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बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध के कपाट बंद होने से दुकानदारों की बढ़ी परेशानी - Shopkeeper are suffring from financial crisis

कोरोना संक्रमण के चलते बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध के कपाट बंद होने से दुकानदारों की परेशानी बढ़ गई है. व्यापार मंडल के प्रधान संजय कुमार का कहना है कि यह ठीक है कि कोरोना के चलते मंदिर को बंद रखा गया है और श्रद्धालुओं की आवाजाही भी बंद कर दी गई है. दुकानदारों को आर्थिक मंदी से उबारने के लिए सरकार को इस संदर्भ में जरूर प्रयास करने चाहिए.

Baba balaknath
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Published : May 11, 2021, 2:28 PM IST

हमीरपुर: कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध के कपाट बंद हो गए हैं. वहीं, मंदिर के इर्द गिर्द दुकानदारी करने वाले लोगों के सामने समस्या खड़ी हो गई है. इनकी दुकानदारी श्रद्धालुओं के आवागमन पर ही निर्भर करती थी, लेकिन अब जबकि कोरोना के चलते 23 अप्रैल को मंदिर बंद हो गए हैं तो उनका व्यापार पूरी तरह से ठप पड़ा है.

सरकार से मांग

व्यापार मंडल के प्रधान संजय कुमार का कहना है कि यह ठीक है कि कोरोना के चलते मंदिर को बंद रखा गया है और श्रद्धालुओं की आवाजाही भी बंद कर दी गई है. दुकानदारों को आर्थिक मंदी से उबारने के लिए सरकार को इस संदर्भ में जरूर प्रयास करने चाहिए. पिछले साल भी दुकानदारों का लाखों रुपये का सामान रखा हुआ ही खराब हो गया था.

छोटे व्यापारियों पर पड़ी कोरोना की मार

इस साल जब 1 महीना मंदिर खोले गए तो श्रद्धालुओं की आवाजाही भी शुरू हो गई थी. इन दुकानदारों को आस जगी थी कि अबकी बार पिछले साल की भरपाई हो पाएगी. कोरोना की मार के चलते इनकी इनकम फिर से शून्य के कगार पर है.

दुकानदारों का आर्थिक मंदी से बुरा हाल

मंदिर ट्रस्ट को करोड़ों की कमाई चढ़ावे के रूप में हर साल प्राप्त होती है. मंदिर न्यास के डेढ़ सौ के करीब कर्मचारी भी हैं. जिनको सैलरी मिल ही जाती है लेकिन दुकानदारों को कुछ नहीं मिल पाने के कारण आर्थिक मंदी से बुरा हाल है.

ये भी पढे़ं- जेपी नड्डा ने लिखी सोनिया गांधी को चिट्ठी, कहा- लोगों को गुमराह करना बंद करे कांग्रेस

हमीरपुर: कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध के कपाट बंद हो गए हैं. वहीं, मंदिर के इर्द गिर्द दुकानदारी करने वाले लोगों के सामने समस्या खड़ी हो गई है. इनकी दुकानदारी श्रद्धालुओं के आवागमन पर ही निर्भर करती थी, लेकिन अब जबकि कोरोना के चलते 23 अप्रैल को मंदिर बंद हो गए हैं तो उनका व्यापार पूरी तरह से ठप पड़ा है.

सरकार से मांग

व्यापार मंडल के प्रधान संजय कुमार का कहना है कि यह ठीक है कि कोरोना के चलते मंदिर को बंद रखा गया है और श्रद्धालुओं की आवाजाही भी बंद कर दी गई है. दुकानदारों को आर्थिक मंदी से उबारने के लिए सरकार को इस संदर्भ में जरूर प्रयास करने चाहिए. पिछले साल भी दुकानदारों का लाखों रुपये का सामान रखा हुआ ही खराब हो गया था.

छोटे व्यापारियों पर पड़ी कोरोना की मार

इस साल जब 1 महीना मंदिर खोले गए तो श्रद्धालुओं की आवाजाही भी शुरू हो गई थी. इन दुकानदारों को आस जगी थी कि अबकी बार पिछले साल की भरपाई हो पाएगी. कोरोना की मार के चलते इनकी इनकम फिर से शून्य के कगार पर है.

दुकानदारों का आर्थिक मंदी से बुरा हाल

मंदिर ट्रस्ट को करोड़ों की कमाई चढ़ावे के रूप में हर साल प्राप्त होती है. मंदिर न्यास के डेढ़ सौ के करीब कर्मचारी भी हैं. जिनको सैलरी मिल ही जाती है लेकिन दुकानदारों को कुछ नहीं मिल पाने के कारण आर्थिक मंदी से बुरा हाल है.

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