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Himachal assembly budget session: सदर विधायक सुभाष ठाकुर सदन में उठाएंगे मंदिरों को पुनर्स्थापित करने के मामले

23 फरवरी से हिमाचल में बजट सत्र शुरू होने वाला है. ऐसे में हर वर्ग के लोग इस बजट से उम्मीदें लगाएं बैठे है कि उन्हें इस बजट से कुछ न कुछ मिलने वाला है. बजट सत्र के लिए 690 सवाल मिले हैं. वहीं, सदर विधायक सुभाष ठाकुर ने बताया कि जलमग्र मंदिरों को स्थानांतरित करने का मामला सदन में उठाया जाएगा. इसके लिए सरकार से बजट उपलब्ध करवाने की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि सदर विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से विकास करवाया जा रहा है.

MLA Subhash Thakur on restoration of temples in Himachal
मंदिरों को पुनर्स्थापित करने की मांग.
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Published : Feb 22, 2022, 5:44 PM IST

बिलासपुर: हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र (Himachal assembly budget session) 23 फरवरी से शुरू होने वाला है. बजट सत्र को लेकर सदन 690 सवाल मिले हैं. भाखड़ा बांध बनने के बाद 60 के दशक में अस्तित्व में आई गोविंद सागर झील में जलमग्र हुए कहलूर रियासत के मंदिरों को पुनर्स्थापित करने की जिला प्रशासन की योजना के सिरे चढ़ने की उम्मीद बढ़ी है. पिछले कई वर्षों से इन मंदिरों को झील से उठाकर दूसरी जगह पुनर्स्थापित करने की योजना फाइलों में ही दबकर रह गई थीं. इस मामले में जगह का चयन न होने के कारण मामला अधर में लटका था. हालांकि इन मंदिरों को पुनर्स्थापित करने के लिए एक्सपर्ट की टीम इन मंदिरों का सर्वे कर चुकी है.

जानकारी के अनुसार इन मंदिरों को पुनर्स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हनुमान टिल्ला के पास चयनित की गई 8.15 बीघा जमीन को जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग के नाम पर स्थानांतरित कर दिया गया है, जिससे इन मंदिरों के पुनर्स्थापित होने की संभावना बढ़ गई है. वहीं, अब सदर विधायक सुभाष ठाकुर (Sadar MLA Subhash Thakur) ने इस मामले को बुधवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में उठाने का निर्णय लिया है.

बता दें कि गोविंद सागर झील में जुलाई से लेकर फरवरी तक पानी रहता है, जबकि अन्य महीनों में पानी कम होता है जिस कारण यह मंदिर पानी से बाहर रहते हैं. इन मंदिरों का इंडियन ट्रस्ट फॉर रूरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट नई दिल्ली व द डिजाइन एजेंसी जयपुर की टीमों द्वारा निरीक्षण किया जा चुका है. संबंधित एजेंसियों ने जून, 2019 में भी इन मंदिरों का निरीक्षण किया था और अपनी-अपनी रिपोर्ट भाषा एवं संस्कृति विभाग को सौंपी थी.

इसके बाद इन एजेंसियों ने अपनी-अपनी प्रेजेंटेशन भी विभाग को दे दी थी. संबंधित एजेंसियों के इन सदस्यों ने जलमग्र मंदिरों की फोटोग्राफी सहित इसके इतिहास की पूरी जानकारी ली थी. इस दौरान हनुमान टिल्ला के पास जिला प्रशासन द्वारा चयनित जमीन का निरीक्षण भी किया था. भाखड़ा बांध बनने के कारण अस्तित्व में आई गोविंद सागर झील में न केवल बिलासपुर शहर जलमग्र हो गया था बल्कि कहलूर रियासत काल के कई प्राचीन मंदिर भी जलमग्र हो गए थे.

मौजूदा समय में केवल 8 मंदिर ही शेष बचे हैं, जिन्हें विभाग उसी शैली में दूसरी जगह पुनर्स्थापित करना चाहता है. इसके लिए विभाग के नाम पर हुई जमीन पर हनुमान टिल्ला के पास हेरिटेज पार्क बनाए जाने की योजना है. यहां पर हेरिटेज पार्क बनने से न केवल पर्यटकों को कहलूर रियासत के इन मंदिरों को देखने को मिलेगा बल्कि बिलासपुर की नई पीढ़ी को भी कहलूर रियासत की जानकारी मिलेगी. इससे बिलासपुर में पर्यटन व्यवसाय (tourism business in bilaspur) बढ़ेगा. सदर विधायक सुभाष ठाकुर ने बताया कि जलमग्र मंदिरों को स्थानांतरित करने का मामला सदन में उठाया जाएगा. इसके लिए सरकार से बजट उपलब्ध करवाने की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि सदर विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से विकास करवाया जा रहा है.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के लिए 690 सवाल मिले हैं. इनमें से 490 तारांकित प्रश्न हैं, जिनमें 306 ऑनलाइन मिले हैं और 200 अतारांकित हैं, जिनमें से 83 ऑनलाइन मिले हैं. इनमें सड़कों के निर्माण, शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थानों को स्तरोन्नत करने, विभिन्न विभागों में रिक्तियां भरने, बढ़ते आपराधिक मामलों, ऊर्जा, परिवहन, न्यू पेंशन स्कीम आदि से संबंधित सवाल हैं.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस सांसद प्रतिभा सिंह के बयान पर भड़के आश्रय, पार्टी हाईकमान से शिकायत करने की बात कही

बिलासपुर: हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र (Himachal assembly budget session) 23 फरवरी से शुरू होने वाला है. बजट सत्र को लेकर सदन 690 सवाल मिले हैं. भाखड़ा बांध बनने के बाद 60 के दशक में अस्तित्व में आई गोविंद सागर झील में जलमग्र हुए कहलूर रियासत के मंदिरों को पुनर्स्थापित करने की जिला प्रशासन की योजना के सिरे चढ़ने की उम्मीद बढ़ी है. पिछले कई वर्षों से इन मंदिरों को झील से उठाकर दूसरी जगह पुनर्स्थापित करने की योजना फाइलों में ही दबकर रह गई थीं. इस मामले में जगह का चयन न होने के कारण मामला अधर में लटका था. हालांकि इन मंदिरों को पुनर्स्थापित करने के लिए एक्सपर्ट की टीम इन मंदिरों का सर्वे कर चुकी है.

जानकारी के अनुसार इन मंदिरों को पुनर्स्थापित करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हनुमान टिल्ला के पास चयनित की गई 8.15 बीघा जमीन को जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग के नाम पर स्थानांतरित कर दिया गया है, जिससे इन मंदिरों के पुनर्स्थापित होने की संभावना बढ़ गई है. वहीं, अब सदर विधायक सुभाष ठाकुर (Sadar MLA Subhash Thakur) ने इस मामले को बुधवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में उठाने का निर्णय लिया है.

बता दें कि गोविंद सागर झील में जुलाई से लेकर फरवरी तक पानी रहता है, जबकि अन्य महीनों में पानी कम होता है जिस कारण यह मंदिर पानी से बाहर रहते हैं. इन मंदिरों का इंडियन ट्रस्ट फॉर रूरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट नई दिल्ली व द डिजाइन एजेंसी जयपुर की टीमों द्वारा निरीक्षण किया जा चुका है. संबंधित एजेंसियों ने जून, 2019 में भी इन मंदिरों का निरीक्षण किया था और अपनी-अपनी रिपोर्ट भाषा एवं संस्कृति विभाग को सौंपी थी.

इसके बाद इन एजेंसियों ने अपनी-अपनी प्रेजेंटेशन भी विभाग को दे दी थी. संबंधित एजेंसियों के इन सदस्यों ने जलमग्र मंदिरों की फोटोग्राफी सहित इसके इतिहास की पूरी जानकारी ली थी. इस दौरान हनुमान टिल्ला के पास जिला प्रशासन द्वारा चयनित जमीन का निरीक्षण भी किया था. भाखड़ा बांध बनने के कारण अस्तित्व में आई गोविंद सागर झील में न केवल बिलासपुर शहर जलमग्र हो गया था बल्कि कहलूर रियासत काल के कई प्राचीन मंदिर भी जलमग्र हो गए थे.

मौजूदा समय में केवल 8 मंदिर ही शेष बचे हैं, जिन्हें विभाग उसी शैली में दूसरी जगह पुनर्स्थापित करना चाहता है. इसके लिए विभाग के नाम पर हुई जमीन पर हनुमान टिल्ला के पास हेरिटेज पार्क बनाए जाने की योजना है. यहां पर हेरिटेज पार्क बनने से न केवल पर्यटकों को कहलूर रियासत के इन मंदिरों को देखने को मिलेगा बल्कि बिलासपुर की नई पीढ़ी को भी कहलूर रियासत की जानकारी मिलेगी. इससे बिलासपुर में पर्यटन व्यवसाय (tourism business in bilaspur) बढ़ेगा. सदर विधायक सुभाष ठाकुर ने बताया कि जलमग्र मंदिरों को स्थानांतरित करने का मामला सदन में उठाया जाएगा. इसके लिए सरकार से बजट उपलब्ध करवाने की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि सदर विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से विकास करवाया जा रहा है.

बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के लिए 690 सवाल मिले हैं. इनमें से 490 तारांकित प्रश्न हैं, जिनमें 306 ऑनलाइन मिले हैं और 200 अतारांकित हैं, जिनमें से 83 ऑनलाइन मिले हैं. इनमें सड़कों के निर्माण, शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थानों को स्तरोन्नत करने, विभिन्न विभागों में रिक्तियां भरने, बढ़ते आपराधिक मामलों, ऊर्जा, परिवहन, न्यू पेंशन स्कीम आदि से संबंधित सवाल हैं.

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