शिमला: प्रदेश में क्लस्टर यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत पहले चरण में मिली ग्रांट अभी तक खर्च नहीं हो पाई है. इस यूनिवर्सिटी के लिए केंद्र की ओर से 27 करोड़ की ग्रांट जारी की गई है, लेकिन अभी तक इस ग्रांट को खर्च नहीं किया गया है.
ग्रांट खर्च न करने को लेकर कई बार केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से फटकार शिक्षा विभाग को लग चुकी है. लेकिन हालात यह है कि अभी तक भी यह ग्रांट खर्च नहीं हो पाई है. लेकिन अब मामले में सख्ती दिखाते हुए केंद्र से आए रूसा के अधिकारियों ने 20 दिन का समय इस ग्रांट को खर्च कर यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देने के निर्देश जारी किए हैं.
शिक्षा विभाग का भी दावा है कि इस तय समय के बीच में 27 करोड़ की ग्रांट को खर्च कर इसका यूसी एमएचआरडी को दे दिया जाएगा. मंडी में सरदार वल्लभ भाई पटेल क्लस्टर यूनिवर्सिटी को खोलने को लेकर आधारशिला रख दी गई है और यहां भवन निर्माण किया जा रहा है. यहां तक कि प्रदेश सरकार की ओर से स्थाई कुलपति तक कि नियुक्ति कर दी गई है. ऐसे में अब शिक्षा विभाग ने रूसा के अधिकारियों को यह आश्वासन दिलवाया है कि 20 दिनों के तय समय में 27 करोड़ रुपये खर्च कर इसका यूसी मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा.
शिक्षा निदेशक डॉ.अमरजीत शर्मा ने कहा कि क्लस्टर विवि में कुलपति की नियुक्ति कर दी गई है और अब यह यूनिवर्सिटी पूरी तरह से फंक्शनल है. जो भी सिविल, कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्य इस विश्वविद्यालय में हो रहे हैं. वो इसी 27 करोड़ की ग्रांट से पूरे होंगे. ऐसे में 20 दिनों के समय के अंदर यह ग्रांट खर्च कर अन्य ग्रांट इस यूनिवर्सिटी के लिए ली जाएगी.