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मौसम के बिगड़ते मिजाज ने बढ़ाई बागवानों की मुश्किलें, गिर सकते हैं सेब के दाम - worse

किन्नौर में सेब के साइज न बढ़ने और कलर न आने की वजह से बागवानों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं. बारिश और ठंड के चलते इनमें इजाफा नहीं हो रहा है.

apple trees
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Published : Aug 6, 2019, 2:36 PM IST

किन्नौर: जिला किन्नौर में हर साल निचले क्षेत्रों में सेब का तुड़ान अगस्त महीने में शुरू हो जाता था, लेकिन इस साल मौसम के बिगड़ते मिजाज के चलते सेब के साइज और कलर नहीं आ रहे. इसके चलते किन्नौर के बागवानों में चिंता बढ़ गई है.

apple trees
सेब के पेड़

बीते साल अगस्त में किन्नौर के निचले क्षेत्रों के सेब मंडी तक पहुंच चुके थे, लेकिन इस साल निचले क्षेत्रों में भी सेब में कलर और साइज की समस्या उत्पन्न हो गई है जबकि ऊपरी क्षेत्रों में अभी भी सेब बिल्कुल कच्चे अवस्था में हैं. इस कारण आने वाले महीनों में मंडी में सेब के दाम गिरने के आसार भी बढ़ जाते हैं.

apple trees
सेब के पेड़

बता दें कि इस साल पहली बार सेब की फसल अधिक मात्रा में है, लेकिन बारिश और ठंड के चलते सेब के साइज में इजाफा नहीं हो रहा. ऐसे में बागवानों की परेशानी बढ़ गई है और सेब के सही समय पर सीजन न लगने से मंडी में अच्छे दाम न मिलने की चिंता भी सत्ता रही है.

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सेब के पेड़

ये भी पढे़ं- सरपारा में पर्यटन की अपार संभावनाएं, लोगों ने की विकसित करने की मांग

किन्नौर: जिला किन्नौर में हर साल निचले क्षेत्रों में सेब का तुड़ान अगस्त महीने में शुरू हो जाता था, लेकिन इस साल मौसम के बिगड़ते मिजाज के चलते सेब के साइज और कलर नहीं आ रहे. इसके चलते किन्नौर के बागवानों में चिंता बढ़ गई है.

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सेब के पेड़

बीते साल अगस्त में किन्नौर के निचले क्षेत्रों के सेब मंडी तक पहुंच चुके थे, लेकिन इस साल निचले क्षेत्रों में भी सेब में कलर और साइज की समस्या उत्पन्न हो गई है जबकि ऊपरी क्षेत्रों में अभी भी सेब बिल्कुल कच्चे अवस्था में हैं. इस कारण आने वाले महीनों में मंडी में सेब के दाम गिरने के आसार भी बढ़ जाते हैं.

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सेब के पेड़

बता दें कि इस साल पहली बार सेब की फसल अधिक मात्रा में है, लेकिन बारिश और ठंड के चलते सेब के साइज में इजाफा नहीं हो रहा. ऐसे में बागवानों की परेशानी बढ़ गई है और सेब के सही समय पर सीजन न लगने से मंडी में अच्छे दाम न मिलने की चिंता भी सत्ता रही है.

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Intro:जनजातीय जिला किन्नौर में हर वर्ष निचले क्षेत्रो में सेब के तुड़ान अगस्त महीने में शुरू हो जाता था लेकिन इस वर्ष मौसम के बिगड़ते मिज़ाज़ के चलते सेब के साइज व कलर नही आ रही है जिसके चलते किन्नौर के बागवानों में चिंता बढ़ गयी है। Body:बीते वर्ष अगस्त महीने में किन्नौर के निचले क्षेत्रो के सेब मंडी तक पहुँच चुके थे लेकिन इस वर्ष निचले क्षेत्रो में भी सेब में कलर व साइज़ की समस्या उतपन्न हो गयी है जबकि ऊपरी क्षेत्रो में अभी भी सेब बिल्कुल कच्चे अवस्था मे है।Conclusion:जिसकारण आने वाले महीनों में मंडी में सेब के दाम गिरने के आसार भी बढ़ जाते है बताते चले कि इस वर्ष पहली बार सेब की फसल अधिक मात्रा में है लेकिन बारिश व ठंड के चलते सेब के साइज में इज़ाफ़ा नही हो रहा ऐसे में बागवानों की परेशानी बढ़ गयी है और सेब के सही समय पर सीज़न न लगने से मंडी में अच्छे दाम न मिलने की चिन्ता भी सत्ता रही है।
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