धर्मशाला: भारत के 74वें गणतंत्र दिवस पर धर्मशाला समेत संपूर्ण कांगड़ा जिला बसंती रंगों में खिला दिखा. इस उपलक्ष्य पर पुलिस मैदान धर्मशाला में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में कृषि व पशुपालन मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इस दौरान उन्होंने पुलिस व होमगार्ड की महिला तथा पुरुष टुकडि़यों और एनसीसी के कैडेट्स द्वारा निकाले गए आकर्षक मार्च पास्ट की सलामी ली.
प्रो. चन्द्र कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि 26 जनवरी का दिन सभी भारतवासियों के लिए एक गौरवमयी दिवस है. वर्ष 1950 को इसी दिन भारत का महान संविधान प्रभावी हुआ था और देश में लोकशाही का स्वप्न साकार हुआ. उन्होंने संविधान निर्माताओं के साथ-साथ सभी स्वतंत्रता सेनानियों के तप, त्याग और बलिदान को स्मरण करते हुए नमन किया, साथ ही देश की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण रखने में प्राण न्योछावर करने वाले वीर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए. उन्होंने सराहनीय सेवाओं के लिए भारतीय सेनाओं व पुलिस के जवानों का भी आभार जताया. उन्होंने कहा कि संविधान सभी देशवासियों को बिना किसी भेदभाव के विकास एवं उत्थान के समान अवसर प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की शक्ति संविधान में ही निहित है.
'बलिदानी वीरों और उनके परिवारों के सम्मान में नहीं छोड़ेंगे कोई कसर'
प्रो. चंद्र कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी है तथा प्रदेश के युवा सुरक्षा बलों व सैन्य बलों में सेवा करना अपनी शान समझते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सैनिकों तथा भूतपूर्व सैनिकों के परिवारों को सुविधाएं प्रदान के लिए संकल्पबद्ध है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा परमवीर चक्र व अशोक चक्र विजेताओं को वार्षिकी के तौर पर तीन लाख रुपये, महावीर चक्र व कीर्ति चक्र विजेताओं को वार्षिकी के तौर पर दो लाख रुपये, वीर चक्र व शौर्य चक्र विजेताओं को वार्षिकी के तौर पर एक लाख रुपये दिए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवाओं की बेटियों को शादी के लिए 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता राशि दी जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा युद्ध अथवा अन्य सैन्य ऑपरेशन में शहीद सैनिकों के आश्रितों को 20 लाख रुपये तथा अपंग हुए सैनिकों को पांच लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जा रही है.
'कृषक और पशुपालकों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध सरकार'
उन्होंने कहा कि किसानों, पशुपालकों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कृषि गतिविधियों में आधुनिक तकनीकी और पारंपरिक ज्ञान के मेल पर जोर देते हुए किसानों के जीवन में खुशहाली लाने की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा कि सरकार कृषकों, पशुपालकों और बागवानों की आय में बढ़ोतरी करने की दिशा में भी सरकार प्रयास कर रही है. इसके लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं. प्रो. चंद्र कुमार ने कहा कि हमारी सरकार का संकल्प है कि कृषि और बागवानी के महत्व के दृष्टिगत किसानों और बागवानों के फलों की कीमत तय करने में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक और पारंपरिक ज्ञान के संगम से कृषि से जुड़े व्यवसाय को सुदृढ़ बनाने की दिशा में सरकार काम करेगी.
'व्यवस्था परिवर्तन के लिए आई है सुक्खू सरकार'
कृषि व पशुपालन मंत्री ने कहा कि हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने और विकास पथ पर आगे ले जाने के लिए हिमाचल निर्माता एवं प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय डॉ. यशवंत सिंह परमार ने महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने कहा कि उनकी उच्च सोच और साधारण जीवन शैली का अनुकरण करते हुए प्रदेश सरकार व्यवस्था परिवर्तन के लिए कार्य करेगी.
उन्होंने कहा कि आने वाले 4 वर्षों में सरकार सभी प्रदेश वासियों के सहयोग से प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएगी. उन्होंने कहा कि हम सत्ता में सुख के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति वर्तमान सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है. उन्होंने कहा कि सत्ता संभालते ही हमने भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए कदम उठाने आरंभ कर दिए हैं.
'निराश्रितों का उत्थान सरकार की जिम्मेदारी'
उन्होंने कहा कि प्रदेश में रह रहे निराश्रितों का उत्थान सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जरूरतमंदों के लिए 101 करोड़ रुपये का मुख्यमंत्री सुख-आश्रय सहायता कोष स्थापित किया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने यह कदम दया भाव से नहीं, बल्कि अपनी जिम्मेदारी समझते हुए उठाया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपना पूरा वेतन और कांग्रेस के सभी विधायकों ने एक-एक लाख रुपए इस कोष में अंशदान दिया है. उन्होंने कहा कि व्यावसायिक और तकनीकी शिक्षा से जुड़े बड़े शिक्षण संस्थानों में दाखिला पाने वाले जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च सरकार उठाएगी तथा उन्हें जेब खर्च के रूप में 4 हजार रुपए भी दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार वृद्धाश्रम, आश्रय गृह में रहने वाले बच्चों के लिए माता और पिता की भूमिका निभाएगी. सरकार, एकल महिलाओं एवं विशेष बच्चों को 10 हजार रुपये प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष वस्त्र अनुदान प्रदान करेगी.
'पूर्व सरकार ने प्रदेश पर डाला आर्थिक बोझ'
प्रो. चंद्र कुमार ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार से वर्तमान सरकार को 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज विरासत में मिला, जबकि कर्मचारियों को एरियर के रूप में 4 हजार 430 करोड़ रुपए, पेंशनरों की देनदारी 5 हजार 226 करोड़ रुपए, कर्मचारियों और पेंशनरों का डीए एक हजार करोड़ रुपये बकाया है. इसके अलावा पिछली सरकार ने अंतिम 9 महीनों में बिना बजट का प्रावधान किए 900 संस्थान खोले व अपग्रेड किए, जिससे प्रदेश पर 5 हजार रुपए करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ पड़ा. उन्होंने कहा कि कर्ज के भारी बोझ के बावजूद प्रदेश सरकार अपने सभी वादों को पूरा करने के लिए दृढ़ता के साथ काम कर रही है. इसके लिए सरकार कड़े फैसले लेने की ओर कदम उठाएगी.
'प्रेरक व्यक्तियों को किया सम्मानित'
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने प्रेरक कार्य करने वाले व्यक्तियों, अधिकारियों, कर्मचारियों, समाज सेवियों और समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले दलों को पुरस्कृत कर सम्मानित किया. इस मौके समाज सेवी संतोष कटोच ने जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के लिए 10 हजार रुपये का अंशदान दिया.कार्यक्रम में रेडक्रॉस सोसाइटी के लकी ड्रॉ भी निकाले गए. इससे पहले कृषि मंत्री ने युद्ध समारक धर्मशाला में बलिदानी वीरों को श्रद्धासुमन अर्पित कर, उनकी स्मृतियों को नमन किया.
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल, मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल, विधायक शाहपुर केवल सिंह पठानिया, विधायक इंदौरा मलेंद्र राजन, पूर्व मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, पूर्व सीपीएस जगजीवन पॉल, पूर्व सीपीएस नीरज भारती, पूर्व विधायक अजय महाजन, हिमाचल प्रदेश राज्य उद्योग विकास निगम के उपाध्यक्ष विशाल चंबियाल, महापौर धर्मशाला ओंकार नैहरिया, एडीसी कांगड़ा सौरभ जस्सल, एसपी कांगड़ा डॉ. खुशाल शर्मा, आयुक्त नगर निगम धर्मशाला अनुराग चंद्र, एडीएम कांगड़ा रोहित राठौड़, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे. इसके अतिरिक्त कांगड़ा जिले के सभी उपमंडल मुख्यालयों में भी गणतंत्र दिवस समारोह की धूम रही. उपमंडल स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में संबंधित एसडीएम ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली. इस मौके विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए.
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