हमीरपुर: जिला हमीरपुर के बरोहा पंचायत के डुघा कलां गांव में एक व्यक्ति का शव संदिग्ध हालत में बरामद हुआ है. जिला मुख्यालय के बरोहा के डुघा कलां गांव में बरामद हुए शव के मामले में नया खुलासा हुआ है. विशेषज्ञों की राय और पुलिस के जांच के बाद पता चला है कि बरामद किया गया शव जला नहीं था बल्कि डिस्पोज ऑफ हो रहा था. शरीर पूरी तरह से काला पड़ चुका था. टांगों और बाजू पर गहरे निशान दिखाई दे रहे थे. यह भी लग रहा था कि मौत से पहले व्यक्ति के हाथ और रस्सी से बंधे हुए थे लेकिन अब फॉरेंसिक जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि यह निशान किस वजह से पड़े हैं. जिस वजह से यह प्रतीत हो रहा था कि बॉडी जली हुई है लेकिन जांच के बाद पता चला है कि लाश लगभग 15 दिन पुरानी है.
प्रथम दृष्टि में लग रहा था कि शरीर जला हुआ है, लेकिन जब लाश को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर लाया गया तो प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि व्यक्ति को मरे हुए बहुत दिन हो चुके हैं, जिस वजह से शरीर काला पड़ चुका है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हमीरपुर विजय सकलानी ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है डेड बॉडी जली नहीं है बल्कि बहुत दिन पुरानी है. जिस वजह से शरीर काला पड़ गया है. अभी तक इसकी शिनाख्त भी नहीं हो पाई है. हालांकि लाश फंदे से लटकी हुई थी. उन्होंने कहा कि बिसरा सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं.
स्थानीय निवासी एवं प्रत्यक्षदर्शी रिंकू ने बताया कि वह सुबह मौके पर पहुंचे थे तो उन्हें गौशाला में बहुत बदबू आई और जब उन्होंने देखा तो यहां पर किसी व्यक्ति का शव संदिग्ध हालत में पड़ा हुआ था. उन्होंने कहा कि यह गौशाला लंबे समय से बंद थी. रिंकू का कहना है कि कुछ साल पहले भी इस तरह की घटना क्षेत्र में सामने आई थी और तब भी शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय सकलानी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे और मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है. गौरतलब है कि शव के शिनाख्त में मुश्किल हो रही है. हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि गांव से कोई व्यक्ति हाल फिलहाल में लापता नहीं है. इसलिए आशंका यह भी जताई जा रही है कि यह लाश किसी प्रवासी मजदूर की भी हो सकती है.
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