नगरोटा/ कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों में से नगरोटा सीट काफी अहम है. यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है लेकिन 2017 में बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा किया और कांग्रेस के गढ़ पर विजय पताका फहराया. (Nagrota Assembly Seat) (himachal pradesh elections result 2022)
नगरोटा सीट पर मतदान: कांगड़ा जिले की 15 विधासभा सीटों में से नगरोटा सीट पर इस बार सबसे अधिक मतदान हुआ है. यहां मतदान का प्रतिशत 76.72 दर्ज किया गया. वहीं साल 2017 में 77.05 प्रतिशत मतदान हुआ था. कांगड़ा जिले में 2017 में 72.47 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था जबकि 2022 में 71.68 फीसदी मतदान हुआ है. कुल मिलाकर नगरोटा में इस बार 2017 की तुलना में मतदान के प्रतिशत में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई. इस बार 32777 पुरुष व 36266 महिलाओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. (congress candidate rs bali)
नगरोटा में मतदाता: कांगड़ा जिले की नगरोटा विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की बात करें तो इसकी संख्या 89898 है. इसमें पुरूष मतदाता 45212 हैं तो महिला मतदाताओं की संख्या 44686 है. इसके अलावा 1064 सर्विस वोटर व अन्य भी हैं. इससे यहां पर कुल वोटरों की संख्या इस बार 90962 है.
मैदान में कुल 4 प्रत्याशी: नगरोटा से कुल चार प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला 8 दिसंबर को होना है. बीजेपी ने अरूण कुमार मेहरा (कूका) (BJP Arun Kumar Mehra Kuka) को एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा है. उनके सामने चुनौती के रूप में कांग्रेस प्रत्याशी रघुबीर सिंह बाली (Congress Raghubir Singh Bali) हैं. इस सीट पर 1998 से 2012 तक के चारों चुनावों में भाजपा को मात देकर जीत का परचम जीएस बाली लहरा चुके हैं. वहीं आम आदमी पार्टी से उमाकांत और आजाद उम्मीदवार के तौर पर सिकंदर कुमार हैं. इस सीट से मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा है.
2017 में कूका ने अपने गुरु जीएस बाली को किया था परास्त: 2017 के विधानसभा चुनावों में कुल 77.05 प्रतिशत मतदान हुआ था. इन चुनावो में जीएस बाली के शिष्य रहे अरुण कुमार कूका ने अपने ही गुरु को हरा कर जीत हासिल की थी. अरुण कुमार कूका ने जीएस बाली को 1 हजार के वोटों के मार्जिन से हराया था.अरुण कुमार ने 32,039 यानी 49.79% वोट हासिल किए थे. जबकि कांग्रेस के जीएस बाली ने दूसरे स्थान पर रहते हुए 31,039 यानी 48.23% वोट प्राप्त किए थे. इस बार अरुण कुमार कूका का सामना अपने गुरु के बेटे आरएस बाली से है.
पहले कांग्रेस में थे कूका: वहीं बात अगर अरुण कुमार कूका की कि जाए तो अरुण कूका पहले कांग्रेस पार्टी में हुआ करते थे. उस समय राजनीति के दांव पेंच अरुण ने अपने गुरु जीएस बाली से ही सीखे थे जिनका इस्तेमाल आज भी कूका बखूबी करते हैं. इन्ही दांव पेंच की बदौलत अरुण कूका ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में अपने गुरु जीएस बाली को हरा कर जीत हासिल की थी. 58 साल के कूका के पास 2.28 करोड़ से ज्यादा की चल और अचल संपत्ति है.
पहली बार चुनाव लड़ रहे आरएस बाली: राजनीतिक परिवार से संबंध रखने वाले बाली बचपन से ही अपने पिता जीएस बाली से राजनीति की गोटियों को फिट करने का हुनर सीखते आए हैं. हालांकि इससे पहले आरएस बाली ने कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है. जीएस बाली की नगरोटा विधानसभा में अच्छी खासी पकड़ थी. इसी बदौलत आरएस बाली ने भी नगरोटा विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ने का निर्णय किया था. अब देखना यह होगा कि इस विधानसभा के लोग आरएस बाली पर कितना विश्वास जताते हैं.
बाली की संपत्ति का ब्योरा: कांग्रेस के प्रत्याशी आरएस बाली रईस उम्मीदवारों में से एक हैं. (Richest Congress Candidate RS Bali). चुनाव आयोग को नामांकन के समय दिए हलफनामे में आरएस बाली ने अपनी संपत्ति की जानकारी दी है. बाली पास 13 करोड़ से ज्यादा की चल जबकि 75 करोड़ से ज्यादा की अचल संपत्ति है. आरएस बाली को लग्जरी गाड़ियों का भी शौक है.
नगरोटा के ये हैं मुद्दे: बात अगर नगरोटा विधानसभा के मुद्दों की कि जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा कि जीएस बाली के समय इस क्षेत्र में विकास के कई आयाम स्थापित किये गए थे. जीएस बाली इस चंगर क्षेत्र के लिए कई परियोजनाओं को लेकर आए थे जिसका लाभ आज यहां की जनता को मिल रहा है. हालांकि अरुण कुमार कूका ने भी इस क्षेत्र के लोगों के लिए काम किया है लेकिन जनता ने इन चुनावों के दौरान किस प्रत्याशी पर अपना भरोसा जताया है इस बात का खुलासा तो 8 दिसंबर को ही पता चलेगा.
स्टार प्रचारकों ने लगा दिया था पूरा दम: भाजपा प्रत्याशी अरुण कुमार कूका के समर्थन में चुनाव प्रचार करने के लिए खुद गृह मंत्री अमित शाह नगरोटा पहुंचे और यहां कि जनता से अरुण के पक्ष में वोट डालने की अपील की. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी आरएस बाली के समर्थन में कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी नगरोटा बगवां के गांधी मैदान में पहुंचीं और आरएस बाली के पक्ष में वोट डालने की अपील लोगों से की.
पिछले चुनावों के नतीजे: इस सीट पर जहां 1998 से 2012 तक कांग्रेस के जीएस बाली लगातार चार चुनाव जीतते आए हैं. वहीं, 1982, 1985 और 1990 के चुनावों में भाजपा विजय पताका फहराती रही है. हालांकि 1993 में यह सीट निर्दलीय प्रत्याशी हार्डील चौधरी ने भाजपा के चौधरी राम चंद को 8,719 वोटों के मार्जिन से हराकर भी जीती थी. वहीं, 1972 और 1977 के दोनों चुनाव कांग्रेस के हरदयाल ने जीते थे.
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