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ग्राउंड रिपोर्ट: कोरोना की मार से उभरने में धर्मशाला के पर्यटन कारोबार को लगेगा वक्त

धर्मशाला और मैक्लोडगंज में पर्यटकों ने अपनी दस्तक देनी शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक टूरिस्ट वीकेंड पर ही यहां पहुंच रहे हैं. बता दें कि वीकेंड के अलावा अन्य दिनों में टूरिस्टों की तादाद कम है वहीं, पर्यटन से जुड़े तमाम लोगों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी पर्यटक आएंगे और जो पिछले 6 महीनों में पर्यटन कारोबार को घाटा हुआ है उससे उबरने में मदद मिलेगी.

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Published : Oct 7, 2020, 8:15 PM IST

धर्मशाला: प्रदेश में तमाम सीमाएं खोलने के बाद अब प्रदेश की तमाम टूरिस्ट जगहों पर पर्यटकों का आना शुरू हो गया है. वहीं, धर्मशाला और मैक्लोडगंज में भी पर्यटकों ने अपनी दस्तक देनी शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक टूरिस्ट वीकेंड पर ही यहां पहुंच रहे हैं. बता दें कि वीकेंड के अलावा अन्य दिनों में टूरिस्टों की तादाद कम है वहीं, पर्यटन से जुड़े तमाम लोगों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी पर्यटक आएंगे और जो पिछले 6 महीनों में पर्यटन कारोबार को घाटा हुआ है उससे उबरने में मदद मिलेगी.

साल 2019 की बात की जाए तो जिला कांगड़ा में लगभग 20 लाख से अधिक पर्यटकों की मौजूदगी दर्ज हुई थी, लेकिन अगर 2020 की बात की जाए तो यह आंकड़ा ना के बराबर है, क्योंकि मार्च 2020 में लॉकडाउन लगने की वजह से पर्यटक सीजन पूरी तरह से ठप हो गया. वहीं, पिछले वर्ष की बात की जाए तो होटलों में 60 से 70% की ऑक्युपेंसी दर्ज की गई थी, लेकिन इस वर्ष अगर अनुमान लगाया जाए तो 10 से 15% की अब तक दर्ज की गई है.

वीडियो.

होटल कारोबारियों की मानें तो आगामी 2 वर्ष इस घाटे से उबरने को लग जाएंगे. वहीं, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी बंबा ने कहा कि 15 सितंबर के बाद होटल खुलने शुरू हुए थे और अब तमाम होटल खुल चुके हैं.

वहीं, उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों के टूरिस्ट यहां आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि बात की जाए शुरुआत की जब होटल खुले थे तो युवा वर्ग ज्यादा आ रहा था, लेकिन अब जो है वो पिछले सप्ताह के अंत पर यहां फैमिलिस ने भी आना शुरू कर दिया है, जोकि एक अच्छा संकेत है. उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह को हटा दें तो होटलों में ऑक्यूपेंसी मात्र 10 प्रतिशत है, लेकिन पिछले वीकेंड की बात की जाए तो अवश्य यह 70 प्रतिशत तक थी.

उन्होंने कहा कि इस वक्त महारष्ट्र और गुजरात और उड़ीसा से टूरिस्ट आता था, लेकिन अभी वो यहां नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि अभी हम पूरी तरह से पड़ोसी राज्यों पर निर्भर थे. वहीं, उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 60 प्रतिशत ऑक्युपेंसी थी और इस वर्ष तो 15 प्रतिशत से अधिक जाना भी मुश्किल है.

वहीं, होटल कारोबारी शमेशर नेहेरियां ने कहा कि 6 महीने तक कारोबार पूरी तरह बंद रहा है. उन्होंने कहा कि अब जबसे होटल खुले हैं तबसे लेकर अब तक काफी कम टूरिस्ट हैं. उन्होंने कहा कि वीकेंड पर टूरिस्ट आ रहे हैं, लेकिन उमीद है कि आने वाले दिनों में यह कारोबार और बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि एसओपी के तहत तमान नियमों का पालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 70 प्रतिशत ऑक्युपेंसी थी, लेकिन इस बार बहुत कम है और हमारी उम्मीद यह है कि यह धीरे-धीरे बढ़ेगा.

वहीं, होटल असोसिएशन धर्मशाला के चेयरमैन ओंकार सिंह नेहेरियां ने कहा कि अभी तक वीकेंड पर ही टूरिस्ट आ रहा है, लेकिन अभी पंजाब का टूरिस्ट ही आ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित रेट भी नहीं मिल रहे है. उन्होंने कहा कि समस्या यह हुई है कि सभी लोगों को सैलरी हम भी नहीं दे पाए हैं. उन्होंने कहा कि कारोबार की उम्मीद अगले वर्ष मार्च के बाद ही है. उन्होंने कहा कि यहां पार्किंग की काफी समस्या है, लेकिन अब प्रयास होना शुरू हुए हैं जिसके लिए अभी समय लगेगा.

वहीं, एडवेंचर टूर ऑपरेटर धर्मशाला के अध्यक्ष कुलदीप नेहेरियां ने कहा कि जब लॉकडाउन लगा था तो उस वक्त काफी अच्छी बुकिंग थी और वो सब कैंसिल हो गई. उन्होंने कहा कि अभी जब सब खुला है तब थोड़ी उम्मीद हमारी बढ़ी है. उन्होंने कहा की घाटे से उबरने में 2 से 3 साल लगेंगे, लेकिन जो लोग इस कारोबार से जुड़े हैं उन्हें अब रोजगार मिलना शुरू हुआ है जोकि अच्छा संकेत है.

हुनरी टॉवेल एडवेंचर के मालिक मनु कहते हैं कि मार्च में ट्रैकिंग सीजन शुरू होता था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से यह कारोबार खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा कि यह काफी मुश्किल दौर जो गुजरे हैं. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे उम्मीद है कि टूरिस्ट आना शुरू होंगे और हम अपने घाटे से उबरेगें.

वहीं, शिव कुमार जो ढाबा और गेस्ट हाउस चलाते हैं उन्होंने कहा कि वीकेंड पर कारोबार हो रहा है जो लड़के हमारे पास काम करने के लिए आते हैं वो नहीं आ रहे हैं, क्योंकि कोरोना का डर बना हुआ है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि जल्द स्थिति सुधरेगी और जो हमारा घाटा था उससे हम जल्द उभर सकेंगे, क्योंकि 6 महीने तक कारोबार पूरी तरह बंद रहा है.

ऑल हिमाचल प्रदेश टैक्सी यूनियन के महासचिव रमेश जरियाल कहते हैं कि टैक्सी कारोबार का काम शुरू हुआ ही नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी तक होटल कारोबार चलने शुरू हुआ है, लेकिन टैक्सी हालात अभी भी वैसे ही है. उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीनों में टैक्सी ऑपरेटर का कारोबार पूरी तरह ठप हो गया है, लेकिन छोटी गाड़ियों वाले लोकल रुट पर चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष काफी अच्छा टूरिस्ट था, लेकिन इस वर्ष यह न के बराबर है.

वहीं, धर्मशाला एडवेंचर स्पोर्ट्स क्लब के अध्यक्ष विजय इंद्र करण कहते हैं कि लॉकडाउन जब से खत्म हुआ है तबसे लेकर अब तक पर्यटक आ रहे हैं, लेकिन वीकेंड पर ज्यादा पर्यटक आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सप्ताह के दिनों में कम, लेकिन वीकेंड पर ठीक काम है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पैराग्लाइडिंग करवाने वाले जो हमारे युवा हैं उन्हें काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीने काफी भारी रहे हैं और उम्मीद यही है कि इस घाटे से जल्द से जल्द उभरा जा सके.

वहीं, भागसूनाग में फोटोग्राफी करने वाले अनिल कपूर कहते हैं कि लॉकडाउन में काफी समस्या आई है. उन्होंने कहा कि पर्यटन कारोबार को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि टूरिस्ट पहले दिनों में ठीक था, लेकिन अभी कारोबार उस हिसाब से नहीं चला है.

धर्मशाला: प्रदेश में तमाम सीमाएं खोलने के बाद अब प्रदेश की तमाम टूरिस्ट जगहों पर पर्यटकों का आना शुरू हो गया है. वहीं, धर्मशाला और मैक्लोडगंज में भी पर्यटकों ने अपनी दस्तक देनी शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक टूरिस्ट वीकेंड पर ही यहां पहुंच रहे हैं. बता दें कि वीकेंड के अलावा अन्य दिनों में टूरिस्टों की तादाद कम है वहीं, पर्यटन से जुड़े तमाम लोगों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी पर्यटक आएंगे और जो पिछले 6 महीनों में पर्यटन कारोबार को घाटा हुआ है उससे उबरने में मदद मिलेगी.

साल 2019 की बात की जाए तो जिला कांगड़ा में लगभग 20 लाख से अधिक पर्यटकों की मौजूदगी दर्ज हुई थी, लेकिन अगर 2020 की बात की जाए तो यह आंकड़ा ना के बराबर है, क्योंकि मार्च 2020 में लॉकडाउन लगने की वजह से पर्यटक सीजन पूरी तरह से ठप हो गया. वहीं, पिछले वर्ष की बात की जाए तो होटलों में 60 से 70% की ऑक्युपेंसी दर्ज की गई थी, लेकिन इस वर्ष अगर अनुमान लगाया जाए तो 10 से 15% की अब तक दर्ज की गई है.

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होटल कारोबारियों की मानें तो आगामी 2 वर्ष इस घाटे से उबरने को लग जाएंगे. वहीं, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी बंबा ने कहा कि 15 सितंबर के बाद होटल खुलने शुरू हुए थे और अब तमाम होटल खुल चुके हैं.

वहीं, उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों के टूरिस्ट यहां आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि बात की जाए शुरुआत की जब होटल खुले थे तो युवा वर्ग ज्यादा आ रहा था, लेकिन अब जो है वो पिछले सप्ताह के अंत पर यहां फैमिलिस ने भी आना शुरू कर दिया है, जोकि एक अच्छा संकेत है. उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह को हटा दें तो होटलों में ऑक्यूपेंसी मात्र 10 प्रतिशत है, लेकिन पिछले वीकेंड की बात की जाए तो अवश्य यह 70 प्रतिशत तक थी.

उन्होंने कहा कि इस वक्त महारष्ट्र और गुजरात और उड़ीसा से टूरिस्ट आता था, लेकिन अभी वो यहां नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि अभी हम पूरी तरह से पड़ोसी राज्यों पर निर्भर थे. वहीं, उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 60 प्रतिशत ऑक्युपेंसी थी और इस वर्ष तो 15 प्रतिशत से अधिक जाना भी मुश्किल है.

वहीं, होटल कारोबारी शमेशर नेहेरियां ने कहा कि 6 महीने तक कारोबार पूरी तरह बंद रहा है. उन्होंने कहा कि अब जबसे होटल खुले हैं तबसे लेकर अब तक काफी कम टूरिस्ट हैं. उन्होंने कहा कि वीकेंड पर टूरिस्ट आ रहे हैं, लेकिन उमीद है कि आने वाले दिनों में यह कारोबार और बढ़ेगा. उन्होंने कहा कि एसओपी के तहत तमान नियमों का पालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 70 प्रतिशत ऑक्युपेंसी थी, लेकिन इस बार बहुत कम है और हमारी उम्मीद यह है कि यह धीरे-धीरे बढ़ेगा.

वहीं, होटल असोसिएशन धर्मशाला के चेयरमैन ओंकार सिंह नेहेरियां ने कहा कि अभी तक वीकेंड पर ही टूरिस्ट आ रहा है, लेकिन अभी पंजाब का टूरिस्ट ही आ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित रेट भी नहीं मिल रहे है. उन्होंने कहा कि समस्या यह हुई है कि सभी लोगों को सैलरी हम भी नहीं दे पाए हैं. उन्होंने कहा कि कारोबार की उम्मीद अगले वर्ष मार्च के बाद ही है. उन्होंने कहा कि यहां पार्किंग की काफी समस्या है, लेकिन अब प्रयास होना शुरू हुए हैं जिसके लिए अभी समय लगेगा.

वहीं, एडवेंचर टूर ऑपरेटर धर्मशाला के अध्यक्ष कुलदीप नेहेरियां ने कहा कि जब लॉकडाउन लगा था तो उस वक्त काफी अच्छी बुकिंग थी और वो सब कैंसिल हो गई. उन्होंने कहा कि अभी जब सब खुला है तब थोड़ी उम्मीद हमारी बढ़ी है. उन्होंने कहा की घाटे से उबरने में 2 से 3 साल लगेंगे, लेकिन जो लोग इस कारोबार से जुड़े हैं उन्हें अब रोजगार मिलना शुरू हुआ है जोकि अच्छा संकेत है.

हुनरी टॉवेल एडवेंचर के मालिक मनु कहते हैं कि मार्च में ट्रैकिंग सीजन शुरू होता था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से यह कारोबार खत्म हो चुका है. उन्होंने कहा कि यह काफी मुश्किल दौर जो गुजरे हैं. उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे उम्मीद है कि टूरिस्ट आना शुरू होंगे और हम अपने घाटे से उबरेगें.

वहीं, शिव कुमार जो ढाबा और गेस्ट हाउस चलाते हैं उन्होंने कहा कि वीकेंड पर कारोबार हो रहा है जो लड़के हमारे पास काम करने के लिए आते हैं वो नहीं आ रहे हैं, क्योंकि कोरोना का डर बना हुआ है. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि जल्द स्थिति सुधरेगी और जो हमारा घाटा था उससे हम जल्द उभर सकेंगे, क्योंकि 6 महीने तक कारोबार पूरी तरह बंद रहा है.

ऑल हिमाचल प्रदेश टैक्सी यूनियन के महासचिव रमेश जरियाल कहते हैं कि टैक्सी कारोबार का काम शुरू हुआ ही नहीं है. उन्होंने कहा कि अभी तक होटल कारोबार चलने शुरू हुआ है, लेकिन टैक्सी हालात अभी भी वैसे ही है. उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीनों में टैक्सी ऑपरेटर का कारोबार पूरी तरह ठप हो गया है, लेकिन छोटी गाड़ियों वाले लोकल रुट पर चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष काफी अच्छा टूरिस्ट था, लेकिन इस वर्ष यह न के बराबर है.

वहीं, धर्मशाला एडवेंचर स्पोर्ट्स क्लब के अध्यक्ष विजय इंद्र करण कहते हैं कि लॉकडाउन जब से खत्म हुआ है तबसे लेकर अब तक पर्यटक आ रहे हैं, लेकिन वीकेंड पर ज्यादा पर्यटक आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि सप्ताह के दिनों में कम, लेकिन वीकेंड पर ठीक काम है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पैराग्लाइडिंग करवाने वाले जो हमारे युवा हैं उन्हें काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा है. उन्होंने कहा कि पिछले 6 महीने काफी भारी रहे हैं और उम्मीद यही है कि इस घाटे से जल्द से जल्द उभरा जा सके.

वहीं, भागसूनाग में फोटोग्राफी करने वाले अनिल कपूर कहते हैं कि लॉकडाउन में काफी समस्या आई है. उन्होंने कहा कि पर्यटन कारोबार को काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि टूरिस्ट पहले दिनों में ठीक था, लेकिन अभी कारोबार उस हिसाब से नहीं चला है.

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