हैदराबाद: बॉलीवुड की खूबसूरत हसीना दीपिका पादुकोण का 5 जनवरी को 38वां बर्थडे हैं. अपने शानदार फैशन स्टेटमेंट से फैंस दिलों की धड़कन बढ़ाने से लेकर बेदाग स्क्रीन प्रेजेंस तक, एक्ट्रेस लोगों के दिलों पर राज करती रही हैं. दीपिका ना सिर्फ एक बेहतरीन एक्ट्रेस है, बल्कि मेंटल हेल्थ अवेयरनेस की एक्टिव सपोर्टर भी हैं. वह मानसिक बीमारी को दूर करने की दिशा में बड़े लेवल पर काम कर रही हैं. उन्होंने कई इंटरव्यू में अपने मेंटल हेल्थ और डिप्रेशन की भी बात की है. आइए जानते हैं कि दीपिका अपने डिप्रेशन से कैसे बाहर निकली है और कैसे आज लोगों के लिए मेंटल हेल्थ अवेयरनेस की एडवोकेट बनी हुई है.
दीपिका पादुकोण ने कई इंटरव्यू में यह खुलासा किया कि डिप्रेशन से जूझते हुए उन्होंने कई बार आत्महत्या करने के बारे में सोचा था. एक इंटरव्यू के दौरान दीपिका ने अपने डिप्रेशन के बारे में बात करते हुए कहा, मुझे 2014 में डिप्रेशन का पता चला था. कभी-कभी मुझे सुसाइड करने का विचार भी आता था'.
इंटरव्यू के दौरान एक्ट्रेस ने इसका श्रेय अपनी मां उज्जला पादुकोण को दिया. क्योंकि उन्होंने उन्हें डिप्रेशन के संकेतों और लक्षणों को पहचानने में मदद की थी. साथ ही उन्होंने अपनी मां से प्रोफेशनल हेल्प लेने के लिए भी कहा.
डिप्रेशन से अपनी लड़ाई के बारे में बात करते एक्ट्रेस ने यह भी कहा, 'मैं बिना किसी वजह से टूट जाती थी. बहुत डाउन फील करती थी. ऐसे दिन भी थे जब मैं जागना नहीं चाहती थी, मैं बस सोती थी क्योंकि एक नींद ही थी, जब मैं चैन से रहती थी. मैं कई बार सुसाइड करने के बारे में सोचती थी. मेरे पेरेंट्स बैंगलोर में रहते हैं, इसलिए हर बार जब वे मुझसे मिलने आते हैं, यहां तक कि अब भी जब वे मुझसे मिलने आते हैं, तो मैं हमेशा यह दिखावा करती हूं कि सब कुछ ठीक है. आप हमेशा अपने पेरेंट्स दिखाना चाहते हैं कि आप ठीक हैं'.
एक्ट्रेस ने बताया कि एक बार जब उनके पेरेंट्स बेंगलुरु वापस जा रहे थे और तब वह पूरी तरह से टूट गई थीं. तब उनकी मां ने उनसे एक आम सवाल पूछीं जैसे की बॉयफ्रेंड के बारे में, काम के बारे में? दीपिका ने बताया कि उनके पास उनकी मां के सवालों का कोई जवाब नहीं था, क्योंकि इनमें से कोई भी वजह नहीं थी. तब उनकी मां तुरंत समझ गई. एक्ट्रेस ने कहा, 'मुझे लगा कि भगवान ने मेरे लिए मेरी मां को भेजा है'.
दीपिका कहती हैं, 'मुझे अजीब लगता था कि लोग इसके बारे में बात नहीं करते. यह एक कलंक था और लोग इसके बारे में कुछ ज्यादा नहीं जानते थे. उस दौरान, मुझे ऐसा लगा कि अगर मैं इस स्थिति से गुजर रही हूं, तो वहां बहुत से लोग डिप्रेशन का सामना कर रहे होंगे. मैं अब यहीं सोचती हूं कि अगर मैं सिर्फ एक जिंदगी बचा पाई, तो मेरा गोल पूरा हो गया. अब हम काफी आगे आ चुके हैं.'
बता दें कि अपनी कहानी साझा करने के बाद दीपिका ने मेंटल हेल्थ के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए लाइव लव लाफ फाउंडेशन की स्थापना की, जिसका उद्देश्य मेंटल समस्याओं से जूझ रहे लोगों की मदद करना है.