए.

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