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सुखराम-वीरभद्र के बाद राणा और सुखविंदर की गलबहियां, सुक्खू बोले- राजेंद्र से कभी नहीं रहा मनमुटाव

राजेंद्र राणा के सुखविंदर सिंह सुक्खू का गले मिलना चर्चा का विषय बना रहा. सुक्खू ने कहा कि उनका राजेंद्र राणा से तो कभी विरोध ही नहीं था.

विधायक राजेंद्र राणा से गले मिलते पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू
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Published : Apr 14, 2019, 11:18 PM IST

हमीरपुर: भाजपा के गढ़ हमीरपुर में कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं की गल गलबहियां हुई. सुजालपुर से विधायक राजेंद्र राणा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू कार्यकर्ता सम्मेलन में एक दूसरे के गले लगते नजर आए. दोनों दिग्गजों का यह मिलन चर्चा का विषय बना रहा.

sukhwinder singh sukhu hugged rajendra rana
विधायक राजेंद्र राणा से गले मिलते पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू

चर्चा यह भी रही क्या ये मिलन भी उसी तरह का है जिस तरह से पंडित सुखराम और वीरभद्र का हुआ था. दोनों की गलबहियों को लेकर जब सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राजेंद्र राणा से तो उनका कभी मनमुटाव था ही नहीं. सुक्खू ने कहा कि उनका राजेंद्र राणा से तो कभी विरोध ही नहीं था.

हालांकि, ये सच्चाई भी किसी से छुपी नहीं है कि राजेंद्र राणा वीरभद्र सिंह के गुट के माने जाते हैं. वहीं, वीरभद्र सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू में लंबे समय से तकरार चली हुई है.

विधायक राजेंद्र राणा से गले मिलते पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू

बता दें कि वीरभद्र सिंह पिछले कई साल से सुखविंदर सिंह सुक्खू पर उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भी जुबानी हमले बोल चुके हैं. दोनों कांग्रेसी दिग्गजों में 36 का आंकड़ा है. एक दूसरे को तंज कसने से दोनों दिग्गज कभी नहीं चूकते. राजेंद्र राणा को वीरभद्र सिंह के गुट का माना जाता है. जिस कारण राजेंद्र राणा के सुखविंदर सिंह सुक्खू का गले मिलना सम्मेलन में चर्चा का विषय बना रहा.

हमीरपुर: भाजपा के गढ़ हमीरपुर में कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं की गल गलबहियां हुई. सुजालपुर से विधायक राजेंद्र राणा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू कार्यकर्ता सम्मेलन में एक दूसरे के गले लगते नजर आए. दोनों दिग्गजों का यह मिलन चर्चा का विषय बना रहा.

sukhwinder singh sukhu hugged rajendra rana
विधायक राजेंद्र राणा से गले मिलते पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू

चर्चा यह भी रही क्या ये मिलन भी उसी तरह का है जिस तरह से पंडित सुखराम और वीरभद्र का हुआ था. दोनों की गलबहियों को लेकर जब सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राजेंद्र राणा से तो उनका कभी मनमुटाव था ही नहीं. सुक्खू ने कहा कि उनका राजेंद्र राणा से तो कभी विरोध ही नहीं था.

हालांकि, ये सच्चाई भी किसी से छुपी नहीं है कि राजेंद्र राणा वीरभद्र सिंह के गुट के माने जाते हैं. वहीं, वीरभद्र सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू में लंबे समय से तकरार चली हुई है.

विधायक राजेंद्र राणा से गले मिलते पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू

बता दें कि वीरभद्र सिंह पिछले कई साल से सुखविंदर सिंह सुक्खू पर उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भी जुबानी हमले बोल चुके हैं. दोनों कांग्रेसी दिग्गजों में 36 का आंकड़ा है. एक दूसरे को तंज कसने से दोनों दिग्गज कभी नहीं चूकते. राजेंद्र राणा को वीरभद्र सिंह के गुट का माना जाता है. जिस कारण राजेंद्र राणा के सुखविंदर सिंह सुक्खू का गले मिलना सम्मेलन में चर्चा का विषय बना रहा.

Intro:पंडित सुखराम और वीरभद्र के बाद हमीरपुर के दो दिग्गजों राणा और सुखविंदर की गलबहियां
हमीरपुर.
भाजपा के गढ़ हमीरपुर में कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं की गल गलबहियां हुई. जी हां. सुजालपुर से विधायक राजेंद्र राणा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू कार्यकर्ता सम्मेलन में एक दूसरे के गले लगते नजर आए. दोनों दिग्गजों का यह मिलन चर्चा का विषय बना रहा. चर्चा यह भी रही क्या यह मिलन भी उसी तरह का है जिस तरह से पंडित सुखराम और वीरभद्र का हुआ था अथवा फिर दोनों के दिल मिल गए हैं. दोनों की गलबहियों को लेकर जब सुखविंदर सिंह सुक्खू से सवाल किया गया था उन्होंने कहा कि राजेंद्र राणा से तो उनका कभी मनमुटाव था ही नहीं। लेकिन यह सच्चाई भी किसी से छुपी नहीं है के राजेंद्र राणा वीरभद्र सिंह के गु टके माने जाते हैं और वीरभद्र सिंह तथा सुखविंदर सिंह सुक्खू में लंबे समय से तकरार चली हुई है।


Body:वीरभद्र सिंह पिछले कई सालों से सुखविंदर सिंह सुक्खू पर उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए भी जुबानी हमले बोल चुके हैं। दोनों कांग्रेसी दिग्गजों में 36 का आंकड़ा है। एक दूसरे को तंज कसने से दोनों दिग्गज कभी नहीं चूकते। राजेंद्र राणा को वीरभद्र सिंह के गुटका माना जाता है इसीलिए सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ उनका गले मिलना चर्चा का विषय सम्मेलन में बना रहा।

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गलबहियों को लेकर जब सुखविंदर सिंह सुक्खू से सवाल किया गया था उन्होंने कहा कि राजेंद्र राणा से तो कभी विरोध ही नहीं था.


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