पालमपुर: प्रदेश में लोग कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं लेकिन कुछ लोगों ने आपदा के इस काल को कमाई का अवसर बना दिया है. लोग प्रिंट रेट से कई गुना अधिक दाम वसूलकर आफत में फंसे मरीजों को लूटने से बाज नहीं आ रहे हैं. उपायुक्त कांगड़ा ने भले ही लोगों को वस्तुओं के अधिक दाम न वसूलने के बारे में चेताया है लेकिन दुकानदार बेधड़क ऊंचे दाम वसूल कर लोगों को लूट रहे हैं. कोरोना काल में लूट का ऐसा ही मामला नौरा पंचायत के करनेहड़ निवासी पूर्व सैनिक के साथ पेश आया है. पूर्व सैनिक ने मामले की शिकायत उपायुक्त कांगड़ा को दी है, कैसे दवा विक्रेता ने उसे इंजेक्शन ब्लैक में बेचा.
ये है पूरा मामला
नौरा निवासी पूर्व सैनिक राजेश कुमार ने कहा कि उसकी पत्नी को सांस लेने में दिक्कत आई तो वह उसे पीएचसी धीरा में उपचार के लिए ले गये. परीक्षण के बाद पाया गया कि महिला का ऑक्सीजन लेवल काफी नीचे गिर गया है लिहाजा उन्होंने महिला को सरकार की योजना के तहत निनी अस्पताल के फ्री बेड के लिए रेफर कर दिया. सुधार न होने के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को एमएच अस्पताल में शिफ्ट कराया. जहां डॉक्टरों ने पेन इंजेक्शन लगाने के लिए लिखा. जब पूर्व सैनिक दुकान पर गए तो इंजेक्शन पर 999 रुपये का प्रिंट था जबकि दुकानदार ने बत्तीस सौ बीस रुपए की मांग की.
दवा विक्रेता ने बिल देने से किया इनकार
राजेश ने उसे इंजेक्शन के बॉक्स पर अंकित मूल्य 999 रुपये बताया तो दवा विक्रेता ने कहा कि बत्तीस सौ बीस रुपए कीमत है. बत्तीस सौ लगेंगे लेना है तो लो वरना कहीं और ले लो. राजेश ने बताया कि इंजेक्शन नहीं मिल रहा था इसलिए मजबूरी में अतिरिक्त दाम देकर इंजेक्शन लेना पड़ा. राजेश ने कहा कि जब उससे बिल मांगा तो कहा कि बिल खत्म हो गए हैं. पूर्व सैनिक राजेश ने इस सारे प्रकरण की उपायुक्त से शिकायत कर फ्री बेड की एवज में पैसे वसूलने और इंजेक्शन ब्लैक में बेचने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की है.
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