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CSIR-IHBT ने मनाया 38वां स्थापना दिवस, ऑनलाइन माध्यम से जुड़े वैज्ञानिक व अधिकारी - आईएचबीटी की वृक्ष संपदा

सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्‍थान पालमपुर में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद की एकमात्र राष्‍ट्रीय प्रयोगशाला है. गुरुवार को 38वां स्थापना दिवस के मौके पर वैज्ञानिक और अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से एक दुसरे से जुड़े.

Himalaya Institute of Biosampled Technology Palampur
CSIR-IHBT ने मनाया 38वां स्थापना दिवस
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Published : Jul 2, 2020, 7:09 PM IST

Updated : Jul 2, 2020, 7:54 PM IST

पालमपुर: सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर ने अपना 38वां स्थापना दिवस मनाया. ऑनलाइन एमएस टीम के माध्यम से जैवप्रौद्यागिकी विभाग के सचिव डॉ. रेणु स्वरुप ने ड्राइविंग बायो-इकॉनोमी अवर स्ट्रेंथ एंड ऑपरच्यूनिटी विषय के बारे में बताया.

डॉ. रेणु स्वरुप ने विज्ञान के क्षेत्र में नवोन्मेष और जैव आर्थिक उत्थान के लिए जैव आधारित उत्पादों के मूल्यवर्धन पर बल दिया. सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी ने एमएस टीम के माध्यम से कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के 38वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी.

वीडियो.

इस अवसर पर डॉ. रेणु स्वरुप ने ऑनलाइन ही संस्थान के वार्षिक प्रतिवेदन 2019-20 और सीएसआईआर-आईएचबीटी की वृक्ष संपदा और प्रौद्योगिकी प्रोफाइल का विमोचन किया. इस मौके पर ‘सीएसआईआर-आईएचबीटी के औषधीय पौधे’ पुस्तिका का विमोचन भी किया गया. इस अवसर पर डॉ. रेणु स्वरूप ने ऑनलाइन ही एरोपोनिक सुविधा और सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी ने प्रकृति केजु का उद्घाटन भी किया.

संस्थान के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने संस्थान के वर्ष 2019-20 के वार्षिक प्रतिवेदन को प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि यह गर्व का विषय है कि संस्थान ने एससीइमेगो में संस्थागत रैंकिंग में 9 वां स्थान प्राप्त किया है. संस्थान ने 2019-20 में 130 रिसर्च पेपर प्रकाशित किए है.

डॉ. संजय कुमार ने कहा कि संस्थान की ओर से किसानों को सुगंधित फसलें उगाने के लिए अलग-अलग राज्यों (हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम, उत्तराखंड, ओडिशा, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और जम्मू और केंद्र शासित प्रदेश कश्मीर और लद्दाख ) में उनके खेतों में सगंध तेल के निष्कर्षण के लिए 50 आसवन इकाइयां स्थापित की गईं.

ये भी पढ़ें: बिलासपुर में ससुर पर लगा अपनी विधवा बहू को पीटने का आरोप, वीडियो वायरल

पालमपुर: सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर ने अपना 38वां स्थापना दिवस मनाया. ऑनलाइन एमएस टीम के माध्यम से जैवप्रौद्यागिकी विभाग के सचिव डॉ. रेणु स्वरुप ने ड्राइविंग बायो-इकॉनोमी अवर स्ट्रेंथ एंड ऑपरच्यूनिटी विषय के बारे में बताया.

डॉ. रेणु स्वरुप ने विज्ञान के क्षेत्र में नवोन्मेष और जैव आर्थिक उत्थान के लिए जैव आधारित उत्पादों के मूल्यवर्धन पर बल दिया. सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी ने एमएस टीम के माध्यम से कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के 38वें स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी.

वीडियो.

इस अवसर पर डॉ. रेणु स्वरुप ने ऑनलाइन ही संस्थान के वार्षिक प्रतिवेदन 2019-20 और सीएसआईआर-आईएचबीटी की वृक्ष संपदा और प्रौद्योगिकी प्रोफाइल का विमोचन किया. इस मौके पर ‘सीएसआईआर-आईएचबीटी के औषधीय पौधे’ पुस्तिका का विमोचन भी किया गया. इस अवसर पर डॉ. रेणु स्वरूप ने ऑनलाइन ही एरोपोनिक सुविधा और सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी ने प्रकृति केजु का उद्घाटन भी किया.

संस्थान के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने संस्थान के वर्ष 2019-20 के वार्षिक प्रतिवेदन को प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि यह गर्व का विषय है कि संस्थान ने एससीइमेगो में संस्थागत रैंकिंग में 9 वां स्थान प्राप्त किया है. संस्थान ने 2019-20 में 130 रिसर्च पेपर प्रकाशित किए है.

डॉ. संजय कुमार ने कहा कि संस्थान की ओर से किसानों को सुगंधित फसलें उगाने के लिए अलग-अलग राज्यों (हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम, उत्तराखंड, ओडिशा, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और जम्मू और केंद्र शासित प्रदेश कश्मीर और लद्दाख ) में उनके खेतों में सगंध तेल के निष्कर्षण के लिए 50 आसवन इकाइयां स्थापित की गईं.

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Last Updated : Jul 2, 2020, 7:54 PM IST
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