धर्मशाला: बारिश के देवता भगवान श्री इंद्रु नाग धर्मशाला के खनियारा में विराजमान हैं. यहां भगवान इंद्रु नाग की पूजा इंद्रदेव के रूप में की जाती है. ऐसी मान्यता है कि जब भी बारिश की आवश्यकता हो या फिर मौसम साफ चाहिए हो तो, ग्रामीण भगवान श्री इंद्रु नाग मंदिर में गुर खेल (खेलपात्र) के माध्यम से भगवान के सुझाए गए मार्ग अनुसार पूजा की जाती है. जिसके बाद भगवान के आशीर्वाद से यहां बारिश होती है या फिर बारिश से राहत मिलती है. यहां धार्मिक मान्यता ऐसी है कि इस मंदिर में हिंदू-मुस्लिम एक साथ पूजा करते हैं.
भगवान श्री इंद्रु नाग मंदिर का इतिहास: खनियारा स्थित भगवान श्री इंद्रु नाग मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है. ग्रामीणों और मंदिर के पुजारी का कहना है कि यहां एक वान के पेड़ के नीचे भगवान के पदचिह्न मिले थे. उसके बाद यहां चंबा का एक राजा पहुंचा था. उनकी कोई संतान नहीं थी. भगवान श्री इंद्रु नाग ने उसे स्वप्न में दर्शन देकर संतान प्राप्ति का आशीर्वाद दिया था. इसके अगले ही दिन राजा स्वप्न में दिखे स्थान पर पहुंचा और भगवान श्री इंद्रु नाग की पूजा अर्चना की. उसके अगले ही साल राजा अपने बेटे के साथ वहां पहुंचा. इस दौरान उन्होंने भगवान श्री इंद्रु नाग की पूजा अर्चना की. वहीं, राजा ने भगवान का मंदिर बनवाने के साथ इस क्षेत्र की जमीन को मंदिर के नाम कर दिया. इसके बाद से मंदिर में विशेष पूजा का दौर शुरू हुआ. मान्यता है कि यहां जो भी श्रद्धालु अपनी मन्नत लेकर आया, उसकी हर मनोकामना भगवान ने पूरी की है.
मैचों के सफल आयोजन को लेकर विशेष पूजा: हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की भी भगवान श्री इंद्रु नाग पर बड़ी आस्था है. यहां क्रिकेट स्टेडियम बनने के बाद जब शुरुआती मैच हुए थे तो, एचपीसीए ने यहां पूजा-अर्चना शुरू की थी. उसके बाद ही यहां पर मैचों का सफल आयोजन हो पाया. एचपीसीए निदेशक संजय शर्मा ने कहा धर्मशाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में साल 2003 से मैचों का आयोजन हो रहा है. साल 2005 में पाकिस्तान की टीम और बोर्ड एकादश के बीच एक अभ्यास मैच धर्मशाला स्टेडियम में खेला गया. उस दौरान काफी ज्यादा बारिश हुई थी, जिसके चलते मैच में काफी व्यवधान पड़ा था. उन्होंने कहा इंद्रु नाग देवता यहां के स्थानीय देवता के रूप में पूजे जाते हैं. लोगों में उनकी अपार आस्था है. इसीलिए एचपीसीए भी हर वर्ष मैचों के सफल आयोजन को लेकर इंद्रु नाग देवता की विशेष पूजा अर्चना करता है. ताकि मैच के दौरान बारिश के चलते व्यवधान न पड़े. संजय शर्मा ने कहा जब से एचपीसीए ने इंद्रु नाग देवता के दर पर हाजिरी लगाई है, तब से सभी मैच बिना व्यवधान के संपन्न हुए हैं.
बिना व्यवधान विवाह संपन्न होने को लेकर पूजा: मंदिर के पुजारी पंडित विपन कुमार ने कहा इंद्रु नाग देवता में लोगों की अपार आस्था है. उन्हें बारिश के देवता के रूप में भी जाना जाता है. लोग विभिन्न प्रकार के बड़े आयोजनों की सफलता के लिए इंद्रु नाग देवता के दर पर हाजिरी लगाते हैं. शादी समारोह में भी मौसम साफ रहने की कामना और आसपास के 18 गांव के लोग अच्छी फसल की कामना को लेकर 6 महीने बाद विशेष पूजा अर्चना करते हैं. लोग शादी में मौसम साफ रहने की कामना को लेकर इंद्रु नाग देवता के दर पर सूखे काले चने चढ़ाते हैं. ताकि समारोह में बारिश व्यवधान ना डालें.
उन्होंने कहा ऐसा भी देखने में आया है कि एक और शादी हो रही है और दूसरी ओर लोग खाना खाकर बारिश के पानी से हाथ धोते थे. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान बारिश न होने की कामना को लेकर जिला प्रशासन भी इंद्रु नाग देवता के दर पर नतमस्तक हुआ था. अक्सर ऐसे बड़े आयोजनों की सफलता के लिए इंद्रु नाग देवता के दर पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है.
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