धर्मशाला: निर्वासित तिब्बत सरकार के नए राष्ट्रपति पेनपा त्सेरिंग ने कहा कि वह एक दशक से ज्यादा समय के बाद चीन के साथ बातचीत शुरू करने की पूरी कोशिश करेंगे. यह दलाई लामा की तिब्बत यात्रा का सबसे अच्छा कदम हो सकता है.
'तिब्बत को पाने के लिए करेंगे हर कोशिश'
पेनपा त्सेरिंग ने कहा कि बौद्ध आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने अपनी शारीरिक स्थिति के आधार पर तिब्बत में अपने जन्मस्थान ल्हासा और कुछ अन्य स्थानों पर जाने की इच्छा व्यक्त की है. दलाई लामा उत्तर भारतीय शहर धर्मशाला में रहते हैं जहां निर्वासित सरकार आधारित है. 53 वर्षीय पेनपा त्सेरिंग ने कहा कि दलाई लामा चीन-तिब्बत विवाद को सुलझाने के लिए उत्सुक हैं और वह तिब्बत को हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
'चीन को मध्यम मार्ग अपनाने की जरूरत'
पेनपा त्सेरिंग ने दलाई लामा की स्थिति का समर्थन करते हुए कहा कि चीन निर्वासित तिब्बती सरकार को मान्यता नहीं देता है और 2010 के बाद से दलाई लामा के प्रतिनिधियों के साथ कोई बातचीत नहीं की है. बता दें तिब्बत की निर्वासित संसद के पूर्व अध्यक्ष पेनपा त्सेरिंग ने पिछले महीने धर्मशाला में राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. उन्होंने कहा कि चीन को एक मध्यम मार्ग अपनाना चाहिए जो तिब्बतियों को स्वायत्तता प्रदान करेगा और उन्हें पूर्ण स्वतंत्रता के बिना अपनी संस्कृति और भाषा की रक्षा करने की अनुमति देगा.
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