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हिमाचल की पहली महिला एम्बुलेंस चालक: 22 साल की उम्र में नैंसी ने थामा एम्बुलेंस का स्टीयरिंग - एम्बुलेंस चालक नैंसी कटनौरिया

चंबा जिले की सर्पीली सड़क पर हिमाचल की पहली महिला एम्बुलेंस चालक नैंसी कटनौरिया (First woman ambulance driver of Himachal) एम्बुलेंस चलाती नजर आईं. कांगड़ा के एम्बुलेंस जिला प्रभारी इशान राणा ने बताया कि नैंसी की कड़ी मेहनत और लगन को देखते हुए उन्हें चालक पद पर ज्वाइनिंग दी गई है. उन्होंने कहा कि नैंसी ने एम्बुलेंस चालक बनकर यह साबित कर दिया है कि प्रदेश की बेटियां किसी भी मामले में पुरुष से कम नहीं हैं.

first woman ambulance driver of Himachal
22 साल की उम्र में नैंसी बनी एम्बुलेंस चालक
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Published : Feb 4, 2022, 6:59 PM IST

चंबा: आज की तारीख में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है और इस बात को सार्थक करते हुए हमीरपुर की 22 साल की नैंसी कटनौरिया ने नूरपुर में एम्बुलेंस चालक (first woman ambulance driver of Himachal) के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया है. नैंसी हिमाचल पथ परिवहन से प्रशिक्षित (ambulance driver of Himachal ) हैं और अब प्रदेश की प्रथम एम्बुलेंस चालक के रूप में अपनी सेवा 102 एम्बुलेंस नूरपुर में दे रही हैं. शुक्रवार को चंबा जिले की सर्पीली सड़क पर हिमाचल की पहली महिला एम्बुलेंस चालक नैंसी कटनौरिया एम्बुलेंस चलाती नजर आईं. दरअसल शुक्रवार को नैंसी को चिंतपूर्णी से एक प्रसूता को उसके घर बनीखेत छोड़ने का जिम्मा सौंपा गया था.

इस दौरान नैंसी जब जिला की सड़कों पर एम्बुलेंस चलाती नजर आईं तो हरकोई सड़क पर रूक कर एम्बुलेंस को देखता रह गया. 22 वर्षीय नैंसी कटनौरिया ने हाल ही में नूरपुर में एंबुलेंस सेवा में बतौर अपना कार्यभार संभाला है. इससे पहले दो महीने तक उन्होंने एचआरटीसी हमीरपुर में ड्राइविंग स्कूल से प्रशिक्षण कर लाइसेंस प्राप्त किया है.

कांगड़ा के एम्बुलेंस जिला प्रभारी इशान राणा ने बताया कि हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर में चल रही 108 और 102 एम्बुलेंस का संचालन बिहार की मेडस्वान संस्था को सौंपा है और संस्थान ने पूर्व कर्मचारियों के साथ साथ नई प्रतिभाओं को भी एम्बुलेंस से जुड़ने का मौका दिया है. इसी के अंतर्गत नैंसी की कड़ी मेहनत और लगन को देखते हुए उन्हें चालक पद पर ज्वाइनिंग दी गई है. नैंसी के अनुसार उसका बचपन से ही सपना था की वो एक कुशल चालक बन कर प्रदेश के लोगों को सेवा दें और आज एम्बुलेंस चालक के रूप में चयनित हो कर के अपने सपने को पूरा कर रही हैं. जिला प्रभारी इशान राणा और मेडस्वान संस्था के आला अधिकारियों ने नैंसी को बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं.

ये भी पढ़ें: बर्फ की सफेद चादर से ढकी पहाड़ों की रानी शिमला, रिज पर मस्ती करते दिखे सैलानी

उन्होंने कहा कि नैंसी ने एम्बुलेंस चालक बनकर यह साबित कर दिया है कि प्रदेश की बेटियां किसी भी मामले में पुरुष से कम नहीं हैं. इससे पहले हम लोग अक्सर यह सुनते और देखते थे कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की वार्षिक परीक्षाओं में प्रदेश के बेटियां आगे रहीं. इसके अलावा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बेटियां आगे रहीं हैं, लेकिन अब आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं में भी प्रदेश की बेटियों ने दबदबा बनाना शुरू कर दिया है.

इस जिले से संबंध रखती हैं नैंसी: बता दें कि जिला हमीरपुर के नादौन तहसील के कश्मीर गांव की नैंसी हिमाचल प्रदेश की प्रथम एम्बुलेंस चालक (ambulance driver nancy ) के तौर पर अपनी सेवा 102 एम्बुलेंस नुरपूर में सेवाएं दे रही हैं. नैंसी ने बीकॉम की डिग्री हासिल की है और ‌जीवन में कुछ हट कर करने की सोच लेकर ही ये काम अपनाया है. हालांकि नैंसी का सपना लग्जरी बस चलाना है. फिलहाल अभी एंबुलेंस चलाकर काफी खुश हैं.

ये भी पढ़ें: अनुराग ठाकुर के ड्रीम प्रोजेक्ट को फिर ₹1000 के शगुन का टीका!, कब कांगड़ा पहुंचेगी ऊना-हमीरपुर रेलवे लाइन?

चंबा: आज की तारीख में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है और इस बात को सार्थक करते हुए हमीरपुर की 22 साल की नैंसी कटनौरिया ने नूरपुर में एम्बुलेंस चालक (first woman ambulance driver of Himachal) के रूप में अपना कार्यभार संभाल लिया है. नैंसी हिमाचल पथ परिवहन से प्रशिक्षित (ambulance driver of Himachal ) हैं और अब प्रदेश की प्रथम एम्बुलेंस चालक के रूप में अपनी सेवा 102 एम्बुलेंस नूरपुर में दे रही हैं. शुक्रवार को चंबा जिले की सर्पीली सड़क पर हिमाचल की पहली महिला एम्बुलेंस चालक नैंसी कटनौरिया एम्बुलेंस चलाती नजर आईं. दरअसल शुक्रवार को नैंसी को चिंतपूर्णी से एक प्रसूता को उसके घर बनीखेत छोड़ने का जिम्मा सौंपा गया था.

इस दौरान नैंसी जब जिला की सड़कों पर एम्बुलेंस चलाती नजर आईं तो हरकोई सड़क पर रूक कर एम्बुलेंस को देखता रह गया. 22 वर्षीय नैंसी कटनौरिया ने हाल ही में नूरपुर में एंबुलेंस सेवा में बतौर अपना कार्यभार संभाला है. इससे पहले दो महीने तक उन्होंने एचआरटीसी हमीरपुर में ड्राइविंग स्कूल से प्रशिक्षण कर लाइसेंस प्राप्त किया है.

कांगड़ा के एम्बुलेंस जिला प्रभारी इशान राणा ने बताया कि हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर में चल रही 108 और 102 एम्बुलेंस का संचालन बिहार की मेडस्वान संस्था को सौंपा है और संस्थान ने पूर्व कर्मचारियों के साथ साथ नई प्रतिभाओं को भी एम्बुलेंस से जुड़ने का मौका दिया है. इसी के अंतर्गत नैंसी की कड़ी मेहनत और लगन को देखते हुए उन्हें चालक पद पर ज्वाइनिंग दी गई है. नैंसी के अनुसार उसका बचपन से ही सपना था की वो एक कुशल चालक बन कर प्रदेश के लोगों को सेवा दें और आज एम्बुलेंस चालक के रूप में चयनित हो कर के अपने सपने को पूरा कर रही हैं. जिला प्रभारी इशान राणा और मेडस्वान संस्था के आला अधिकारियों ने नैंसी को बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं.

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उन्होंने कहा कि नैंसी ने एम्बुलेंस चालक बनकर यह साबित कर दिया है कि प्रदेश की बेटियां किसी भी मामले में पुरुष से कम नहीं हैं. इससे पहले हम लोग अक्सर यह सुनते और देखते थे कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की वार्षिक परीक्षाओं में प्रदेश के बेटियां आगे रहीं. इसके अलावा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बेटियां आगे रहीं हैं, लेकिन अब आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं में भी प्रदेश की बेटियों ने दबदबा बनाना शुरू कर दिया है.

इस जिले से संबंध रखती हैं नैंसी: बता दें कि जिला हमीरपुर के नादौन तहसील के कश्मीर गांव की नैंसी हिमाचल प्रदेश की प्रथम एम्बुलेंस चालक (ambulance driver nancy ) के तौर पर अपनी सेवा 102 एम्बुलेंस नुरपूर में सेवाएं दे रही हैं. नैंसी ने बीकॉम की डिग्री हासिल की है और ‌जीवन में कुछ हट कर करने की सोच लेकर ही ये काम अपनाया है. हालांकि नैंसी का सपना लग्जरी बस चलाना है. फिलहाल अभी एंबुलेंस चलाकर काफी खुश हैं.

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