हममें से ज्यादातर लोग आज के दौर में गैस और एसिडिटी की समस्या से पीड़ित हैं. एसिडिटी की समस्या के कारण कभी-कभी सीने में दर्द महसूस होता है और दिल की धड़कन बढ़ जाती है. इस तरह के लक्षण दिखने पर ज्यादातर लोग इसे दिल का दौरा पड़ने से जोड़ते हैं. लेकिन यह बात ध्यान रखें कि हर बार सिर्फ हार्ट अटैक ही नहीं बल्कि अन्य समस्याएं भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं...
सीने में दर्द क्यों होता है?
डॉ. जानकी श्रीनाथ का कहना है कि यह समस्या बैक्टीरियल इंफेक्शन, हाई पीएच लोडिंग और तनावपूर्ण नौकरी जैसे कारणों से होती है. अगर आप तेल और प्रोटीन से भरपूर आहार का सेवन करते हैं तो भी पाचन तंत्र पर बोझ पड़ता है. इससे भोजन को पचाने के लिए अधिक एसिड निकलता है. डॉ. जानकी ने आगे कहा कि अगर ऐसा खाना बार-बार खाया जाए तो पेट में गैस बनेगी और सीने में दर्द शुरू हो जाएगा. अगर आप समय पर खाना नहीं खाएंगे तो भी आपके सीने में दर्द हो सकता है. हालांकि, डॉक्टर कुछ परीक्षणों के माध्यम से इस समस्या के कारण की पहचान करने का सुझाव देते हैं. इसके साथ ही खान-पान में बदलाव भी बेहद जरूरी है.
इन चीजों से बचें
जिन लोगों गैस की समस्या होती है उनके सीने में दर्द होना या सीने में जलन होना आम है. ऐसे में गैस की समस्याओं से पीड़ित लोगों को मिर्च, गरम मसाला, कॉफी का सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए. इसके अलावा तेल, प्रोटीन युक्त मटन, चिकन, ग्रेवी करी और अखरोट के इस्तेमाल से बनी मसाला करी जैसे खाद्य पदार्थों का भी अधिक सेवन नहीं करना चाहिए. अगर वे इस तरह का खाना खाते हैं तो इसमें मौजूद अतिरिक्त फैट उनके पाचन तंत्र पर बोझ डाल सकती है. हालांकि, जीवनशैली और आहार में बदलाव से इस समस्या को हल किया जा सकता है.
जानकी श्रीनाथ का कहना है कि लिवर और पैंक्रियाज में अधिक फैट होने पर भी खाना आसानी से नहीं पचता है. इसलिए लोगों को इस समस्या से बचने और इसे खत्म करने के लिए अतिरिक्त वजन और चर्बी को कम करना चाहिए. साफ और ताजा खाना खाने की सलाह दी जाती है. यह भी सलाह दी जाती है कि कम और बार-बार खाएं ताकि पाचन तंत्र पर बोझ न पड़े.
पैदल चलना फायदेमंद है
खाने के बाद आपको 10-15 मिनट तक टहलना चाहिए. एक दिन में कम से कम 10,000 कदम चलना चाहिए. आपको अपने स्वाद और क्षमता के अनुसार थोड़ा-थोड़ा करके खाने की कोशिश करनी चाहिए...