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अनुराग के गोद लिए गांव में ETV BHARAT की ग्राउंड रिपोर्ट, जनता ने बताया कितना आदर्श है सांसद का गांव

ETV BHARAT  के संवाददाता ने गांव का दौरा कर लोगों की राय जानी. लोगों का कहना है कि गांव में कुछ हद तक विकास तो हुआ है, लेकिन आदर्श वाली कोई बात नहीं है.

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Published : Apr 13, 2019, 11:48 PM IST

हमीरपुरः जिला मुख्यालय हमीरपुर से सटे गांव अनु कला गांव को वर्ष 2017 में सांसद अनुराग ठाकुर ने गोद लिया था. 2 वर्ष पहले गोद लिए गए इस आदर्श गांव में लोगों के लिए विकास के मायने बदले नहीं हैं. यहां के लोगों की गांव में विकास को लेकर मिली-जुली राय है. कुछ लोगों का कहना है कि यहां पर मूलभूत सुविधाओं सड़क निकासी नालियों तक का निर्माण नहीं हो सका है, जबकि कुछ लोग सांसद ग्राम आदर्श योजना के तहत किए गए कार्यों से संतुष्ट भी दिखे हैं.

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पंचायत प्रधान का गांव के विकास को लेकर तर्क है कि जब इस गांव को गोद लिया गया था, उस समय प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता में थी. शुरुआती चरण में कांग्रेस सरकार और कांग्रेसी नेताओं के चलते यह गांव विकास में पिछड़ गया. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के वर्ष 2018 में सत्ता आने के बाद से इस गांव में विकास की बयार आई है.

ETV BHARAT के संवाददाता ने गांव का दौरा कर लोगों की राय जानी. लोगों का कहना है कि गांव में कुछ हद तक विकास तो हुआ है, लेकिन आदर्श वाली कोई बात नहीं है. यह गांव जिला मुख्यालय से डेढ़ 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, ऐसे में यहां पर सड़क निकासी नालियां और अन्य सुविधाएं होना लाजमी है. लेकिन गांव में कई रास्ते और सड़कें तथा निकासी नालियां भी नहीं बन सकी हैं.

हालांकि जब हम गांव की सीमा पर पहुंचे तो मुख्य सड़क तक तो टाइल लगी हुई थी, लेकिन कई रास्ते और संपर्क सड़कें और निकासी नालियां न होने से बदहाल भी नजर आए. इसके अलावा स्वच्छता को लेकर भी सांसद के आदर्श गांव में कई कमियां नजर आई. गांव से गुजरने वाले 2 नालों में गंदगी के ढेर लगे हुए थे.

विदित है कि सांसद ग्राम आदर्श योजना में विभिन्न योजनाओं को समाहित कर के तहत पैसा खर्च किया जाता है. इसमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी लाखों रुपए खर्च होते हैं. लेकिन सांसद के गोद लिए गांव में कई जगहों पर नालों में कूड़े के अंबार लगे नजर आए, तो कहीं निकासी नालियां न होने से सड़के भरी हुई दिखी. ईटीवी भारत से बातचीत में गांव के लोगों ने भी वाक्य से अपनी राय रखी.

अनुराग के गोद लिए गांव में ETV BHARAT की ग्राउंड रिपोर्ट

पंचायत अनु कला के प्रधान सुरेंद्र मिन्हास का कहना है कि जब इस गांव को गोद लिया गया था तो प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता में थी और कांग्रेस सरकार ने शुरुआती चरण में इस गांव का विकास नहीं होने दिया. भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद इस गांव का विकास करवाया है और 95 फीसदी योजनाओं के तहत कार्यों को मुकम्मल कर लिया गया है.

हमीरपुरः जिला मुख्यालय हमीरपुर से सटे गांव अनु कला गांव को वर्ष 2017 में सांसद अनुराग ठाकुर ने गोद लिया था. 2 वर्ष पहले गोद लिए गए इस आदर्श गांव में लोगों के लिए विकास के मायने बदले नहीं हैं. यहां के लोगों की गांव में विकास को लेकर मिली-जुली राय है. कुछ लोगों का कहना है कि यहां पर मूलभूत सुविधाओं सड़क निकासी नालियों तक का निर्माण नहीं हो सका है, जबकि कुछ लोग सांसद ग्राम आदर्श योजना के तहत किए गए कार्यों से संतुष्ट भी दिखे हैं.

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पंचायत प्रधान का गांव के विकास को लेकर तर्क है कि जब इस गांव को गोद लिया गया था, उस समय प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता में थी. शुरुआती चरण में कांग्रेस सरकार और कांग्रेसी नेताओं के चलते यह गांव विकास में पिछड़ गया. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के वर्ष 2018 में सत्ता आने के बाद से इस गांव में विकास की बयार आई है.

ETV BHARAT के संवाददाता ने गांव का दौरा कर लोगों की राय जानी. लोगों का कहना है कि गांव में कुछ हद तक विकास तो हुआ है, लेकिन आदर्श वाली कोई बात नहीं है. यह गांव जिला मुख्यालय से डेढ़ 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, ऐसे में यहां पर सड़क निकासी नालियां और अन्य सुविधाएं होना लाजमी है. लेकिन गांव में कई रास्ते और सड़कें तथा निकासी नालियां भी नहीं बन सकी हैं.

हालांकि जब हम गांव की सीमा पर पहुंचे तो मुख्य सड़क तक तो टाइल लगी हुई थी, लेकिन कई रास्ते और संपर्क सड़कें और निकासी नालियां न होने से बदहाल भी नजर आए. इसके अलावा स्वच्छता को लेकर भी सांसद के आदर्श गांव में कई कमियां नजर आई. गांव से गुजरने वाले 2 नालों में गंदगी के ढेर लगे हुए थे.

विदित है कि सांसद ग्राम आदर्श योजना में विभिन्न योजनाओं को समाहित कर के तहत पैसा खर्च किया जाता है. इसमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी लाखों रुपए खर्च होते हैं. लेकिन सांसद के गोद लिए गांव में कई जगहों पर नालों में कूड़े के अंबार लगे नजर आए, तो कहीं निकासी नालियां न होने से सड़के भरी हुई दिखी. ईटीवी भारत से बातचीत में गांव के लोगों ने भी वाक्य से अपनी राय रखी.

अनुराग के गोद लिए गांव में ETV BHARAT की ग्राउंड रिपोर्ट

पंचायत अनु कला के प्रधान सुरेंद्र मिन्हास का कहना है कि जब इस गांव को गोद लिया गया था तो प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता में थी और कांग्रेस सरकार ने शुरुआती चरण में इस गांव का विकास नहीं होने दिया. भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद इस गांव का विकास करवाया है और 95 फीसदी योजनाओं के तहत कार्यों को मुकम्मल कर लिया गया है.

Intro:एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट
सांसद अनुराग ठाकुर के गोद लिए गांव कीग्राउंड रिपोर्ट
हमीरपुर.
जिला मुख्यालय हमीरपुर से सटे गांव अनु कला गांव को वर्ष 2017 में सांसद अनुराग ठाकुर ने गोद लिया था. 2 वर्ष पहले गोद लिए गए इस आदर्श गांव में लोगों के लिए विकास के मायने बदले नहीं हैं. यहां के लोगों गांव में विकास को लेकर मिली-जुली राय है. कुछ लोगों का कहना है कि यहां पर मूलभूत सुविधाओं सड़क निकासी नालियों तक का निर्माण नहीं हो सका है, जबकि कुछ लोग सांसद ग्राम आदर्श योजना के तहत किए गए कार्यों से संतुष्ट भी दिखे हैं. पंचायत प्रधान का गांव के विकास को लेकर तर्क है कि जब इस गांव को गोद लिया गया था तो प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता में थी और शुरुआती चरण में कांग्रेस सरकार और कांग्रेसी नेताओं के चलते यह गांव विकास में पिछड़ गया. लेकिन भाजपा सरकार के वर्ष 2018 में सत्ता आने के बाद से इस गांव में विकास की बयार आई है.


Body:ईटीवी भारत के संवाददाता ने गांव का दौरा कर लोगों की राय जानी. लोगों का यह कहना है कि गांव में कुछ हद तक विकास तो हुआ है लेकिन आदर्श वाली कोई बात नहीं है. यह गांव जिला मुख्यालय से डेढ़ 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ऐसे में यहां पर सड़क निकासी नालियों और इत्यादि की सुविधा होना लाजमी है. लेकिन गांव में कई रास्ते और सड़कें तथा निकासी नालियां भी नहीं बन सकी हैं. हालांकि जब हम गांव की सीमा पर पहुंचे तो मुख्य सड़क तो टाइल लगी हुई थी लेकिन कई रास्ते और संपर्क सड़कें निकासी ना लिया ना होने से बदहाल भी नजर आए. इसके अलावा स्वच्छता को लेकर भी सांसद के आदर्श गांव में कई कमियां नजर आई. गांव से गुजरने वाले दो नालों में गंदगी के ढेर लगे हुए थे. विदित है कि सांसद ग्राम आदर्श योजना में विभिन्न योजनाओं को समाहित कर के तहत पैसा खर्च किया जाता है. इसमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी लाखों रुपए खर्च होता है. लेकिन संसद के गोद लिए गांव में कई जगहों पर नालों में कूड़े के अंबार लगे नजर आए तो कहीं निकासी ना लिया ना होने से सड़के भरी हुई दिखी. ईटीवी भारत से बातचीत में गांव के लोगों ने भी वाक्य से अपनी राय रखे.


Conclusion:बाइट
ग्राम पंचायत अनु कला के प्रधान सुरेंद्र मिन्हास का कहना है कि जब इस गांव को गोद लिया गया था तो प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता में थी और कांग्रेस सरकार ने शुरुआती चरण में इस गांव का विकास नहीं होने दिया. भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद इस गांव का विकास करवाया है और 95 फ़ीसदी योजनाओं के तहत कार्यों को मुकम्मल कर लिया गया है.
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