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किसानों का नहीं बिचौलियों और आढ़तियों का है आंदोलन: शांता कुमार

कृषि काननू के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने बड़ा बयान दिया है. सांता कुमार ने कहा है कि ये किसानों का नहीं बल्कि बिचौलियों और आढ़तियों का आंदोलन बन गया है. शांता कुमार ने कहा देश की जनता और किसान इस स्थिति को समझे और किसान के लिये नये कानून के रूप में इस सुनहरी मौके का लाभ उठाए.

former cm shanta kumar
पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार
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Published : Dec 9, 2020, 7:06 PM IST

पालमपुर: भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि भारत के सभी प्रदेशों और केन्द्र शासित राज्यों में से केवल मुख्य रूप से 2 प्रदेशों का यह किसान आन्दोलन है. पड़ोस के कुछ प्रदेशों के लोग आंशिक रूप से शमिल हैं. देश के दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में आन्दोलन नाममात्र भी नहीं है.

विपक्ष पर तंज

शांता कुमार ने कहा कि कहीं-कहीं विपक्षी दल केवल रस्म निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के लगभग सभी कृशि वैज्ञानिकों, विद्वानों और प्रबुध लेखकों ने नये कृषि कानूनों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा समय-समय पर कृषि सुधारों की मांग की जाती रही है. शरद पवार से लेकर कपिल सिब्बल तक ने समर्थन किया है. नेता मुकर सकते हैं परन्तु उनके वीडियो में कहे शब्द नहीं मुकर रहे हैं.

किसानों से शांता कुमार की अपील

शांता कुमार ने कहा कि यदि नये कानून किसानों के लिए इतने घातक हैं तो पूरे देश के सभी प्रदेशों में आंदोलन क्यों नहीं हो रहा है. आन्दोलन केवल उन्हीं प्रदेशों में हो रहा है जहां बिचौलिये और आढ़ती करोड़ों रुपये की कमाई करते थे. देश की जनता और किसान इस स्थिति को समझें और किसान के लिये नये कानून के रूप में इस सुनहरी मौके का लाभ उठाए.

ये भी पढ़ें : 14 दिसंबर को होगी हिमाचल कैबिनेट की बैठक, पंचायत चुनाव और कोरोना संक्रमण पर चर्चा संभव

पालमपुर: भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा है कि भारत के सभी प्रदेशों और केन्द्र शासित राज्यों में से केवल मुख्य रूप से 2 प्रदेशों का यह किसान आन्दोलन है. पड़ोस के कुछ प्रदेशों के लोग आंशिक रूप से शमिल हैं. देश के दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में आन्दोलन नाममात्र भी नहीं है.

विपक्ष पर तंज

शांता कुमार ने कहा कि कहीं-कहीं विपक्षी दल केवल रस्म निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के लगभग सभी कृशि वैज्ञानिकों, विद्वानों और प्रबुध लेखकों ने नये कृषि कानूनों का समर्थन किया है. उन्होंने कहा समय-समय पर कृषि सुधारों की मांग की जाती रही है. शरद पवार से लेकर कपिल सिब्बल तक ने समर्थन किया है. नेता मुकर सकते हैं परन्तु उनके वीडियो में कहे शब्द नहीं मुकर रहे हैं.

किसानों से शांता कुमार की अपील

शांता कुमार ने कहा कि यदि नये कानून किसानों के लिए इतने घातक हैं तो पूरे देश के सभी प्रदेशों में आंदोलन क्यों नहीं हो रहा है. आन्दोलन केवल उन्हीं प्रदेशों में हो रहा है जहां बिचौलिये और आढ़ती करोड़ों रुपये की कमाई करते थे. देश की जनता और किसान इस स्थिति को समझें और किसान के लिये नये कानून के रूप में इस सुनहरी मौके का लाभ उठाए.

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