धर्मशाला: दिल्ली से धर्मशाला घूमने आए छात्र हिमांशु आहूजा अपने ग्रुप से बिछड़ कर धौलाधार की पहाड़ियों में लापता हो गए थे. लगातार 7 दिन तक पुलिस व सेना प्रशासन हिमांशु को ढूंढने में जुटा हुआ था लेकिन किसी को सफलता हाथ में नहीं लगी थी. वहीं सोमवार को स्थानीय युवकों ने हिमांशु को ढूंढ निकाला है.
हिमांशु ने अपना दर्द बताते हुए कहा कि वह पहाड़ों बिताए सात दिन उनकी जिंदगी के सबसे बुरे 7 दिन है. अपने दोस्त से आपसी बहसबाजी की वजह से ग्रुप से अलग होने के फैसला मंहगा पड़ गया. उन्होंने कहा की गुस्से में वह इतने दूर निकल गए कि उन्हें कुछ पता नहीं चला और जब वह वाटरफॉल के पास पंहुचे तो वहां उनका पैर फिसल गया, जिससे उनके पैर की हड्डी टूट गई.
उन सात दिनों में रात का समय सबसे बुरा था और रात के समय काफी ठंड लगती थी. खाने के लिए कुछ नहीं था, सिर्फ पानी के सहारे गुजारना पड़ा. पहाड़ों में बिताए इन सात दिनों में किसी जंगली जानवर से सामना तो नहीं हुआ, लेकिन सोने में परेशानी होती थी.
हिमांशु ने बताया कि उनके साथ कोई गाइड नहीं था और उन्हें ऐसा लगता था कि उनको गाइड हायर करना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा.
बता दें कि दिल्ली से एक निजी कॉलेज से करीब 40 छात्र-छात्राएंधर्मशाला आए थे. आजकल त्रियुण्ड ट्रेक प्रतिबंधित होने के बावजूद कुछ छात्र वहां के लिए निकल गए. कुछ दूरी के बाद सभी वापस आ गए, लेकिन हिमांशु वहां लापता हो गया. स्थानीय युवाओं की बहादुरी की वजह से ये युवक 7 दिन बाद मिल पाया है.