हमीरपुर: एनआईटी हमीरपुर के डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर के डिग्री कोर्स की मान्यता के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया. यह कमेटी जल्द इस मसले के समाधान के लिए दिल्ली रवाना होगी. शिक्षा मंत्रालय और काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से अपॉइंटमेंट लेने के बाद यह टीम दिल्ली जाएगी. जानकारी के मुताबिक एनआईटी हमीरपुर में आर्किटेक्चर डिपार्टमेंट में काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से बिना मान्यता के ही डिग्री कोर्स की पढ़ाई करवाई जा रही थी. मामले में खुलासा होने के 1 दिन के भीतर ही एनआईटी हमीरपुर प्रबंधन ने काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से मान्यता की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 3 सदस्य वाली कमेटी का गठन किया है.
NIT हमीरपुर ने कमेटी का गठन: बताया जा रहा है कि एनआईटी हमीरपुर में डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर को काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से अप्रूवल न मिलने के कारण सैकड़ों स्टूडेंट अपने फ्यूचर को लेकर परेशान हैं. देशभर में चलने वाले शैक्षणिक संस्थान जिनमें आर्किटेक्चर की पढ़ाई हो रही है, उनको लाइसेंसिंग के लिए काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से पंजीकरण का अप्रूवल मिलना जरूरी है. एनआईटी हमीरपुर में इसके विपरीत डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर की बैचलर डिग्री शुरू हुए कई साल बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से एनआईटी हमीरपुर को मान्यता की मंजूरी नहीं मिल पाई है.
स्टूडेंट्स के फ्यूचर पर लटकी तलवार: जानकारी के मुताबिक इस विषय पर विद्यार्थियों ने एक खुला पत्र प्रबंधन के नाम लिखा था. वहीं, मामला चर्चा में आने के बाद अब एनआईटी हमीरपुर प्रबंधन ने इस बड़ी चूक में सुधार करने के लिए निर्णय लिया है. उम्मीद जताई जा रही है कि विद्यार्थियों का बैच पास आउट होने से पहले इस प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा, ताकि विद्यार्थियों को लाइसेंसिंग के लिए कोई दिक्कत पेश ना आए.
निदेशक की अगुवाई में हुई बैठक: मामला संज्ञान में आने के बाद एनआईटी हमीरपुर के निदेशक एचएम सूर्यवंशी की अगुवाई में विद्यार्थियों की मौजूदगी में एक बैठक का आयोजन किया गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत 3 सदस्य कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया गया,. बैठक में विद्यार्थियों को यह आश्वासन दिया गया है कि 2024 में बैच पास आउट होने से पहले इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा. एनआईटी हमीरपुर के रजिस्ट्रार डॉ. अर्चना ननोटी का कहना है कि डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर को डिग्री कोर्स की मान्यता के लिए 3 सदस्य कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी स्वयं दिल्ली जाकर इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करेगी.
क्यों जरूरी है काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से रजिस्ट्रेशन: एनआईटी हमीरपुर में देशभर से विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं. दरअसल शिक्षा मंत्रालय से किसी भी संस्थान में आर्किटेक्चर के पढ़ाई करने के लिए मंजूरी के साथ ही काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर में पंजीकरण भी जरूरी होता है. पढ़ाई के बाद विद्यार्थी जब जॉब के लिए निकलेंगे तो उनका काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर लाइसेंस प्राप्त होना जरूरी है. यह लाइसेंस उन संस्थानों के विद्यार्थियों को दिया जाता है, जोकि काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर के साथ पंजीकृत हैं. लंबा अरसा बीत जाने के बावजूद एनआईटी हमीरपुर की पंजीकरण की प्रक्रिया पूरा न होने पर अब विद्यार्थियों को अपने भविष्य का डर सताने लगा है.
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